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SAVE GIRL : कोड रेड टीम से घटी महिलाओं से छेड़खानी

कोड रेड टीम के कारण लड़कियों से छेड़खानी की शिकायतें कम हुई हैं. बीते 2020 में कोड रेड पुलिस द्वारा महज 153 मामले ही दर्ज किए गए.

The code red team of police doing a better job in Jabalpur
कोड रेड टीम से घटी महिलाओं से छेड़खानी
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Published : Feb 1, 2021, 9:43 PM IST

जबलपुर : स्कूल काॅलेज जाने वाली छात्राओं और अन्य महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाई गई कोड रेड टीम की मौजूदगी से काफी हद तक बदमाशों में दहशत का माहौल बना है. यही वजह है कि बीते 2020 में कोड रेड पुलिस द्वारा महज 153 मामले ही दर्ज किए गए. इनमें से 119 और 34 लिखित शिकायतें प्राप्त हुई थीं. बहरहाल इन सभी शिकायतों को त्वरित निराकरण करते हुए 80 प्रतिशत मामलों में बदमाशों को समझाइश देकर छोड़ दिया गया. वहीं छात्राओं को भी इनसे मुक्ति मिली है.

प्रदेश सरकार का सम्मान अभियान

महिलाओं और छात्राओं को समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा सम्मान अभियान शुरू किया गया है. जिसके तहत छात्राओं और महिलाओं को कानूनी प्रावधानों एवं उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा रहा है. इससे पहले पुलिस मुख्यालय द्वारा जिला स्तर पर महिलाओं और छात्राओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ जैसी घटनाएं रोकने के लिए कोड रेड पुलिस टीम बनाई गई थी.

क्या कहते हैं कोड रेड प्रभारी अरूणा वाहने

कोड रेड प्रभारी अरूणा वाहने के अनुसार स्कूल-काॅलेज के आसपास शोहदों के घूमने और लड़कियों को परेशान करने की शिकायतें मिलती रहती हैं. जिसके बाद कोड रेड टीम वहां वहुंचकर बदमाशों को पकड़ती है, इसमें सबसे बड़ी परेशानी यह है कि लड़कियां एफआईआर दर्ज नहीं करवातीं, परिवार का डर और बार-बार थाने-कोर्ट जाने की परेशानी के चलते वे मौखिक शिकायत करती हैं और समझाइश देकर बदमाशों को छोड़ना पड़ता है.

जबलपुर : स्कूल काॅलेज जाने वाली छात्राओं और अन्य महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाई गई कोड रेड टीम की मौजूदगी से काफी हद तक बदमाशों में दहशत का माहौल बना है. यही वजह है कि बीते 2020 में कोड रेड पुलिस द्वारा महज 153 मामले ही दर्ज किए गए. इनमें से 119 और 34 लिखित शिकायतें प्राप्त हुई थीं. बहरहाल इन सभी शिकायतों को त्वरित निराकरण करते हुए 80 प्रतिशत मामलों में बदमाशों को समझाइश देकर छोड़ दिया गया. वहीं छात्राओं को भी इनसे मुक्ति मिली है.

प्रदेश सरकार का सम्मान अभियान

महिलाओं और छात्राओं को समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा सम्मान अभियान शुरू किया गया है. जिसके तहत छात्राओं और महिलाओं को कानूनी प्रावधानों एवं उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा रहा है. इससे पहले पुलिस मुख्यालय द्वारा जिला स्तर पर महिलाओं और छात्राओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ जैसी घटनाएं रोकने के लिए कोड रेड पुलिस टीम बनाई गई थी.

क्या कहते हैं कोड रेड प्रभारी अरूणा वाहने

कोड रेड प्रभारी अरूणा वाहने के अनुसार स्कूल-काॅलेज के आसपास शोहदों के घूमने और लड़कियों को परेशान करने की शिकायतें मिलती रहती हैं. जिसके बाद कोड रेड टीम वहां वहुंचकर बदमाशों को पकड़ती है, इसमें सबसे बड़ी परेशानी यह है कि लड़कियां एफआईआर दर्ज नहीं करवातीं, परिवार का डर और बार-बार थाने-कोर्ट जाने की परेशानी के चलते वे मौखिक शिकायत करती हैं और समझाइश देकर बदमाशों को छोड़ना पड़ता है.

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