सागर: सर्दी मानो लुकाछिपी का खेल रही है. कभी एकदम से तापमान बढ़ जाता है, तो कभी एकदम से तापमान में गिरावट देखने को मिलती है. जनवरी का महीना बीतने को है और लोग अब कंपकंपाती सर्दी से परेशान होकर पता लगाने में जुट गए हैं कि आखिर इस सर्दी से निजात कब तक मिलेगी. लोग मौसम के अनुमान तो देख ही रहे हैं, साथ ही ज्योतिष के अनुसार भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर ठंड कब खत्म होगी. ज्योतिषाचार्यों की मानें, तो एक हफ्ते बाद ठंड का असर कम होने लगेगा, लेकिन इसके पहले बारिश का सामना करना पड़ सकता है. ये सब देवगुरु बृहस्पति की चाल में बदलाव के कारण होगा. देश और दुनिया में धार्मिक उन्माद देखने मिलेगा और बेमौसम बरसात के कारण किसानों की फसलों को नुकसान हो सकता है.
मार्गी गुरू का असर
ज्योतिष मठ संस्थान भोपाल के संचालक ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद गौतम बताते हैं कि "देवगुरू बृहस्पति फिलहाल वक्री गति से चल रहे हैं और 4 फरवरी को देवगुरु बृहस्पति अपनी चाल में परिवर्तन करने जा रहे हैं. वृषभ राशि में वक्री चल रहे देवगुरु बृहस्पति मार्गी हो जाएगें. गुरु की मार्गी चाल का असर देश और दुनिया में देखने को मिलेगा. दुनिया में धार्मिक उन्माद बढ़ेगा." ज्योतिषाचार्य पं. विनोद गौतम का कहना है कि "गुरू की चाल में परिवर्तन का असर धर्म-कर्म के क्षेत्रों में विशेष रूप से देखने को मिलेगा. चूंकि देवगुरु बृहस्पति फिलहाल अपनी शत्रु राशि वृषभ में भ्रमण कर रहे हैं.
इनकी चाल में परिवर्तन होने से धार्मिक क्षेत्रों में विशेष सावधानी की जरूरत है. वृषभ राशि में गुरु 28 साल बाद वक्री चाल से भ्रमण कर रहे हैं और मार्गी होते ही 2 दिन पहले मौसम में परिवर्तन देखने को मिलेगा. मौसम में धुंध देखने मिलेगी, बादलों की चाल में बदलाव के साथ कई स्थानों पर बारिश के योग बनेंगे, जिससे फसलों में कीट-प्रकोप का असर देखने मिलेगा."
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अक्टूबर 2024 में वक्री हुए थे देवगुरु
देवगुरु बृहस्पति 9 अक्टूबर 2024 को वृषभ राशि में सुबह 10 बजकर 1 मिनट पर वक्री हुए थे और लगातार वक्री चाल में रहने के बाद अब 4 फरवरी 2025 वृषभ राशि में ही मार्गी होने जा रहे हैं. बृहस्पति को देवगुरु का दर्जा प्राप्त है, लेकिन फिलहाल वो दैत्यगुरु शुक्रचार्य की राशि वृषभ में भ्रमण कर रहे हैं. ऐसे में उनकी मार्गी चाल का विपरीत असर देखने मिलेगा. जिससे ठंड कम होने के साथ-साथ देश और दुनिया में धार्मिक उन्माद देखने मिलेगा.