जबलपुर। कृषि उपज मंडी में कलेक्टर द्वारा 10 बजे से 2 बजे तक का समय व्यापारियों के लिए निर्धारित किया गया है, जिसके बाद से व्यवस्थाएं सुधरने की जगह बिगड़ने लगी हैं. ऐसे में देर रात मंडी पहुंचने वाले किसानों और थोक व्यापारियों और फुटकर दुकानदारों ने जमकर हंगामा किया. साथ ही प्रशासन की व्यवस्थाओं के खिलाफ नारेबाजी की.
पुलिसकर्मियों ने व्यापारियों को रोका
दरअसल, बुधवार को कलेक्टर ने मंडी की समय सीमा निर्धारित की लेकिन दूर दराज के क्षेत्रों से आने वाले फुटकर व्यापारियों को इसकी जानकारी नहीं थी. गुरुवार की रात सैकड़ों की संख्या में फुटकर दुकानदार फल एवं सब्जी खरीदने पहुंच गए, जिससे उन्हें मंडी के गेट पर ही पुलिस ने रोक लिया. इसी दौरान कुछ फुटकर व्यापारियों ने अपने पास दिखाकर अंदर जाने की कोशिश की, जिन्हें पुलिसकर्मियों ने रोक लिया और उनके पास फाड़ दिए. इस घटना के बाद से व्यापारी आक्रोशित हो गए और नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए. करीब एक घंटे तक चले हंगामे के बाद पुलिस अधिकारियों औक मंडी सचिव ने उन्हें समझाइश दी और शहर के अन्य क्षेत्रों की उपमंडियों में खरीद बिक्री का इंतजाम करने का आश्वासन दिया जिसके बाद हंगामा समाप्त हुआ.
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व्यापारियों का माल हो रहा खराब
वहीं, फुटकर व्यापारियों का कहना है कि कलेक्टर ने बिना सोचे समझे ये आदेश जारी किया है. यदि फुटकर व्यापारी रातभर मंडी में इंतजार करके खरीदी करेगा, तो बेचने के लिए क्षेत्रों में कब जाएगा. उस पर मंडी में हर काम के लिए कमीशन भी देना पड़ रहा है. गरीब और छोटे सब्जी फल व्यापारियों के लिए ये व्यवस्था बहुत परेशानी वाली हैं. फिलहाल, अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद हंगामा तो शांत हो गया, लेकिन इस व्यवस्था के बाद से सब्जी और फलों के दाम दोगुने हो गए हैं. ऐसे में व्यापारियों का अधिकतर माल समय पर न बिकने के कारण खराब हो रहा है.