झाबुआ। जिले में सीएम शिवराज के लिए हेलीपैड का निर्माण करने की वजह से प्रशासन ने बच्चों के झूले को हाथीपावा की पहाड़ी से उखाड़ दिया था, ये मामला अब सूर्खियां बटोर रहा है. ऐसे में अब पूरा शहर झाबुआ के तत्कालीन एसपी महेश चंद जैन को याद कर रहा है, क्योंकि उन्हीं के प्रयासों से इस पहाड़ी की तस्वीर पूरी तरह से बदली थी. उन्होंने न केवल बंजर पहाड़ी पर मिनी जंगल खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई, बल्कि इस स्थान को सिर्फ झाबुआ शहर ही नहीं पूरे जिले के लिए एक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित भी कर दिया था. वर्तमान में IPS जैन इंदौर में ACP ट्रैफिक हैं.
आईपीएस ने बंजर पहाड़ी की तस्वीर बदली: 2 दिसंबर 2016 को IPS महेश चंद जैन ने झाबुआ SP के रूप में प्रभार संभाला था. वे पूर्व से ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सालों से पौधारोपण अभियान चलाते आ रहे थे. इसी वजह से उन्होंने प्रभार संभालने के पहले ही दिन कह दिया था कि कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के साथ ही वे एक बंजर पहाड़ी को गोद लेकर उसे हराभरा बनाएंगे.
चैलेंज के रूप में किया काम: 2017 के फरवरी में एक कार्यक्रम को लेकर जैन हाथीपावा पहाड़ी पर गए थे, जिसके बाद उन्होंने तय कर लिया था कि इस पहाड़ी की तस्वीर पूरी तरह से वे बदलेंगे. उनकी बात को सुनकर वन विभाग के अधिकारियों ने उन्हें टोका भी कि यहां पूर्व में भी पौधारोपण के प्रयास हुए, लेकिन पथरीली जमीन होने से कभी कामयाबी नहीं मिल पाई. इसके बाद एसपी जैन ने इसे चैलेंज के रूप में लिया और उन्होंने आम लोगों को साथ में जोड़ते हुए गड्ढा खोद उसमें काली मिट्टी भरवाकर पौधारोपण किया. कुछ स्वयं के खर्च से तो कुछ वन विभाग के माध्यम से 6 फीट से अधिक ऊंचाई के पौधे मंगवाए, ताकि विपरीत मौसमी परिस्थितियों के बावजूद ये पौधे मुरझाए नहीं. ये सारी तैयारियां होने के बाद 2017 के जुलाई में दो दिवसीय पौधरोपण अभियान यहां चलाया गया. इसकी वजह से 2 दिन के अंदर बंजर पहाड़ी पर साढ़े 8 हजार पौधे लगा दिए गए.
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बच्चों की तरह पौधों का किया देखभाल: IPS महेश चंद जैन जब तक झाबुआ में पदस्थ रहे उन्होंने यहां लगे पौधों की बच्चों की तरह देखभाल की. पहाड़ी पर पौधों के लिए पानी का इंतजाम किया गया, पानी की टंकियां बनवाई और पुलिस विभाग के टैंकर से इन टंकियों में पानी डलवाया. इसके साथ ही दिसंबर से लेकर बारिश आने तक हर सप्ताह पौधों को सींचने के लिए अभियान चलाया ताकि भीषण गर्मी में भी पौधे जिंदा रहे.
जन्मदिन को बनाएं यादगार: इस दौरान वे कई अवसर पर पहाड़ी के अलग-अलग हिस्से में पौधे लगाते रहे. साथ ही आम लोगों में पर्यावरण संरक्षण का जज्बा पैदा करने के लिए उन्होंने एक स्लोगन भी दिया कि, "जन्मदिन को यादगार बनाइए, वृक्ष लगाइए, स्मृति को अमर बनाइए, वृक्ष लगाइए." ये IPS जैन के ही प्रयास हैं कि वर्तमान में पहाड़ी पर 15 हजार से अधिक पौधे पेड़ का आकार ले चुकी है और एक मिनी जंगल का एहसास कराते हैं.
उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता: हाथीपावा मॉर्निंग क्लब के अध्यक्ष कमलेश पटेल कहते हैं कि, आज हाथीपावा पहाड़ी का जो वर्तमान स्वरूप है, उसका श्रेय यदि किसी को जाता है तो वह है झाबुआ के तत्कालीन एसपी महेश चंद जैन. उनके प्रयासों से ही न केवल झाबुआ शहर बल्कि पूरे जिले को एक बड़ी सौगात मिली है.