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युवा इंजीनियर ने बनाया सेनिटाइजर गेट, जानिए कैसे करता है काम - इंजीनियर ने बनायाासेनिटाइजर गेट

जबलपुर ने युवा इंजीनियर्स ने सेनिटाइजर गेट बनाया है. इस सेनिटाइजर गेट से गुजरने पर लोग सेनिटाइज हो जाते हैं. ऑटोमैटिक तरीके से इसमें कैमिकल गिरता है.ये पूरा सिस्टम सेनिटाइज करने की दवा का छिड़काव करता है. इसे एक टचस्क्रीन डिवाइस से जोड़ा गया है.

Young engineer built sanitizer gate
इंजीनियर ने बनाया सेनिटाइजर गेट
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Published : Mar 31, 2020, 7:41 PM IST

जबलपुर। देश इन दिनों कोरोना वायरस की महामारी से लड़ रहा है. इसी क्रम में जबलपुर ने युवा इंजीनियर अभिनव सिंह ने सेनिटाइजर गेट बनाया है. इस सेनिटाइजर गेट से गुजरने पर लोग अपने आप सेनिटाइज हो जाते हैं. ऑटोमैटिक तरीके से इसमें कैमिकल का मिश्रण गिरता है.

इंजीनियर ने बनाया सेनिटाइजर गेट

ऐसे काम करता है सिस्टम

इस गेट में बहुत सारे फव्वारे लगे हैं, एल्युमीनियम का एक पाइप लगा हुआ है और ये पूरा सिस्टम सेनीटाइज करने की दवा का छिड़काव करता है. इसे एक टचस्क्रीन डिवाइस से जोड़ा गया है, ताकि दूर से बैठकर इसे ऑपरेट किया जा सके, अभिनव का तर्क है की यदि इसको पास में बैठकर चलाया जाएगा तो चलाने वाला प्रभावित हो सकता है इसलिए इसको वाईफाई सिस्टम से जोड़ा गया है.

इंजीनियर अभिनव का कहना है कि उसने मात्र 4000 रूपये की लागत में इस गेट को तैयार किया है. इसे अस्पतालों, सरकारी कार्यालयों और जहां भीड़भाड़ रहती है वहां लगाया जाना चाहिए ताकि लोग इस दवा के छिड़काव से पूरी तरह से सेनिटाइज हो सकें. लिहाजा अभिनव का ये प्रयोग एक सफल प्रयोग है. सरकार को इसे आजमाना चाहिए ताकि सार्वजनिक स्थानों में कोरोना वायरस के प्रभाव को रोका जा सके.

जबलपुर। देश इन दिनों कोरोना वायरस की महामारी से लड़ रहा है. इसी क्रम में जबलपुर ने युवा इंजीनियर अभिनव सिंह ने सेनिटाइजर गेट बनाया है. इस सेनिटाइजर गेट से गुजरने पर लोग अपने आप सेनिटाइज हो जाते हैं. ऑटोमैटिक तरीके से इसमें कैमिकल का मिश्रण गिरता है.

इंजीनियर ने बनाया सेनिटाइजर गेट

ऐसे काम करता है सिस्टम

इस गेट में बहुत सारे फव्वारे लगे हैं, एल्युमीनियम का एक पाइप लगा हुआ है और ये पूरा सिस्टम सेनीटाइज करने की दवा का छिड़काव करता है. इसे एक टचस्क्रीन डिवाइस से जोड़ा गया है, ताकि दूर से बैठकर इसे ऑपरेट किया जा सके, अभिनव का तर्क है की यदि इसको पास में बैठकर चलाया जाएगा तो चलाने वाला प्रभावित हो सकता है इसलिए इसको वाईफाई सिस्टम से जोड़ा गया है.

इंजीनियर अभिनव का कहना है कि उसने मात्र 4000 रूपये की लागत में इस गेट को तैयार किया है. इसे अस्पतालों, सरकारी कार्यालयों और जहां भीड़भाड़ रहती है वहां लगाया जाना चाहिए ताकि लोग इस दवा के छिड़काव से पूरी तरह से सेनिटाइज हो सकें. लिहाजा अभिनव का ये प्रयोग एक सफल प्रयोग है. सरकार को इसे आजमाना चाहिए ताकि सार्वजनिक स्थानों में कोरोना वायरस के प्रभाव को रोका जा सके.

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