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आस्था के नाम पर जान से खिलवाड़ ! गोवर्धन पर गोबर में दूध रखकर पीते हैं यहां के लोग

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Published : Nov 7, 2021, 9:09 AM IST

गोवर्धन से जुड़ी हुई एक परंपरा ऐसी है, जो बड़ी अनोखी है. जबलपुर के एक गांव में गोवर्धन पर दूध को गोबर में रखकर पीया जाता है. इसके बाद गोवर्धन को तहस नहस कर दिया जाता है.

gobar main peeya dudh
गोबर में पीया दूध

जबलपुर। दूरदराज ग्रामीण इलाकों में आज भी ऐसी परंपराएं मौजूद हैं, जिनको सुनकर आपको आश्चर्य होगा. गांव में दीपावली के मौके पर गोवर्धन की पूजा की जाती है. इस दौरान यहां अजीबो-गरीब काम किये जाते हैं. इन्हीं में से एक ही गोवर्धन के गोबर में दूध डालकर पीना है.

gobar main peeya dudh
गोवर्धन में जगह बनाकर डालते हैं दूध.

गोवर्धन में रखे दूध को पीता है माल
यहां गाय के गोबर से गोवर्धन बनाया जाता है. इसके बारे में सामान्य तौर पर सभी लोगों ने सुना होगा, लेकिन इस गोवर्धन से जुड़ी हुई एक परंपरा ऐसी है, जो बड़ी अनोखी है. गांव में ग्वाला समाज होता है. सामान्य तौर पर यह समाज गोपालन से जुड़ा हुआ रहता है, इसलिए इन्हें गाय के दूध और गोबर से कोई परहेज नहीं होता है. इस दौरान गांव के ही एक ग्वाला माल बनता है. माल की अजीबो-गरीब पोशाक होती है. वह अहीर नृत्य करता हुआ गांव में घूमता है. जिन घरों में गोवर्धन रखा रहता है. माल वहां जाता है और गोवर्धन में रखे दूध को पीता है. इसके बाद वह गोवर्धन को तहस-नहस कर देता है.

gobar main peeya dudh
घर-घर जाकर माल पीता है दूध.

MP: बैतूल में अजीबोगरीब परंपरा जानकर रह जाएंगे दंग, बच्चों को सेहतमंद रखने के लिए करते हैं ये काम

वैज्ञानिक नजरिए से देखा जाए तो यह खतरनाक है, क्योंकि गोबर में कीटाणु, बैक्टीरिया और वायरस हो सकते हैं. यदि यह किसी के शरीर में चले जाएं तो उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं, लेकिन गांव में सदियों से यह परंपरा चली आ रही है. आज तक किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ.

जबलपुर। दूरदराज ग्रामीण इलाकों में आज भी ऐसी परंपराएं मौजूद हैं, जिनको सुनकर आपको आश्चर्य होगा. गांव में दीपावली के मौके पर गोवर्धन की पूजा की जाती है. इस दौरान यहां अजीबो-गरीब काम किये जाते हैं. इन्हीं में से एक ही गोवर्धन के गोबर में दूध डालकर पीना है.

gobar main peeya dudh
गोवर्धन में जगह बनाकर डालते हैं दूध.

गोवर्धन में रखे दूध को पीता है माल
यहां गाय के गोबर से गोवर्धन बनाया जाता है. इसके बारे में सामान्य तौर पर सभी लोगों ने सुना होगा, लेकिन इस गोवर्धन से जुड़ी हुई एक परंपरा ऐसी है, जो बड़ी अनोखी है. गांव में ग्वाला समाज होता है. सामान्य तौर पर यह समाज गोपालन से जुड़ा हुआ रहता है, इसलिए इन्हें गाय के दूध और गोबर से कोई परहेज नहीं होता है. इस दौरान गांव के ही एक ग्वाला माल बनता है. माल की अजीबो-गरीब पोशाक होती है. वह अहीर नृत्य करता हुआ गांव में घूमता है. जिन घरों में गोवर्धन रखा रहता है. माल वहां जाता है और गोवर्धन में रखे दूध को पीता है. इसके बाद वह गोवर्धन को तहस-नहस कर देता है.

gobar main peeya dudh
घर-घर जाकर माल पीता है दूध.

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वैज्ञानिक नजरिए से देखा जाए तो यह खतरनाक है, क्योंकि गोबर में कीटाणु, बैक्टीरिया और वायरस हो सकते हैं. यदि यह किसी के शरीर में चले जाएं तो उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं, लेकिन गांव में सदियों से यह परंपरा चली आ रही है. आज तक किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ.

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