जबलपुर। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रेन से कटकर अपनी जान गंवा बैठे 16 श्रमिकों के शवों के साथ श्रमिक स्पेशल ट्रेन शनिवार की दोपहर जबलपुर पहुंची. औरंगाबाद से आने वाली ट्रेन में जबलपुर और आसपास के करीब 1400 मजदूर मौजूद थे. स्पेशल ट्रेन की एक बोगी में शवों को रखा गया था और उस बोगी को पूरी तरह से लॉक किया गया था.
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ट्रेन जैसे ही जबलपुर प्लेटफॉर्म पहुंची तो RPF और GRP ने पूरी ट्रेन को अपने कब्जे में ले लिया और ट्रेन से उतरने वाले श्रमिकों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की हिदायत दी. साथ ही दूरी बनाते हुए सभी श्रमिकों को प्लेटफॉर्म से बाहर किया गया. ट्रेन आने के पहले जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और रेलवे के अधिकारी प्लेटफॉर्म पर ही मौजूद थे.
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कलेक्टर भरत यादव ने बताया कि आज यानि शनिवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन में औरंगाबाद ट्रेन हादसे का शिकार हुए शवों को भी अलग बोगी में लाया गया है. जबलपुर से इन शवों के कोच को अलग कर भेजा जाएगा जबकि श्रमिक स्पेशल ट्रेन का ठहराव यहीं तक ही रहेगा. जबलपुर आए मजदूरों को अब अपने-अपने जिलों में बसों के जरिए भेजा जा रहा है. कलेक्टर भरत यादव की मानें तो औरंगाबाद में हुई दुर्घटना में जान गंवा बैठे श्रमिकों के 11 शव शहडोल और पांच उमरिया भेजे जा रहे हैं, जबकि दो घायलों को मंडला एंबुलेंस के जरिए भेजा जाएगा.
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परिवहन विभाग की 41 बसें श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आए मजदूरों को ले जाने के लिए पहले से ही स्टेशन के बाहर खड़ी थी. औरंगाबाद से जबलपुर आए मजदूरों को बसों के जरिए उनके गृह जिले भेजा जा रहा है. मध्य प्रदेश परिवहन विभाग ने 41 बसों का अधिग्रहण इसके लिए किया है, अब यह मजदूर आगे का सफर बस से ही करेंगे.
जानकारी के मुताबिक शनिवार को जबलपुर आई श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सतना, रीवा, पन्ना, सिंगरौली, कटनी, मंडला, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, बालाघाट में रहने वाले मजदूर हैं.