जबलपुर। देशभर के केंद्रीय सुरक्षा संस्थान और उनके सहयोगी कार्यालय का निजीकरण करने के विरोध में मोदी सरकार के खिलाफ मजदूरों का गुस्सा फूट पड़ा है. आगामी 20 अगस्त से 1 माह की हड़ताल पर जा रहे सुरक्षा संस्थान के मजदूरों और कर्मचारियों ने फैक्ट्रियों के निजी हाथों में जाने को लेकर उत्पादन ठप करने का फैसला लिया है.
कर्मचारियों की हड़ताल में फैक्ट्रियों के तमाम अधिकारी भी शामिल हो रहे हैं. दिल्ली में हुई कैबिनेट की बैठक में देशभर के केंद्रीय सुरक्षा संस्थानों को निजी हाथों में सौंपने की मंजूरी मिलने के बाद अब माना जा रहा है कि पीएमओ के दस्तखत होते ही सुरक्षा संस्थानों का निजीकरण हो जाएगा, जिसे लेकर सुरक्षा संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों-अधिकारियों में केंद्र सरकार के खिलाफ काफी आक्रोश है.
शहर में सभी चारों सुरक्षा संस्थानों में कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल की रूपरेखा तैयार कर ली है. सभी फैक्ट्रियों के बाहर कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और निजीकरण का विरोध किया. कर्मचारियों का कहना है कि आजादी के पहले देश में जहां 19 सुरक्षा संस्थान थे, वहीं आजादी के बाद बढ़कर यह 41 हो गए. पर वर्तमान की केंद्र सरकार इन सभी संस्थानों को निजी हाथों में सौंपकर कर्मचारियों को बेरोजगार बनाने की तैयारी में है.