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एटीएम मशीनों से बढ़ सकता है संक्रमण का खतरा, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान - एटीएम मशीन नहीं हो रही सेनेटाइज

कोरोना संकट के समय नकदी की कमी ना हो इसके लिए बैंकों के एटीएम मशीनों को चालू रखा गया है और वहीं जाबुआ में इनके सेनिटाइज न होने से संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है.

ATM machines may increase the risk of corona infection
एटीएम मशीन नहीं हो रही सेनेटाइज
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Published : Apr 4, 2020, 6:34 PM IST

झाबुआ। कोरोना संकट के समय में शासन ने ऐसे तमाम डिजिटल उपकरणों के उपयोग पर रोक लगाने के निर्देश दे रखे हैं. जिनसे कोरोना वायरस के फैलने का खतरा बढ़ सकता है. इसके लिए ना तो पंजीयन विभाग में जमीनों की रजिस्ट्री हो रही है और ना ही कार्यालयों में अटेंडेंस लगाई जा रही है. पीडीएस की दुकानों पर पीओएस मशीनों पर भी ग्राहकों से अंगूठा नहीं लगाया जा रहा. मगर आम जनता में नकदी की कमी ना हो इसके लिए बैंकों के एटीएम मशीनों को चालू रखा गया है और वहीं जाबुआ में इनके सेनिटाइज न होने से संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है.

एटीएम मशीन नहीं हो रही सेनेटाइज


एटीएम मशीन को जनता की सहूलियत के लिए सुरक्षा मापदंडों का पालन करते हुए चालू रखने के निर्देश बैंकों को दिए गए थे, मगर अधिकांश इलाकों में इसका पालन नहीं हो रहा. ईटीवी भारत ने अपनी पड़ताल में पाया कि जिले के अधिकांश एटीएम चेंबर को ना तो सेनिटाइज किया जाता है और ना ही ग्राहकों के लिए वह बैंक सेनिटाइजर उपलब्ध करा रही है. ऐसे में सबसे ज्यादा संक्रमण फैलने का भय इन एटीएम मशीनों में बना हुआ है. जिससे अब ग्राहक भी चिंतित होने लगे हैं.

ATM machines may increase the risk of corona infection
एटीएम मशीन नहीं हो रही सेनेटाइज

ऐसे में सवाल उठता है कि एक ओर लॉकडाउन और दूसरी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने वाले लोग यदि इन बैंकों के एटीएम के जरिए संक्रमित होते हैं तो उसके लिए जिम्मेदार कौन होगा. जिला कलेक्टर ने बाकायदा इसके लिए एडवाइजरी जारी की है मगर जिम्मेदार अधिकारी अपनी एडवाइजरी का पालन कितना करा रहे हैं. यह देखने वाला यहां कोई नहीं. ईटीवी भारत ने जिले के औद्योगिक नगरी मेघनगर के आधा दर्जन से ज्यादा एटीएम मशीनों का भ्रमण किया तो ग्राहकों के लिए वहां ना तो सेनिटाइजर उपलब्ध था और ना ही इन मशीनों को सेनिटाइज किया गया था.

झाबुआ। कोरोना संकट के समय में शासन ने ऐसे तमाम डिजिटल उपकरणों के उपयोग पर रोक लगाने के निर्देश दे रखे हैं. जिनसे कोरोना वायरस के फैलने का खतरा बढ़ सकता है. इसके लिए ना तो पंजीयन विभाग में जमीनों की रजिस्ट्री हो रही है और ना ही कार्यालयों में अटेंडेंस लगाई जा रही है. पीडीएस की दुकानों पर पीओएस मशीनों पर भी ग्राहकों से अंगूठा नहीं लगाया जा रहा. मगर आम जनता में नकदी की कमी ना हो इसके लिए बैंकों के एटीएम मशीनों को चालू रखा गया है और वहीं जाबुआ में इनके सेनिटाइज न होने से संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है.

एटीएम मशीन नहीं हो रही सेनेटाइज


एटीएम मशीन को जनता की सहूलियत के लिए सुरक्षा मापदंडों का पालन करते हुए चालू रखने के निर्देश बैंकों को दिए गए थे, मगर अधिकांश इलाकों में इसका पालन नहीं हो रहा. ईटीवी भारत ने अपनी पड़ताल में पाया कि जिले के अधिकांश एटीएम चेंबर को ना तो सेनिटाइज किया जाता है और ना ही ग्राहकों के लिए वह बैंक सेनिटाइजर उपलब्ध करा रही है. ऐसे में सबसे ज्यादा संक्रमण फैलने का भय इन एटीएम मशीनों में बना हुआ है. जिससे अब ग्राहक भी चिंतित होने लगे हैं.

ATM machines may increase the risk of corona infection
एटीएम मशीन नहीं हो रही सेनेटाइज

ऐसे में सवाल उठता है कि एक ओर लॉकडाउन और दूसरी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने वाले लोग यदि इन बैंकों के एटीएम के जरिए संक्रमित होते हैं तो उसके लिए जिम्मेदार कौन होगा. जिला कलेक्टर ने बाकायदा इसके लिए एडवाइजरी जारी की है मगर जिम्मेदार अधिकारी अपनी एडवाइजरी का पालन कितना करा रहे हैं. यह देखने वाला यहां कोई नहीं. ईटीवी भारत ने जिले के औद्योगिक नगरी मेघनगर के आधा दर्जन से ज्यादा एटीएम मशीनों का भ्रमण किया तो ग्राहकों के लिए वहां ना तो सेनिटाइजर उपलब्ध था और ना ही इन मशीनों को सेनिटाइज किया गया था.

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