ETV Bharat / state

जबलपुर: कलचुरी कालीन गांव में बदहाल विरासत, सड़कों किनारे बिखरी पड़ी पुरातात्विक महत्व की मूर्तियां

कलचूरी काल में बसे तेवर गांव के हालात बेहद ही बत्तर है. यहां मौजूद हजारों साल पूरानी मूर्तियां खंडित हो रही है तो वहीं इनके पुरातात्विक महत्व से अनजान लोग इन्हें खराब कर रहे हैं.

author img

By

Published : Feb 23, 2019, 3:48 PM IST

idol

जबलपुर। कलचुरी काल की वो विरासत जो कभी हमें अपने अतीत से रू-ब-रू कराती थी, आज प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही के चलते सड़कों किनारे बिखरी पड़ी है. आलम यह है कि हजारों सालों पुरानी इस विरासत पर अब चोर भी अपनी आंखें गड़ाए बैठे हैं.

idol
कल्चूरा काल की मूर्ती


हम बात कर रहे हैं तेवर गांव की. यह गांव जबलपुर शहर से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर है. कहते हैं कि इस खूबसूरत गांव को कलचुरी राजाओं ने बसाया था. हालांकि गांव का कोई लिखित इतिहास नहीं है, लेकिन यहां मौजूद मूर्तियां और सड़क किनारे चबूतरों पर और पेड़ों में फंसे हुए पत्थर गांव के इतिहास को खुद ही बयां करते हैं. इतिहास से जुड़ी कई निशानियां इस गांव मौजूद हैं, लेकिन सरकार इन्हें संरक्षित करने में नाकाम साबित हो रही है.


लोग यहां के मंदिरों में रखी देवी-देवताओं की मूर्तियों पर तेल चढ़़ाकर उन्हें खराब कर रहे हैं. लोग इन मूर्तियों को सिर्फ पूजा-पाठ की दृष्टि से देखते हैं. उन्हें इन मूर्तियों के ऐतिहासिक महत्व की जानकारी नहीं है, लिहाजा मूर्तियां खराब हो रही हैं. हालात तो कुछ ऐसे हैं कि मंदिर में रखी हजारों साल पुरानी भगवान गणेश की मूर्ति चोरी हो गई है. हजारों साल पुरानी होने की वजह से इस मूर्ति की कीमत लाखों में आंकी जा रही है. इसलिए चोरों की नजर इन मूर्तियों पर हमेशा बनी रहती है. हालांकि गांववाले चूंकि मूर्तियों का धार्मिक महत्व समझकर उसकी रक्षा करते हैं, इसलिए कई मूर्तियां बची हुई हैं.

undefined
कल्चूरा काल की मूर्ती


गांव वालों का कहना है कि मूर्तियों को यहीं संग्रहालय बनाकर संरक्षित किया जाए, ताकि लोग गांव में आकर इस जगह के महत्व और उसकी ऐतिहासिकता को जान सकें और ग्रामीणों को भी रोजगार मिल सके.

जबलपुर। कलचुरी काल की वो विरासत जो कभी हमें अपने अतीत से रू-ब-रू कराती थी, आज प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही के चलते सड़कों किनारे बिखरी पड़ी है. आलम यह है कि हजारों सालों पुरानी इस विरासत पर अब चोर भी अपनी आंखें गड़ाए बैठे हैं.

idol
कल्चूरा काल की मूर्ती


हम बात कर रहे हैं तेवर गांव की. यह गांव जबलपुर शहर से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर है. कहते हैं कि इस खूबसूरत गांव को कलचुरी राजाओं ने बसाया था. हालांकि गांव का कोई लिखित इतिहास नहीं है, लेकिन यहां मौजूद मूर्तियां और सड़क किनारे चबूतरों पर और पेड़ों में फंसे हुए पत्थर गांव के इतिहास को खुद ही बयां करते हैं. इतिहास से जुड़ी कई निशानियां इस गांव मौजूद हैं, लेकिन सरकार इन्हें संरक्षित करने में नाकाम साबित हो रही है.


लोग यहां के मंदिरों में रखी देवी-देवताओं की मूर्तियों पर तेल चढ़़ाकर उन्हें खराब कर रहे हैं. लोग इन मूर्तियों को सिर्फ पूजा-पाठ की दृष्टि से देखते हैं. उन्हें इन मूर्तियों के ऐतिहासिक महत्व की जानकारी नहीं है, लिहाजा मूर्तियां खराब हो रही हैं. हालात तो कुछ ऐसे हैं कि मंदिर में रखी हजारों साल पुरानी भगवान गणेश की मूर्ति चोरी हो गई है. हजारों साल पुरानी होने की वजह से इस मूर्ति की कीमत लाखों में आंकी जा रही है. इसलिए चोरों की नजर इन मूर्तियों पर हमेशा बनी रहती है. हालांकि गांववाले चूंकि मूर्तियों का धार्मिक महत्व समझकर उसकी रक्षा करते हैं, इसलिए कई मूर्तियां बची हुई हैं.

undefined
कल्चूरा काल की मूर्ती


गांव वालों का कहना है कि मूर्तियों को यहीं संग्रहालय बनाकर संरक्षित किया जाए, ताकि लोग गांव में आकर इस जगह के महत्व और उसकी ऐतिहासिकता को जान सकें और ग्रामीणों को भी रोजगार मिल सके.

Intro:जबलपुर के तेवर गांव से 1000 साल से पुरानी गणेश जी की मूर्ति हुई चोरी गांव में सड़क किनारे बिखरी पड़ी हैं हजारों साल पुरानी सैकड़ों मूर्तियां सरकार से संरक्षण की मांग


Body:जबलपुर के तेवर गांव से 1000 साल पुरानी गणेश जी की मूर्ति चोरी हो गई है दरअसल तेवर एक ऐतिहासिक गांव है कलचुरी राजाओं का इतिहास इसी गांव से जुड़ा हुआ बताया जाता है इस गांव में इतिहास से जुड़ी कई निशानियां हैं लेकिन इनको संरक्षित नहीं किया गया

तेवर जबलपुर नगर निगम क्षेत्र में आता है शहर से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर यह गांव हैं इस खूबसूरत गांव को कलचुरी राजाओं ने बसाया था हालांकि गांव का कोई लिखित इतिहास नहीं है लेकिन यहां सड़क किनारे चबूतरो पर और पेड़ों में फंसे हुए पत्थर गांव के इतिहास की इबारत खुद ब खुद लिखते हैं सड़क किनारे शंकर पार्वती की एक मूर्ति पड़ी हुई थी जिस पर अब लोगों ने थोड़ा सीमेंट लगा कर उसे खराब कर दिया है

एक छोटे से मंदिर के नीचे एक चबूतरा बना हुआ है इसमें गणेश जी सरस्वती जी और कई देवी-देवताओं की मूर्तियां रखे हुए हैं ज्यादातर खंडित हैं लेकिन इसके बावजूद इनका सौंदर्य देखते ही बनता है गांव वाले इन मूर्तियों की महत्ता को सिर्फ पूजा पाठ के हिसाब से ही देखते हैं इसलिए मूर्तियों पर तेल चढ़ा दिया जाता है या दूसरे पूजा-पाठ के सिंगार कर दिए गए हैं लोगों को इन मूर्तियों के ऐतिहासिक महत्व की जानकारी नहीं है

गांव के अंदर मंदिर से गणेश जी की मूर्ति चोरी हो गई जाहिर सी बात है 1000 साल पुरानी गणेश जी की मूर्ति की कीमत लाखों रुपए में होगी इसलिए चोरों की नजर इन मूर्तियों पर हमेशा बनी रहती है गांव वालों की सतर्कता के चलते यह मूर्तियां अभी तक बची हुई हैं इसलिए गांव वालों का कहना है की मूर्तियों को यही संग्रहालय बनाकर संरक्षित किया जाए ताकि लोग गांव में आकर गांव के महत्व और उसकी ऐतिहासिकता को जान सकें और लोगों को रोजगार मिल सके

गांव के अंदर एक सुंदर बावली भी है इसके आसपास भी कई मूर्तियां पड़ी हुई हैं बावली में पानी भी है पूरा गांव इतिहास के जिंदा सबूतों से लबरेज है यदि सरकार की थोड़ी सी मेहरबानी हो जाए इतिहास के इस खूबसूरत गांव को बचाया जा सकता है


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.