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सिटी अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा NSA में गिरफ्तार: नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन केस

जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा और वहां दवा की दुकान में काम करने वाले देवेश चौरसिया को पुलिस ने एनएसए के तहत वारंट जारी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस अग्रिम कार्रवाई में जुटी है.

सरबजीत सिंह मोखा
सरबजीत सिंह मोखा
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Published : May 12, 2021, 2:01 AM IST

Updated : May 12, 2021, 9:19 AM IST

जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में एसपी के निर्देश पर सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा और वहां दवा की दुकान में काम करने वाले देवेश चौरसिया को पुलिस ने एनएसए के तहत वारंट जारी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.

जानकारी देते एएसपी रोहित काशवानी.

गुजरात से लायी गई थी इंजेक्शन की खेप
दरअसल, कुछ दिन पहले गुजरात के मोरवी जिले की पुलिस ने भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के मामले में गिरफ्तार कर उसे अपने साथ गुजरात ले गई थी. सपन जैन के भाई सत्यम जैन और देवेश चौरसिया सिटी अस्पताल मे दवा सप्लाई का काम देखते हैं. पुलिस ने मामले में देवेश चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया है और सघन पूछताछ में जुट गई है.

दो कार्टून में जबलपुर आए थे इंजेक्शन
पुलिस पूछताछ में पाया गया कि 23 अप्रैल एवं 28 अप्रैल को बस के माध्यम से इंदौर से रेमडेसिविर इंजेक्शन के दो कार्टून जबलपुर आये थे. सरबजीत सिंह मोखा के कहे अनुसार देवेश चौरसिया उन्हें लेने के लिये गया था. कार्टून लेने के बाद देवेश चौरसिया ने सिटी अस्पताल लाकर सरबजीत सिंह मोखा के कक्ष में रख दिया था. दवाओं का भुगतान सपन जैन ने किया. इस सबंध में सिटी अस्पताल के पास कोई रिकॉर्ड नहीं था.

नकली रेमडेसिविर का मामला: सिटी अस्पताल संचालक समेत 3 के खिलाफ मामला दर्ज

गौरतलब है कि थाना बी डिवीजन जिला मोरवी गुजरात पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की फैक्ट्री से इंजेक्शन जब्त किये थे. उसी फैक्ट्री मैं बने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन इंदौर से ट्रांसपोर्ट के माध्यम से सिटी अस्पताल जबलपुर पहुंचे.

विहिप ने संगठन से किया बाहर
सरबजीत VHP से भी जुड़ा रहा है. लेकिन केस दर्ज होने का बाद विश्व हिंदू परिषद ने सरबजीत सिंह मोखा को संगठन के सभी दायित्वों से मुक्त कर दिया था. प्रांत मंत्री राजेश तिवारी ने उन्हें हर दायित्व से मुक्त कर दिया है. जानकारी के मुताबिक सरबजीत सिंह मोखा का नाम जैसे ही नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के लेनेदेन में आया तो लोगों में भारी आक्रोश उत्पन्न होने लगा. लोग अपनी प्रतिक्रिया तक जाहिर करने लगे.

विचार विमर्श करने के बाद लिया गया निर्णय
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री के अनुसार कोरोना संक्रमण की वजह से बैठक नहीं हो रही हैं. संगठन मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के साथ पूरे प्रकरण को लेकर विचार-विमर्श किया गया है, जिसके बाद निर्णय लिया गया है कि मोखा को सभी दायित्व से मुक्त किया जाए. सरबजीत सिंह मोखा जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद के नर्मदा जिला के अध्यक्ष था.

जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में एसपी के निर्देश पर सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा और वहां दवा की दुकान में काम करने वाले देवेश चौरसिया को पुलिस ने एनएसए के तहत वारंट जारी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.

जानकारी देते एएसपी रोहित काशवानी.

गुजरात से लायी गई थी इंजेक्शन की खेप
दरअसल, कुछ दिन पहले गुजरात के मोरवी जिले की पुलिस ने भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के मामले में गिरफ्तार कर उसे अपने साथ गुजरात ले गई थी. सपन जैन के भाई सत्यम जैन और देवेश चौरसिया सिटी अस्पताल मे दवा सप्लाई का काम देखते हैं. पुलिस ने मामले में देवेश चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया है और सघन पूछताछ में जुट गई है.

दो कार्टून में जबलपुर आए थे इंजेक्शन
पुलिस पूछताछ में पाया गया कि 23 अप्रैल एवं 28 अप्रैल को बस के माध्यम से इंदौर से रेमडेसिविर इंजेक्शन के दो कार्टून जबलपुर आये थे. सरबजीत सिंह मोखा के कहे अनुसार देवेश चौरसिया उन्हें लेने के लिये गया था. कार्टून लेने के बाद देवेश चौरसिया ने सिटी अस्पताल लाकर सरबजीत सिंह मोखा के कक्ष में रख दिया था. दवाओं का भुगतान सपन जैन ने किया. इस सबंध में सिटी अस्पताल के पास कोई रिकॉर्ड नहीं था.

नकली रेमडेसिविर का मामला: सिटी अस्पताल संचालक समेत 3 के खिलाफ मामला दर्ज

गौरतलब है कि थाना बी डिवीजन जिला मोरवी गुजरात पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की फैक्ट्री से इंजेक्शन जब्त किये थे. उसी फैक्ट्री मैं बने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन इंदौर से ट्रांसपोर्ट के माध्यम से सिटी अस्पताल जबलपुर पहुंचे.

विहिप ने संगठन से किया बाहर
सरबजीत VHP से भी जुड़ा रहा है. लेकिन केस दर्ज होने का बाद विश्व हिंदू परिषद ने सरबजीत सिंह मोखा को संगठन के सभी दायित्वों से मुक्त कर दिया था. प्रांत मंत्री राजेश तिवारी ने उन्हें हर दायित्व से मुक्त कर दिया है. जानकारी के मुताबिक सरबजीत सिंह मोखा का नाम जैसे ही नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के लेनेदेन में आया तो लोगों में भारी आक्रोश उत्पन्न होने लगा. लोग अपनी प्रतिक्रिया तक जाहिर करने लगे.

विचार विमर्श करने के बाद लिया गया निर्णय
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री के अनुसार कोरोना संक्रमण की वजह से बैठक नहीं हो रही हैं. संगठन मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के साथ पूरे प्रकरण को लेकर विचार-विमर्श किया गया है, जिसके बाद निर्णय लिया गया है कि मोखा को सभी दायित्व से मुक्त किया जाए. सरबजीत सिंह मोखा जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद के नर्मदा जिला के अध्यक्ष था.

Last Updated : May 12, 2021, 9:19 AM IST
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