जबलपुर। हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूल के लगातार फीस बढ़ाने के लेकर सख्ती दिखाई है. हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी की है जिसके चलते स्कूल 10% से ज्यादा फीस नहीं बढ़ा सकते. यह फैसला जनहित याचिका लगाने के बाद लिया गया.
शहर के दो सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई थी. याचिका में इस बात के तथ्य दिए गए थे की निजी स्कूल हर साल बेतहाशा फीस बढ़ा रहे हैं. राज्य सरकार ने इस मामले में एक साल के लिए एक गाइडलाइन भी जारी की थी और यह व्यवस्था बनाई थी कि स्कूल 10% से ज्यादा फीस नहीं बढ़ा सकते लेकिन यह प्रावधान केवल एक साल के लिए था.
सरकार का कहना था कि वह जल्द ही इस पर नियम बना देगी और इसके जरिए आगे भी स्कूल अपनी फीस का निर्धारण इसी तरीके से करेंगे, लेकिन साल बीत गया और सरकार नियम नहीं बना पाई. वही शनिवार को हुए सुनवाई में याचिकाकर्ता ने सरकार के नियम न बनाने की बात को कोर्ट के सामने रखा.
कोर्ट ने पिछले साल के प्रावधान को इस साल पर एक साल के लिए बढ़ा दिया है और इसके तहत यदि किसी स्कूल में 10% से ज्यादा स्कूल फीस बढ़ाई है तो उसे कम करना होगा अन्यथा इसे कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी. साथ ही राज्य सरकार से नियम ना बनाने को लेकर चार सप्ताह में जवाब मांगा गया है.