जबलपुर। जिला प्रशासन किसानों से धान तो तेजी से खरीद रहा है, लेकिन उसका भुगतान करना में देरी कर रहा है. यहां तक की अब तक किसानों के खाते में एक रूपए भी जमा नहीं किए गए हैं.
जिले में अब तक नौ हजार से ज्यादा किसानों ने करीब 90 हजार मैट्रिक टन धान जिला प्रशासन को बेची है. इन किसानों को जो राशि मिलनी थी, वो करीब डेढ़ सौ करोड़ रूपए है, लेकिन अब तक किसानों को कमियों की वजह से एक रूपए भी नहीं दिए गए हैं. जानकारी के मुताबिक जिला प्रशासन ने करीब 70 धान खरीदी केंद्र बनाए हुए हैं. तेज ठंड के साथ-साथ कई परेशानियों को झेलते हुए किसान तो धान केंद्रों तक पहुंच रहे हैं. लेकिन प्रशासन भुगतान के बिल्कुल भी कदम बढ़ाता नजर नहीं आ रहा है.
इससे पहले भी वेयरहाउस संचालकों की हड़ताल के चलते धान का भंडारण पूरी तरह से बंद हो गया था. जिससे किसान परेशान भी हुए. वहीं खराब मौसम ने किसानों की चिंता और बढ़ा दी है. बारिश के कारण खरीदी केंद्रों पर रखी धान को नुकसान पहुंच रहा है. हालांकि जिला विपणन संघ ने खरीदी प्रबंधकों के साथ किसानों को भी बारिश से आगाह किया था लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया. वहीं धान को ढकने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जाने के लिए कलेक्टर ने निर्देश भी दिए थे. लेकिन कई खरीदी केंद्रों में धान को नुकसान पहुंचा है.
धान उपार्जन के कामों की समीक्षा के दौरान जिला कलेक्टर भरत यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि धान खरीदी केंद्र में 75 प्रतिशत बारदाना किसानों को एडवांस में उपलब्ध कराए जाएं. साथ ही किसानों को भुगतान की प्रक्रिया भी एक-दो दिन में करने के निर्देश दिए थे. लेकिन अब तक किसानों का भुगतान अटका हुआ है.