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राष्ट्रीय किसान दिवस पर किसानों की मांग, उपज का मिले सही दाम - किसानों की मांग

आज राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर झाबुआ के किसानों ने सही नीति लागू करने और उपज के सही दाम की मांग की है.

Demand for farmers on National Farmers Day
राष्ट्रीय किसान दिवस पर किसानों की मांग
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Published : Dec 23, 2019, 6:21 PM IST

झाबुआ। किसान ने हमेशा अपना पसीना बनाकर लोगों का पेट भरा है. लेकिन सरकार की उपेक्षा और गलत नीतियों की वजह से जिले के किसानों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है. जिसके चलते राष्ट्रीय किसान दिवस के मौके पर किसानों ने अपनी फसल के सही दाम की मांग की है.

राष्ट्रीय किसान दिवस पर किसानों की मांग

किसानों ने केंद्र सरकार से स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के साथ ही खेती को मनरेगा से जोड़ने की अपील की है. वहीं गांव में प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर किसानों के उपज का सही दाम और सही इस्तेमाल की मांग किसानों ने रखी है.

खेती में प्रयोग संसाधन, कीटनाशक, खाद के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. जिससे आमदनी की तुलना में लागत बढ़ती जा रही है. हालत ये है कि एक तरफ तो किसानों को उपज का सही दाम नहीं मिलता और दूसरी ओर बिचौलियों के कारण उसे सही लाभ भी नहीं मिल पाता है. जिससे किसानों की हालत बदतर होती जा रही है.

झाबुआ। किसान ने हमेशा अपना पसीना बनाकर लोगों का पेट भरा है. लेकिन सरकार की उपेक्षा और गलत नीतियों की वजह से जिले के किसानों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है. जिसके चलते राष्ट्रीय किसान दिवस के मौके पर किसानों ने अपनी फसल के सही दाम की मांग की है.

राष्ट्रीय किसान दिवस पर किसानों की मांग

किसानों ने केंद्र सरकार से स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के साथ ही खेती को मनरेगा से जोड़ने की अपील की है. वहीं गांव में प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर किसानों के उपज का सही दाम और सही इस्तेमाल की मांग किसानों ने रखी है.

खेती में प्रयोग संसाधन, कीटनाशक, खाद के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. जिससे आमदनी की तुलना में लागत बढ़ती जा रही है. हालत ये है कि एक तरफ तो किसानों को उपज का सही दाम नहीं मिलता और दूसरी ओर बिचौलियों के कारण उसे सही लाभ भी नहीं मिल पाता है. जिससे किसानों की हालत बदतर होती जा रही है.

Intro:झाबुआ : पश्चिमी मध्य प्रदेश के अंतिम छोर पर बसा आदिवासी बहुल झाबुआ जिला आज राष्ट्रीय किसान दिवस मना रहा है, भले ही यहां के किसानों को नहीं पता कि आज उनके नाम पर सरकार ने एक दिन घोषित किया हुआ है। राष्ट्रीय किसान दिवस पर झाबुआ में किसानी का काम करने वाले किसानों ने अपनी उपज का केवल सही दाम सरकार से मांगा है।


Body:खेती किसानी के संसाधनों की बढ़ती लागत और पेस्टिसाइड के साथ यूरिया के बढ़ते दामों ने किसानों की खेती को महंगा कर दिया है । एक और किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिलता तो दूसरी ओर बाजार में बिचोलीयो के कारण खेती लाभ का धंधा नहीं बन पा रही है ।


Conclusion:राष्ट्रीय किसान दिवस पर किसानों ने केंद्र सरकार से किसानों के हित में स्वामीनाथन कमिटी की सिफारिशों को लागू करने के साथ ही खेती को मनरेगा से जोड़ने की अपील सरकार से की है । किसानों ने गावो में प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर किसानों की उपज को सही दाम दिलाने की मांग की है। सरकार किसानों के हित में भले ही बड़े दावे करती है मगर वास्तविक स्थिति में किसान की माली हालत इतनी अच्छी नहीं जितनी बताई जाती है। बाइट किसान बाइट किसान बाइट किसान कीवर्ड्स #एमपीझाबुआ#नेशनलफार्मरडे#किसानउपजसहीकीमत# मीडिएट#मालीहालतखराब# बड़ीउपजकीलागत
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