जबलपुर। लॉकडाउन की वजह से शहर के डुमना नेचर पार्क में काफी बदलाव देखने को मिला है. करीब 2 हजार एकड़ में फैले इस पार्क में आधे से ज्यादा इलाके में जंगल है. बाकी जगह पर खंदारी जलाशय है. नेचर पार्क में बीते 70 दिनों से आवाजाही पर पाबंदी थी. केवल सुबह शाम चौकीदार और कुछ मजदूर यहां आते और रख-रखाव का कामकाज देखते थे. पार्क में लोगों की भीड़ नहीं रही. जिसका सीधा असर यहां के पारिस्थितिकी तंत्र पर दिखाई दे रहा है. जो जानवर लोगों के शोर में छुपे रहते थे अब वे बेखौफ खुले में घूमते नजर आ रहे हैं.
नेचर पार्क में हिरण, चीतल, बारहसिंघा, मोर, मगरमच्छ समेत तेंदुए निवास करते हैं. सामान्य तौर पर जब यहां गहमागहमी रहती थी तो ये जानवर देखने को नहीं मिलते थे. जंगल में कहीं छुपे रहते थे. लेकिन अब आवाजाही नहीं होने से जानवरों के व्यवहार में बदलाव आया है.
ये जानवर सड़कों पर नजर आने लगे हैं. शाम होते ही यहां मोरों और हिरणों के झुंड का जमावड़ा लग जाता है. साथ ही कभी-कभी तेंदुआ भी नजर आ जाता है.पार्क के चौकीदारों का कहना है कि अब यहां जानवर बेखौफ होकर घूम कर रहे हैं. कोरोना संकट ने इस बात का एहसास दिलाया है कि प्रकृति के साथ ज्यादा छेड़छाड़ न की जाए नहीं तो इसका अलग ही रूप दिखाई देता है.