जबलपुर। दुबई में कार्यरत मुस्लिम युवक ने चाचा ससुर द्वारा पत्नि व बेटी को बंधक बनाये जाने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में बंधी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है. हाईकोर्ट जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस नंदिता दुबे की युगलपीठ ने सरकार से रिपोर्ट मांगी है.
याचिका पर सुनवाई के बाद नोटिस जारी : याचिकाकर्ता आई अहमद की तरफ से दायर बंधी प्रत्यक्षीकरण याचिका में कहा गया था कि वह मूलतः जबलपुर के घमापुर क्षेत्र का निवासी है. लॉकडाउन लगने के पहले उसकी दुबई में जॉब लग गयी थी. पत्नी व 6 साल की बेटी को दुबई ले जाने के लिए उसके पासपोर्ट बनना लिये थे. लॉकडाउन लगने के कारण पत्नी व बच्ची को अपने ससुर के पास छोड़ गया था. ससुर का स्वास्थ ठीक नहीं रहता है. जनवरी 2022 तक फोन पर उसकी
बात पत्नी व बच्ची से होती थी : इसके बाद पत्नी व बच्ची से उसकी बात होना बंद हो गयी. पता करने पर ज्ञात हुआ कि उसका चाचा सुसर पत्नी व बेटी को बंधक बनाये हुए है. पत्नी की बात चाचा ससुर उसके मॉ-बात से भी नहीं करवाता है. इसके बाद वह जबलपुर वापस आया और ओमती थाने में षिकायत दी, परंतु पुलिस ने प्रकरण तक दर्ज नहीं किया. पुलिस अधीक्षक से शिकायत करने पर भी कुछ नहीं हुआ. इस कारण उक्त बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गयी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता प्रहलाद चौधरी व रजनीष जायसवाल ने पैरवी की.