झाबुआ। जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद पंचायत थांदला में बालवासा बैराज (Balwasa barrage construction exposed) का निर्माण किया जा रहा है, इसकी लागत करीब 7 करोड़ 22 लाख है. निर्माण कार्य नियमों को ताक पर रख कर किया जा रहा है, गुणवत्ता का जरा भी ध्यान नहीं रखा गया. गत 8 जनवरी को विभाग के अधीक्षण यंत्री अरुण चौहान जांच के लिए मौके पर पहुंचे थे, उन्होंने भी तकनीकी त्रुटि को मानते हुए निर्देश दिए थे कि बैराज के एक तरफ 253 मीटर हिस्से में 2 फीट चौड़ाई में कंक्रीट तोड़कर नए सरिए ओवरलैप किए जाए, जबकि मौके पर कुछ अलग ही गोलमाल चल रहा है. यहां 8 बॉय 8 इंच की चौड़ाई में 4 इंच के गड्ढे कर दिए गए हैं. इसके अलावा अधीक्षण यंत्री ने क्रैक वाली जगह से कोट लेकर टेस्ट करवाने के भी निर्देश दिए थे, उसका भी कुछ पता नहीं है.
31 दिसंबर को खत्म हो गई है समय सीमा: बैराज निर्माण की अवधि 31 दिसंबर 22 को पूर्ण हो चुकी है, आधिकारिक स्तर पर कार्य अवधि बढ़ाने के कोई आदेश जारी नहीं हुए हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि यदि साइट पर कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन रहेगा?
निर्माण कार्य में अनियमितता कैसी-कैसी
- निर्माण किए गए बैराज की वाल (दीवार) 4-5 जगह से क्रेक हो चुकी हैं, जो कि बांध निर्माण में घोर लापरवाही की गवाही दे रही है.
- बिना किसी लिखित आदेश के जल विभाग के अधिकारी मर्जी से तकनीकी नियमों को ताक पर रखकर निर्माण कार्य करवा रहे हैं.
- साइट पर पूर्ण निर्मित वाल पर सरिये ऊपरी लेयर पर ओवर लेप के लिए न होने से नए सरिये होल करके डलवाए जा रहे हैं, जो बांध निर्माण के नियमों के विरुद्ध है.
- कंक्रीट तोड़े बगेर सरिये को ओवरलैप नहीं कर सकते.
- डेम की मजबूती के लिए पुराने सरिये को नए सरिये से बाधंना आवश्यक है, ड्रिल करके नए सरिये अंदर डाल सकते हैं, किन्तु पुराने सरिये से बांधा नहीं जा सकता.
- बैराज निर्माण की साइट भी बदल दी गई, निर्माण की लंबाई कम कर दी गई और अधिकारियों ने ठेकेदार को इसका भुगतान भी कर दिया.
नियानुसार कार्य नहीं हुआ तो कार्रवाई करेंगे: जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री अरुण चौहान ने कहा कि "निरीक्षण के दौरान जो निर्देश दिए गए थे, यदि उसके अनुरूप काम नहीं हुआ तो कार्यवाई करेंगे, काम में देरी होने पर ठेकेदार पर पेनल्टी लगाएंगे''.
कारम डैम जैसे हालात बन सकते हैं: सीमावर्ती धार जिले के कारम डैम की घटना को अब तक लोग नहीं भूले हैं. यदि बालवासा बैराज के निर्माण में भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया तो भविष्य में इस तरह का हादसा होने की पूरी संभावना है. बता दें कि 12 अगस्त 2022 को धार में कारम नदी पर बनाए जा रहा डैम से पानी रिसने के बाद इसके फूटने का खतरा पैदा हो गया था. 12 घंटे के अंदर इस बांध में दो अलग-अलग जगहों से पानी का रिसाव हुआ था.