जबलपुर। मध्यप्रदेश के सबसे बड़े फ्लाई ओवर ब्रिज के निर्माण का कार्य शुरु हो गया है, ये फ्लाई ओवर ब्रिज जबलपुर में बन रहा है, जिसकी कुल लंबाई करीब सात किलोमीटर है. जिसके निर्माण के लिए आसपास की जमीन का अधिग्रहण करना है, जिसके लिए नगर निगम को 225 करोड़ रुपए का मुआवजा देना है, लेकिन अभी तक जमीन का अधिग्रहण पूरा नहीं हुआ है, लेकिन फ्लाई ओवर का काम शुरु हो गया है. ऐसे में जिन लोगों की जमीन जा रही है, उन्हें अब मुआवजा भी नहीं दिया गया है.
नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला है ठेका
फ्लाई ओवर जबलपुर के दमोह नाका से शुरु होगा, जो बलदेव बाग, आगा चौक, रानीताल चौक, गेट नंबर 2 से होते हुए मदन महल स्टेशन को क्रॉस करेगा. मदन महल चौक से होते हुए गुलाटी पेट्रोल पंप पर उतरेगा. इसमें मदन महल स्टेशन के ऊपर एक झूला पुल भी बनाया जा रहा है. इस फ्लाई ओवर के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने पैसा दिया है. इसके निर्माण में लगभग 780 करोड़ रुपए का खर्च होगा.
सॉइल टेस्टिंग का काम शुरु
नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी ने सॉइल टेस्टिंग के लिए काम भी शुरू कर दिया है. इस प्रोजेक्ट में अब तक नगर निगम और जिला प्रशासन ने जमीन के अधिग्रहण का काम पूरा नहीं किया है. जबलपुर कलेक्टर भरत यादव का कहना है कि, अब लोगों को नोटिस दिए जा रहे हैं, 40 फीट चौड़ा फ्लाई ओवर ब्रिज रहेगा और नीचे 120 फीट चौड़ी सड़क होगी, 120 फीट चौड़ी सड़क करने के लिए सड़क किनारे बने कई मकानों को तोड़ा जाएगा.
दुकान-मकान तोड़ने से पहले देना होगा मुआवजा
जानकारी के अनुसार 225 करोड़ रुपए का मुआवजा जनता को देना है. इस मामले में कलेक्टर का कहना है कि, ये पैसा कुछ नगर निगम देगा और कुछ राज्य सरकार को देना है. इस फ्लाई ओवर ब्रिज के निर्माण ये यही सबसे बड़ी रुकावट साबित हो सकती है, क्योंकि कोरोना वायरस के संकट काल में नगर निगम की जेब खाली है और राज्य सरकार का खजाना भी खाली है, ऐसे में 225 करोड़ रुपए कहां से आएगा.
बिना मुआवजे नहीं तोड़ने देंगे दुकान-मकान- स्थानीय
ब्रिज के निर्माण में जिन लोगों को मकान और दुकान तोड़ने की नोटिस मिले हैं, उनका कहना है कि, पहले सरकार पैसे की बात करें, उसके बाद ही दुकान और मकानों को तोड़ने दिया जाएगा. लोगों का कहना है कि, इतने बड़े प्रोजेक्ट में जब तक जमीन का मुद्दा पूरी तरह से हल नहीं होता, तब तक काम शुरु नहीं करना चाहिए था. नगर निगम और राज्य सरकार की माली हालात किसी से छिपी नहीं है. ऐसे हालात में ये 225 करोड़ रूपए कहां से आएंगे.