ETV Bharat / state

6 मोरों की मौत के बाद झाबुआ में दहशत

झाबुआ में 6 मोरों की मौत के बाद बर्ड फ्लू की दहशत है, अब तक जिले में 12 से अधिक पक्षियों की अज्ञात बीमारी से मौत हो रही है.

6 peacocks died
6 मोरों की मौत
author img

By

Published : Jan 11, 2021, 8:45 AM IST

झाबुआ। जिले में इन दिनों अज्ञात बीमारी के चलते पक्षियों की मौत हो रही है, जिससे पूरे जिले में दहशत का माहौल है, मेघनगर ब्लॉक में भी 6 मोरों की अचानक मौत हो गई, वहीं जिले में अब तक 12 से अधिक पक्षियों की मौत हो चुकी है.

अलग-अलग क्षेत्रों में हो रही पक्षियों की मौत

झाबुआ, कालीदेवी, राणापुर और मेघ नगर में पक्षियों के मरने की खबर आ रही है रविवार को मेघनगर ब्लॉक के मदरानी में एक साथ 6 मोरों की मौत हो गई, वहीं मेघनगर के ही एसडीएम कार्यालय के आस पास एक कबूतर की भी मौत हुई है.

कौआ, कबूतर और कड़कनाथ के भेजे गए सैंपल

आदिवासी अंचल झाबुआ में भी पक्षियों की मौत का आंकड़ा बढ़ने लगा है, पशु चिकित्सा विभाग ने कड़कनाथ मुर्गे, कबूतर और एक कौए के सैंपल जांच के लिए भोपाल की लैब में भेजे गए हैं. इन सैंपल की रिपोर्ट आने के पहले ही झाबुआ जिले के मेघनगर विकासखंड के ग्राम मदरानी के 7 पक्षियों की मौत हो चुकी है, जिसमें 6 मोर और 1 कबूतर शामिल है, रविवार सुबह मदरानी गांव के डिंडोर सात फलिये में 5 मोर मरे मिले थे, जिसकी सूचना वन विभाग और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को दी गई थी, जिसके बाद खोजबीन करने पर खेतों में एक ओर मृत मोर का शव मिला.

पक्षियों की मौत के बाद DFO ने किया दौरा

स्थानीय ग्रामीणों द्वारा मृत मोरों की जानकारी देने के बावजूद समय रहते अधिकारियों के न पहुंचने पर ग्रामीणों ने राष्ट्रीय पक्षी के अचानक मरने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी, जिसके बाद वन विभाग हरकत में आया, शाम को डीएफओ एम एल हरित अपने दल बल के साथ ग्राम मदरानी पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रीय पक्षियों के मरने वाले स्थान को देखा

डीएफओ ने दिए जंगल की सर्चिंग के निर्देश

डीएफओ हरित ने मृत मोरों के शव को परीक्षण के लिए पशु चिकित्सा विभाग के माध्यम से भोपाल की लैब भेजा, हालांकि अब तक ये पता नहीं चल सका है कि इन पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू से हुई है, या कोई और कारण है, इधर आधा दर्जन राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत के बाद डीएफओ एम एल हरित ने आस पास के इलाकों में सर्चिंग के निर्देश दिए हैं.

झाबुआ। जिले में इन दिनों अज्ञात बीमारी के चलते पक्षियों की मौत हो रही है, जिससे पूरे जिले में दहशत का माहौल है, मेघनगर ब्लॉक में भी 6 मोरों की अचानक मौत हो गई, वहीं जिले में अब तक 12 से अधिक पक्षियों की मौत हो चुकी है.

अलग-अलग क्षेत्रों में हो रही पक्षियों की मौत

झाबुआ, कालीदेवी, राणापुर और मेघ नगर में पक्षियों के मरने की खबर आ रही है रविवार को मेघनगर ब्लॉक के मदरानी में एक साथ 6 मोरों की मौत हो गई, वहीं मेघनगर के ही एसडीएम कार्यालय के आस पास एक कबूतर की भी मौत हुई है.

कौआ, कबूतर और कड़कनाथ के भेजे गए सैंपल

आदिवासी अंचल झाबुआ में भी पक्षियों की मौत का आंकड़ा बढ़ने लगा है, पशु चिकित्सा विभाग ने कड़कनाथ मुर्गे, कबूतर और एक कौए के सैंपल जांच के लिए भोपाल की लैब में भेजे गए हैं. इन सैंपल की रिपोर्ट आने के पहले ही झाबुआ जिले के मेघनगर विकासखंड के ग्राम मदरानी के 7 पक्षियों की मौत हो चुकी है, जिसमें 6 मोर और 1 कबूतर शामिल है, रविवार सुबह मदरानी गांव के डिंडोर सात फलिये में 5 मोर मरे मिले थे, जिसकी सूचना वन विभाग और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को दी गई थी, जिसके बाद खोजबीन करने पर खेतों में एक ओर मृत मोर का शव मिला.

पक्षियों की मौत के बाद DFO ने किया दौरा

स्थानीय ग्रामीणों द्वारा मृत मोरों की जानकारी देने के बावजूद समय रहते अधिकारियों के न पहुंचने पर ग्रामीणों ने राष्ट्रीय पक्षी के अचानक मरने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी, जिसके बाद वन विभाग हरकत में आया, शाम को डीएफओ एम एल हरित अपने दल बल के साथ ग्राम मदरानी पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रीय पक्षियों के मरने वाले स्थान को देखा

डीएफओ ने दिए जंगल की सर्चिंग के निर्देश

डीएफओ हरित ने मृत मोरों के शव को परीक्षण के लिए पशु चिकित्सा विभाग के माध्यम से भोपाल की लैब भेजा, हालांकि अब तक ये पता नहीं चल सका है कि इन पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू से हुई है, या कोई और कारण है, इधर आधा दर्जन राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत के बाद डीएफओ एम एल हरित ने आस पास के इलाकों में सर्चिंग के निर्देश दिए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.