जबलपुर। शहर में मौजूद मध्यप्रदेश की ज्यूडिशियल एकेडमी में जिला अदालतों के जजों को प्रशिक्षण दिया जाता है. बीते दिनों 155 जजों का सिलेक्शन हुआ है, लेकिन इसके पहले की न्यायाधीशों का प्रशिक्षण शुरू हो पाता कोरोना की वजह से एकेडमी का कामकाज रुक गया, लेकिन अब ज्यूडिशियल एकेडमी ने फैसला किया है कि बहुत दिनों तक प्रशिक्षण कार्य नहीं रुकेगा और अब जजों का प्रशिक्षण ऑनलाइन तरीके से शुरू किया जाएगा.
शुरुआत में 4 सप्ताह की प्रारंभिक पढ़ाई 11 मई से शुरू की जा रही है. जजों को तीन-तीन महीने के प्रशिक्षण दिए जाते हैं, जिनमें 6 माह का प्रशिक्षण अकादमी में पूरा होता है और इसके बाद का प्रशिक्षण फील्ड में करना होता है. ज्यूडिशियल एकेडमी ने इसके लिए एक अत्याधुनिक प्रशिक्षण कक्ष बनाया है. इसके जरिए तमाम 155 नवनियुक्त जजों को घर बैठे ही यह प्रशिक्षण पूरा करना होगा और इसके बाद उन्हें दिए गए असाइनमेंट पूरे करने होंगे.
यदि इन 155 जजों का तुरंत प्रशिक्षण शुरू नहीं किया गया तो अदालतों में जजों की कमी हो जाएगी, क्योंकि लगभग इतने ही जज इस साल रिटायर भी होंगे. इसलिए इन जजों को यदि समय पर अदालत का कामकाज संभालने का प्रशिक्षण नहीं मिला तो न्याय व्यवस्था में देरी होगी और इसका नुकसान पूरे समाज को उठाना पड़ेगा. इसलिए मुख्य न्यायाधीश ने मध्य प्रदेश में पहली बार ऑनलाइन तरीके से जजों की पढ़ाई शुरू करने का फैसला लिया है.
न्यायिक एकेडमी के डायरेक्टर राम कुमार चौबे का कहना है कि जिस तर्ज पर ज्यूडिशियल एकेडमी जजों का प्रशिक्षण दे रही है यदि कोरोना वायरस का कोई तोड़ नहीं आया तो भविष्य में इसी तरह का चलन हो जाएगा. यह एक मौका है, जिसमें हम ऑनलाइन एजुकेशन को मजबूत कर सकते हैं, क्योंकि ऑनलाइन एजुकेशन सस्ता है और इसमें जो शख्स जहां बैठा है, उसे वहीं प्रशिक्षित किया जा सकता है.