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कोरोना में लोगों को लूटने वाले अस्पतालों पर तिरछी नजर, स्वास्थ्य विभाग ने लिया एक्शन , 20 के खिलाफ मिली थी शिकायतें - Nursing home

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान एमपी के निजी अस्पताल और नर्सिंग होम पर मोटी कमाई करने के कई आरोप लगे. ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग की तिरछी नजर इन अस्पतालों पर पड़ गई है. ऐसे में अब पहले चरण में स्वास्थ्य विभाग 20 निजी अस्पतालों की जांच कर रिपोर्ट एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को सौंपेंगे. जिसके बाद अस्पतालों पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

Private hospitals will be investigated
निजी अस्पतालों की होगी जांच
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Published : Aug 18, 2021, 1:22 PM IST

जबलपुर। कोरोना काल में इलाज के नाम पर मरीजों से मोटी कमाई करने वाले प्रदेश के निजी अस्पताल (Private hospital) और नर्सिंग होम (Nursing home) पर अब स्वास्थ्य विभाग (Health department) की तिरछी नजर पड़ गई है. यही वजह है कि कोरोना संक्रमण काल में मरीजों से अधिक रकम वसूलने वाले निजी अस्पताल और नर्सिंग होम की जांच के लिए एडिशनल चीफ सेक्रेटरी की फटकार के बाद जबलपुर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. इसके चलते पहले चरण में स्वास्थ्य विभाग 20 निजी अस्पतालों की जांच कर रिपोर्ट एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को सौंपेंगे.


निजी अस्पतालों पर लगे थे गंभीर आरोप
देश में जब कोरोना की दूसरी लहर आई थी, उस समय मध्यप्रदेश के निजी अस्पताल और नर्सिंग होम ने मरीजों से जमकर रकम वसूली, जिसकी शिकायत मरीजों के परिजनों ने राज्य सरकार से भी की थी, लिहाजा इसको देखते हुए एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने जिले के स्वास्थ्य महकमे को फटकार लगाई. इसके बाद अब लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में जबलपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र जारी किया है. साथ ही निजी अस्पतालों की जांच ना होने पर नाराजगी जताते हुए जांच करने के निर्देश दिए.

अस्पतालों का नहीं हुआ भौतिक सत्यापन
एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने अपने पत्र में स्वास्थ्य विभाग को लिखा है कि जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा दस्तावेजों का सत्यापन व निजी अस्पतालों का भौतिक परीक्षण नहीं किया जा रहा है जिसके चलते तमाम निजी अस्पतालों में मरीजों को आयुष्मान योजना, ईएसआईसी, सीजीएचएस के लाभार्थियों को अपेक्षित सुविधा नहीं मिल पा रही है, साथ ही अन्य मरीजों को भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही थी जिस पर की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने नाराजगी जताई थी.

वादा ना तोड़ ! हड़ताली जूनियर डॉक्टरों को विभाग ने भेजा नोटिस, रजिस्ट्रेशन सस्पेंड करने की चेतावनी

अस्पतालों की जांच के लिए बनाई 10 सदस्यीय टीम
प्रदेश की जनता पर स्वास्थ्य विभाग (Health department) के कामकाज को लेकर लगातार नकारात्मक प्रभाव पड़ रहे थे और मरीजों को भी निजी अस्पतालों की व्यवस्थाओं को लेकर परेशान होना पड़ रहा था, जिसके बाद जबलपुर जिले के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रत्नेश कुरारिया ने आनन-फानन में एक 10 सदस्य जांच टीम का गठन कर निजी अस्पतालों की जांच के निर्देश दिए हैं,अब जांच टीम ने दो निजी अस्पतालों में नर्सिंग होम एक्ट के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं की बारीकी से जांच पड़ताल शुरू कर दी है.

जबलपुर। कोरोना काल में इलाज के नाम पर मरीजों से मोटी कमाई करने वाले प्रदेश के निजी अस्पताल (Private hospital) और नर्सिंग होम (Nursing home) पर अब स्वास्थ्य विभाग (Health department) की तिरछी नजर पड़ गई है. यही वजह है कि कोरोना संक्रमण काल में मरीजों से अधिक रकम वसूलने वाले निजी अस्पताल और नर्सिंग होम की जांच के लिए एडिशनल चीफ सेक्रेटरी की फटकार के बाद जबलपुर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. इसके चलते पहले चरण में स्वास्थ्य विभाग 20 निजी अस्पतालों की जांच कर रिपोर्ट एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को सौंपेंगे.


निजी अस्पतालों पर लगे थे गंभीर आरोप
देश में जब कोरोना की दूसरी लहर आई थी, उस समय मध्यप्रदेश के निजी अस्पताल और नर्सिंग होम ने मरीजों से जमकर रकम वसूली, जिसकी शिकायत मरीजों के परिजनों ने राज्य सरकार से भी की थी, लिहाजा इसको देखते हुए एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने जिले के स्वास्थ्य महकमे को फटकार लगाई. इसके बाद अब लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में जबलपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र जारी किया है. साथ ही निजी अस्पतालों की जांच ना होने पर नाराजगी जताते हुए जांच करने के निर्देश दिए.

अस्पतालों का नहीं हुआ भौतिक सत्यापन
एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने अपने पत्र में स्वास्थ्य विभाग को लिखा है कि जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा दस्तावेजों का सत्यापन व निजी अस्पतालों का भौतिक परीक्षण नहीं किया जा रहा है जिसके चलते तमाम निजी अस्पतालों में मरीजों को आयुष्मान योजना, ईएसआईसी, सीजीएचएस के लाभार्थियों को अपेक्षित सुविधा नहीं मिल पा रही है, साथ ही अन्य मरीजों को भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही थी जिस पर की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने नाराजगी जताई थी.

वादा ना तोड़ ! हड़ताली जूनियर डॉक्टरों को विभाग ने भेजा नोटिस, रजिस्ट्रेशन सस्पेंड करने की चेतावनी

अस्पतालों की जांच के लिए बनाई 10 सदस्यीय टीम
प्रदेश की जनता पर स्वास्थ्य विभाग (Health department) के कामकाज को लेकर लगातार नकारात्मक प्रभाव पड़ रहे थे और मरीजों को भी निजी अस्पतालों की व्यवस्थाओं को लेकर परेशान होना पड़ रहा था, जिसके बाद जबलपुर जिले के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रत्नेश कुरारिया ने आनन-फानन में एक 10 सदस्य जांच टीम का गठन कर निजी अस्पतालों की जांच के निर्देश दिए हैं,अब जांच टीम ने दो निजी अस्पतालों में नर्सिंग होम एक्ट के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं की बारीकी से जांच पड़ताल शुरू कर दी है.

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