जबलपुर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में सभी कलेक्टर्स और कमिश्नर की बैठक ली थी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सीएम ने अच्छा काम करने वाले कलेक्टर कमिश्नर की तारीफ भी की थी, अच्छे काम करने वाले अधिकारियों को स्टार रेटिंग भी दी जाएगी, जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा न सिर्फ अपने काम, बल्कि फैसले को लेकर भी नजीर पेश कर रहे हैं, हाल ही में उन्होंने अपना एक माह का वेतन इसलिए नहीं लिया था कि उनके अधीनस्थ अधिकारियों ने सीएम हेल्पलाइन के निराकरण में लापरवाही बरती थी, लिहाजा कलेक्टर ने संबधित अधिकारियों के वेतन रोकते हुए खुद भी वेतन नहीं लिया था.
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हितग्राही तक शासन की योजनाएं पहुंचाना लक्ष्य
कलेक्टर ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर शासन से जुड़ी हर योजना को हितग्राही तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. तेजी से निचले स्तर तक योजना का क्रियान्वयन करने के प्रयास भी किये जा रहे हैं, कलेक्टर (Collector karmveer sharma set an example by deducting his own salary) ने बताया कि शासन की तमाम योजनाओं को लेकर हर सप्ताह अधिकरियों से चर्चा भी की जा रही है, राजस्व न्यायालय में जो भी केस लंबित हैं, उनका तेजी से निराकरण किया जा रहा है.
मौके पर ही जनता की समस्या का करें निदान
शर्मा ने बताया कि शहर में तेजी से स्मार्ट सिटी के भी काम हो रहे हैं और इन कामों को फास्ट ट्रैक में लिया है. इसके अलावा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में हितग्राही मूलक योजना का मौके पर ही निदान हो सके, उन्हें तहसील स्तर तक न जाना पड़े, ये भी प्रयास किए गए हैं, कर्मवीर शर्मा ने बताया की अभ्युदय प्रोजेक्ट के तहत ग्रमीण क्षेत्रों में जनता के लिए प्रत्येक गांव में पदस्थ कर्मचारी जैसे सचिव, रोजगार सहायक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, पटवारी इन सभी लोगों की जिम्मेदारी तय की गई है, साथ ही निर्देश दिया गया है कि ये लोग ग्राम पंचायत में उपस्थित रहें और जनता की समस्या का वहीं निदान करें जिससे कि उन्हें तहसील तक न आना पड़े.
सीएम हेल्पलाइन पर जबलपुर का बेहतर प्रदर्शन
कलेक्टर ने कहा कि जबलपुर जिला इस दिशा में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, 100 दिन से अधिक वाले केस कुछ ज्यादा हो गए थे, जिसको लेकर सख्ती दिखाई गई थी, जिसमें कुछ अधिकारियों के वेतन भी रोके गए थे, उनका मानना है कि कहीं न कहीं उनका भी नैतिक दायित्व है कि वो इस काम की अच्छे से निगरानी करें. लिहाजा उन्होंने भी अपना वेतन रोक दिया था.
एक माह में 9500 से अधिक केस का निपटारा
कर्मवीर शर्मा ने बताया कि सीएम हेल्पलाइन पर मिली शिकायतों के निपटारे को लेकर जब सख्ती दिखाई तो उसका असर हुआ और सिर्फ एक माह में ही 9500 से ज्यादा प्रकरणों का निराकरण (9500 cases resolved in a month on CM Helpline) कर दिया गया. इतना ही नहीं रैंकिंग भी जबलपुर की बहुत अच्छी हुई है कि इस मामले में प्रदेश में दूसरे नंबर पर है.