जबलपुर। कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी ने हर वर्ग को परेशान कर रखा है. करीब 70 दिनों बाद सरकार ने लॉकडाउन में छूट देना शुरू कर दिया है, लेकिन इसके बाद भी लोगों का व्यवसाय पटरी पर नहीं आ पा रहा है. इन्हीं व्यवसायियों में बस ऑपरेटर्स भी शामिल हैं, जो आर्थिक रूप से हुए नुकसान से अत्यंत परेशान हैं. वहीं बस नहीं चलने से लोगों को भी खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
नाखुश बस ऑपरेटर्स
अब लॉकडाउन में छूट के तहत 50 प्रतिशत सवारियों के साथ बसें चलाने की परमिशन मिल गई है, मगर बस ऑपरेटर्स इस परमिशन के बाद भी बसें चलाने के लिए तैयार नहीं है. आईएसबीटी बस ऑपरेटर्स संघ और प्राइवेट बस संचालकों ने बताया कि 50 प्रतिशत परमिशन के साथ बसें चलाने में खर्च निकालना बेहद मुश्किल हो जायेगा. बसों का डीजल खर्च, टैक्स, परमिट, टायर और बस मेंटनेंस जैसे खर्च बेहद महंगे होते हैं.
50 फीसदी सवारी के साथ नहीं सुलझेगी आर्थिक तंगी
एक बस से करीब 12 लोगों का परिवार चलता है पर 50 प्रतिशत सवारी लेकर बस चलाने से उतनी आमदनी नहीं हो पाएगी कि सभी की आर्थिक तंगी दूर की जा सके, इसलिए इस शर्त के साथ बस चलाना संभव नहीं हो पा रहा है.
समस्याओं को लेकर सौंपा था ज्ञापन
3 जून 2020 को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा जबलपुर पहुंचे थे, जहां उन्हें बस ऑपरेटर्स द्वारा एक ज्ञापन के माध्यम से अपनी समस्याओं के बारे में अवगत कराया था, लेकिन अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया है.