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सीवर लाइन प्रोजेक्ट से जनता परेशान, हाईकोर्ट में सबमिट की गई रिपोर्ट - Jabalpur Sewer Line Project

जबलपुर में 13 साल से चल रहे सीवर लाइन प्रोजेक्ट के अब पूरा न होने से जनता परेशान है और इसके चलते चीफ टेक्निकल एग्जामिनर ने हाई कोर्ट में रिपोर्ट सबमिट की है.

हाईकोर्ट
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Published : Jan 19, 2021, 9:08 AM IST

जबलपुर। शहर में बीते 13 सालों से अधूरे सीवर लाइन प्रोजेक्ट और इससे सड़कों की बदहाली के मामले पर, प्रदेश के चीफ टैक्निकल एग्जामिनर ने हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है. मामले पर राज्य सरकार ने सीवर लाइन प्रोजेक्ट पर अब तक हुई कार्रवाई का ब्यौरा भी पेश किया है. हाईकोर्ट ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर ले लिया है और याचिकाकर्ता को इसकी एक कॉपी दिलवाते हुए अगली सुनवाई 11 फरवरी को तय की है.

अधूरे प्रोजेक्ट से जनता परेशान

जबलपुर में लंबे समय से अधूरे सीवर लाइन प्रोजेक्ट और उससे जनता की परेशानी पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. शहर के बड़े इलाके में सीवर लाइन बिछा दी गई है, लेकिन अब तक यह लाइन शुरू नहीं हो पाई है. वहीं कई जगहों पर यह बर्बाद हो रही है घरों से अब तक इसके कनेक्शन नहीं हो पाए हैं, अभी भी आए दिन सीवर लाइन के नाम पर सड़कें खोद दी जाती है. इसलिए इसी मुद्दे पर कुछ जनहित याचिकाएं भी कोर्ट में दायर की गईं थीं.

ये भी पढ़े-निचली अदालतें दबाव में हैं सामान्य मामलों में भी जमानत देने से डरती हैं: जस्टिस श्रीधरन

इस मामले पर हाईकोर्ट ने पाया है कि खुद जबलपुर नगर निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक सीवर लाइन प्रोजेक्ट पर 210 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है लेकिन जमीन पर ये प्रोजेक्ट आज भी अधूरा है.

जबलपुर। शहर में बीते 13 सालों से अधूरे सीवर लाइन प्रोजेक्ट और इससे सड़कों की बदहाली के मामले पर, प्रदेश के चीफ टैक्निकल एग्जामिनर ने हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है. मामले पर राज्य सरकार ने सीवर लाइन प्रोजेक्ट पर अब तक हुई कार्रवाई का ब्यौरा भी पेश किया है. हाईकोर्ट ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर ले लिया है और याचिकाकर्ता को इसकी एक कॉपी दिलवाते हुए अगली सुनवाई 11 फरवरी को तय की है.

अधूरे प्रोजेक्ट से जनता परेशान

जबलपुर में लंबे समय से अधूरे सीवर लाइन प्रोजेक्ट और उससे जनता की परेशानी पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. शहर के बड़े इलाके में सीवर लाइन बिछा दी गई है, लेकिन अब तक यह लाइन शुरू नहीं हो पाई है. वहीं कई जगहों पर यह बर्बाद हो रही है घरों से अब तक इसके कनेक्शन नहीं हो पाए हैं, अभी भी आए दिन सीवर लाइन के नाम पर सड़कें खोद दी जाती है. इसलिए इसी मुद्दे पर कुछ जनहित याचिकाएं भी कोर्ट में दायर की गईं थीं.

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इस मामले पर हाईकोर्ट ने पाया है कि खुद जबलपुर नगर निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक सीवर लाइन प्रोजेक्ट पर 210 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है लेकिन जमीन पर ये प्रोजेक्ट आज भी अधूरा है.

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