झाबुआ। अलीराजपुर जिले के पूर्व विधायक नागर सिंह चौहान और पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष किशोर शाह द्वारा कथित रूप से जोबट कि कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया को धमकी दिए जाने के बाद, झाबुआ-अलीराजपुर से लेकर भोपाल तक राजनीतिक बयानों के तीर चल रह रहे हैं. इस मामले को लेकर शनिवार को कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया और कलावती भूरिया ने प्रेसवार्ता की थी. वहीं अब इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी ट्वीट कर मुख्यमंत्री शिवराज से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.
- वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे दोनों नेता
अलीराजपुर जिले की जोबट विधानसभा सीट से कांग्रेस की कलावती भूरिया विधायक हैं, वहीं अलीराजपुर में भी कांग्रेस समर्थित मुकेश पटेल विधायक हैं, अलीराजपुर जिले की दोनों विधानसभा सीटों पर इस समय कांग्रेस का कब्जा है, लेकिन सरकार बदलने के बाद पूर्व विधायक नागर सिंह चौहान का जिले में कद बढ़ा है, लिहाजा वे अपना दबदबा चाहते हैं, कांग्रेस नेता कलावती और नागर सिंह चौहान के बीच जुबानी जंग कोई नई नहीं है, इससे पहले भी कई बार दोनों के बीच जुबानी हमले होते रहे हैं.
- नागर सिंह के समर्थन में बीजेपी की रैली
जोबट में बढ़ते धर्मांतरण मामलों को लेकर कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया और अलीराजपुर के पूर्व विधायक नागर सिंह चौहान के बीच इन दिनों जुबानी जंग चल रही है. इसके चलते शनिवार को भाजपा नेता नागर सिंह चौहान के समर्थन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने जोबट में बाइक और वाहन रैली निकाली और एक सभा का आयोजन भी किया.
MLA कलावती भूरिया ने पूर्व BJP विधायक पर लगाया बड़ा आरोप
- पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया ट्वीट
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज को ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा कि "मुख्यमंत्री शिवराज जी" आप की पार्टी के लोगों की ये कैसी भाषा ? इतनी गुंडागर्दी महिलाओं के प्रति कैसी सोच ? आदिवासी महिला विधायक कलावती भूरिया के बारे में ये कैसी धमकी भरे बोल हैं ? क्या यही सुशासन है ? पूर्व मुख्यमंत्री ने इसके साथ एक वीडियो भी अपलोड किया है, जिसमें भाजपा नेता कलावती भूरिया को धमकी देते हुए सुनाई दे रहे हैं.
- सुरक्षा की लगा चुकी है गुहार
जोबट विधायक कलावती भूरिया ने मध्य प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन से गुहार लगाते हुए अपनी जान का खतरा बताया है, साथ ही सुरक्षा की मांग भी की है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेता के दबाव में प्रशासन उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है. यदि इसी तरह से चलता रहा तो वह विधानसभा में भी इस मामले को उठाएगीं.