जबलपुर। 'द केरल स्टोरी' को मध्यप्रदेश में टैक्स फ्री कर दिया गया है. वहीं, भाजपा के नेता व कार्यकर्ता इस फिल्म को देखने के लिए सिनेमा हॉल में पहुंच रहे हैं. इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी के 300 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने 'द केरल स्टोरी' को शहर के एक मॉल में जाकर देखा. इन कार्यकर्ताओं के साथ जबलपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद राकेश सिंह व विधायक अशोक रोहाणी भी मौजूद रहे. वहीं जिले के हर विधानसभा के कार्यकर्ता फिल्म देखने के लिए पहुंचे थे.
राकेश सिंह बोले- लव जिहाद एक बड़ी समस्याः इस फिल्म को देखने के बाद सांसद राकेश सिंह का कहना है कि 'द केरल स्टोरी' के जरिए हिंदू लड़कियों को बचाने की कोशिश की जा रही है. राकेश सिंह का कहना है कि लव जिहाद एक बड़ी समस्या है, जिसका कोई राजनीतिक या कानूनी समाधान नहीं है. इसे केवल जन जागरूकता से ही रोका जा सकता है. राकेश सिंह का कहना है कि केरल में यह समस्या बड़े पैमाने पर है और गाहे-बगाहे हमारे समाज में भी ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन इसे रोकने के लिए अब लोगों को जागरूक होकर सामने आना होगा.
फ्री में फिल्म दिखाने के लिए अभियानः भारतीय जनता पार्टी के कई विधायक लोगों को फ्री में यह फिल्म दिखाने के लिए एक अभियान चला रहे हैं और थिएटर के अलावा शहर के कुछ हॉल्स में भी इस फिल्म को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के अलावा दूसरे लोगों को भी दिखाया जा रहा है.
लव जिहाद सामान्य घटना नहींः जबलपुर कैंट के विधायक अशोक रोहाणी ने कहा कि फिल्म के जरिए समाज के एक बेहद संवेदनशील मुद्दे को बहुत सही तरीके से समझाने की कोशिश की गई है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसे देखना चाहिए, ताकि लव जिहाद पर रोक लग सके. 'द केरल स्टोरी' में फिल्मकार ने यह दिखाने की कोशिश की है कि लव जिहाद सामान्य घटना नहीं है, बल्कि इसको सिलसिलेवार ढंग से अंजाम दिया जा रहा है. इसमें बाकायदा कुछ लोग स्लीपर सेल जैसे काम करते हैं और भावनात्मक तरीके से हिंदू लड़कियों को मुस्लिम लड़कों से शादी करने के लिए तैयार किया जाता है और बाद में उनका धर्म परिवर्तन किया जाता है.
ये फिल्म भारतीय समाज पर छोड़ती है गहरा असरः फिल्मों के जरिए कार्यकर्ताओं को राजनीतिक मुद्दों के लिए तैयार करने का यह प्रयोग इसके पहले 'द कश्मीर फाइल्स' के जरिए शुरू हुआ था और अब यह 'द केरला स्टोरी' के जरिए दोहराया जा रहा है. हालांकि लोग यह जानते हैं कि फिल्म एक काल्पनिक घटना पर आधारित होती है, लेकिन यह भारतीय समाज पर गहरा असर छोड़ती है और भारतीय जनता पार्टी इसी का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है. कई प्रदेशों में विधानसभा चुनाव की तैयारी है और अगले साल लोकसभा चुनाव भी हैं. इसलिए कार्यकर्ताओं को इस मुद्दे के जरिए तैयार करने का यह एक सरल तरीका नजर आता है.