जबलपुर। भारत के दुश्मन देशों के खिलाफ कभी दहाड़ने वाले और हाथों में घातक हथियार थामने वाले पूर्व थल सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह के हाथों में गिल्ली डंडा देखकर देखने वाले खासे रोमांचित हो उठे. मौका था जबलपुर में आयोजित सांसद खेल महोत्सव का. जिसमें शामिल होने पहुंचे केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने खेल भावना का परिचय देते हुए परंपरागत खेलों में अपने हाथ आजमाए. गिल्ली डंडा और गुलेल देखकर वे भी खुद को रोक नहीं पाए. खिलाड़ियों और मौजूद लोगों के सामने उन्होंने गिल्ली डंडे का खेल खेला तो गुलेल से निशाना भी लगाया.
खेल महोत्सव की तारीफ : केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने सांसद खेल महोत्सव की तारीफ करते हुए कहा है कि परंपरागत खेलों को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के प्रयास सराहनीय है. उन्होंने कहा है कि देश में कई परंपरागत खेल लगातार विलुप्त होते जा रहे हैं लेकिन जबलपुर के सांसद ने अपनी टीम के जरिए ऐसे खेलों को न केवल पुनर्जीवित करने की कोशिश की है बल्कि इससे युवाओं को जोड़ने का भी काम किया है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि विलुप्त होते खेलों को पुनर्जीवित करने की इस कोशिश से युवा और खिलाड़ी तंदुरुस्त तो होंगे ही साथ ही उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी.
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गांवों में भी कम नहीं प्रतिभाएं : सांसद खेल महोत्सव में पहुंचे जनरल वीके सिंह ने कहा कि हर युवा के लिए खेल बहुत जरूरी हैं. खेलना सबसे अच्छा व्यायाम है. कोई भी खेल खेलो, वह शरीर के लिए लाभदायक है. इसके अलावा पारंपरिक खेलों की तो बात अलग है. ये हम सबकी जिम्मेदारी है कि पारंपरिक खलों को बढ़ावा दें. एक समय गिल्ली डंडा का खेल गांवों में बहुत प्रचलित था. लेकिन अब कम हो गया है. ऐसे कई खेल हैं, जो विलुप्त हो जा रहे हैं. इन्हें बनाए रखना युवाओं की जिम्मेदारी है. वीके सिंह ने कहा कि अब गांवों से ज्यादा प्रतिभाएं निकल कर सामने आ रही हैं.