भोपाल। देश के चौथे और मध्यप्रदेश के पहले चरण का मतदान शुरू हो चुका है. आज मंडला, छिंदवाड़ा, बालाघाट, सीधी, जबलपुर और शहडोल लोकसभा सीट पर वोटिंग हो रही है. छिंदवाड़ा में विधानसभा चुनाव के उपचुनाव का मतदान भी शुरू हो चुका है. बता दें कि उपचुनाव में सीएम कमलनाथ चुनावी मैदान में हैं. वहीं सीएम के बेटे नकुलनाथ लोकसभा प्रत्याशी हैं. छिंदवाड़ावासी आज दो बार मतदान करेंगे. वे लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान करेंगे. वहीं बालाघाट में नक्सलियों ने निर्दलीय प्रत्याशी की कार जला दी. एसपी अभिषेक तिवारी के मुताबिक घटना की सूचना मिलने के बाद, पुलिस पार्टी को मौके पर भेज कर जांच कराई जा रही है
मध्यप्रदेश की जिन 6 सीटों पर वोट डाले जाएंगे, उनमें से छिंदवाड़ा, जबलपुर और सीधी VIP सीट हैं. छिंदवाड़ा से मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ पहली बार चुनावी मैदान में है. जहां उन्हें अपने पिता की विरासत बचाने की चुनौती है. बता दें कि कमलनाथ यहां से 8 बार सांसद रहें है. कमलनाथ को सिर्फ एक बार बीजेपी के सुंदरलाल पटवा ने उपचुनाव में हराया था. अब नकुलनाथ का मुकाबला बीजेपी के पूर्व विधायक नत्थन शाह से है.
दूसरी सीट जबलपुर पर भी सबकी निगाहें टिकी हैं क्योंकि यहां से दो सांसद आमने-सामने हैं. एक लोकसभा और दूसरा राज्यसभा का सदस्य है. पिछले आम चुनाव में भी दोनों प्रतिद्वंदी थे. जिसमें राकेश सिंह ने कांग्रेस के विवेक तन्खा को बड़े अंतर से हराया था. दोनों की प्रतिष्ठा इस बार भी दांव पर लगी है. हालांकि, विधानसभा चुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो पिछले आम चुनाव में 2 लाख से अधिक की बढ़त बनाने वाली बीजेपी विधानसभा चुनाव में 32 हजार के फासले पर सिमट गई है. राकेश सिंह यहां से पिछले 3 बार से चुनाव जीत रहे हैं, लेकिन इस बार यहां बागी सिरदर्द बन रहे हैं.
तीसरी वीआईपी सीट सीधी है, जहां सासंद रीति पाठक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह के बीच मुकाबला है. अजय सिंह ये चुनाव हर हाल में जीतना चाहते हैं. अबकी बार के नतीजे उनके सियासी करियर की दशा-दिशा तय करने वालै है, क्योंकि वो चुरहट से विधानसभा चुनाव पहले ही हार चुके हैं. हालांकि, यहां का मुकाबला जातिगत खेमों में तब्दील होता दिख रहा है. यहां भी बीजेपी को भितरघात का डर सता रहा है.
वहीं, शहडोल में दलबदलुओं के बीच मुकाबला है, यहां कांग्रेस से प्रमिला सिंह और बीजेपी से हिमाद्री सिंह उम्मीदवार हैं. दोनों प्रत्याशी अपनी-अपनी पार्टी छोड़कर आयी हैं. प्रमिला बीजेपी से विधायक रह चुकी हैं तो हिमाद्री शहडोल से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा उपचुनाव लड़ चुकी हैं, तब हिमाद्री सिंह को ज्ञान सिंह के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी थी.
मंडला में मुकाबला बीजेपी सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और कांग्रेस के कमल मरावी के बीच है. कुलस्ते मोदी कैबिनेट में मंत्री भी रहे हैं. 2009 को छोड़ दिया जाए तो यहां 1996 से कमल ही खिलता आया है. फग्गन सिंह सातवीं बार चुनाव मैदान में हैं. ये सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है और आदिवासी बाहुल्य है.
बालाघाट बीजेपी का गढ़ है, पिछले पांच चुनाव से यहां बीजेपी ही जीती है. इस बार बीजेपी यहां से जीत का छक्का लगाने की तैयारी में है. पहली बार बीजेपी 1998 में ये सीट जीती थी, उसके बाद कभी हारी नहीं. बीजेपी ने यहां से मौजूदा सांसद बोध सिंह भगत का टिकट काटकर ढाल सिंह बिसेन को प्रत्याशी बनाया है. टिकट कटने के बाद बोध सिंह निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं जो बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर रहे हैं. वही कांग्रेस की तरफ से मधु भगत मैदान में हैं.