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12 करोड़ रुपए के खर्च से नर्मदा विसर्जन कुंड को दिया जा रहा नया रूप, जानें कितनी हुई तैयारी

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Published : Aug 4, 2020, 5:10 PM IST

नगर निगम नर्मदा नदी से लगे विसर्जन कुंड को नया रूप देने की तैयारी में जुटा हुआ है. जिसके लिए निगम 12 करोड़ रुपए खर्च करेगा, लेकिन स्मार्ट सिटी के 12 करोड़ रुपए पूरी तरह से पानी में मिलते दिखाई दे रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Narmada Visarjan Kund
नर्मदा विसर्जन कुंड

जबलपुर। निगम नर्मदा नदी से लगे विसर्जन कुंड को नया रूप देने की तैयारी में जुटा हुआ है. स्मार्ट सिटी इस विसर्जन कुंड में ओपन थिएटर बना रहा है, जिसके लिए करीब 12 करोड़ रुपए नगर निगम खर्च करेगा. इस विसर्जन कुंड को धौलपुरी वाले लाल पत्थरों से सजाया जा रहा है. जिसमें करोड़ों रुपए की लागत से कीमती पौधे इस कुंड के आस पास लगाए जा रहे हैं. वहीं यहां पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए खुला क्षेत्र भी विकसित किया जाएगा, लेकिन इस ओपन थिएटर में गंदगी और सुरक्षा के लिए कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं, नतीजन स्मार्ट सिटी के 12 करोड़ रुपए पूरी तरह से पानी में मिलने को तैयार हैं. अब इसे धांधली कहे या लापरवाही, लेकिन पैसों की बर्बादी जरुर हो रही है.

स्मार्ट सिटी नर्मदा विसर्जन कुंड को दे रहा नया रुप

नर्मदा विसर्जन कुंड में 12 करोड़ रुपए का खर्च

जबलपुर स्मार्ट सिटी जिस मकसद को ध्यान में रखकर नर्मदा विसर्जन कुंड के बहाने 12 करोड़ रुपए खर्च करने जा रहा है, उसका उद्देश्य कामयाब होता नहीं दिखाई दे रहा है. करोड़ों रुपए की लागत से बनाए जा रहे इस पार्क में आम जनों के लिए पहुंचने और सुकून का समय बिताने जैसा वातावरण नहीं है. पार्क के चारों तरफ अवैध बस्ती बसी हुई है, इतना ही नहीं यहां पर अतिक्रमण का जाल इतना फैला हुआ है कि पार्क में आने-जाने वाले पर्यटक अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हुए यहां रुक पाएंगे ये कहना मुश्किल है.

Construction of park
पार्क का निर्माण कार्य

पार्क में सुरक्षा का नहीं है इंतजाम

पार्क के पास बनी बस्ती की गंदगी पार्क में समा रही है, अगर इसी प्रकार से पार्क में आगे भी गंदगी होती रही तो उस गंदगी के कारण पर्यटक पार्क में ठहर नहीं पाएंगे. यही वजह है कि स्मार्ट सिटी का 12 करोड़ रुपए पूरी तरह से बर्बाद होने की कगार पर है. स्थानीय लोगों का कहना है कि स्मार्ट सिटी के अधिकारी बिना किसी तैयारी के विसर्जन कुंड में 12 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं. इस पार्क के आसपास अवैध बस्ती है, जहां पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. स्थानीय लोगों ने कहा कि रात होते ही ये विसर्जन कुंड शराब पीने वालों का ओपर बार बन जाता है. जिसके चलते पर्यटक हमेशा यहां पर अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं.

Working laborers
काम करने वाले मजदूर

ओपन एयर थिएटर के आस पास गंदगी का जमावड़ा

नर्मदा ओपन एयर थिएटर में वह आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं, जिन्हें देखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पर्यटक भटोली कुंड और यहां के पार्क में पहुंचकर मनोरंजन कर सकेंगे. वहीं यहां छोटे-मोटे कार्यक्रम भी होते रहेंगे, लेकिन इस पार्क में ऐसा कुछ नहीं देखा जा रहा है, यहां सीधे मोटे पाइप के जरिए बस्ती की गंदगी पहुंच रही है, उससे लोग अपना कार्यक्रम कर पाएंगे या फिर दुर्गंध के बीच में पार्क में समय व्यतीत कर पाएंगे ये कहना काफी मुश्किल है.

Construction work of Opar Air Theater
ओपर एयर थिएटर का कंस्ट्रक्शन का काम

नर्मदा किनारे स्थित भटोली कुंड के निर्माण पर शहरवासियों की नजरें टिकी हैं, क्योंकि नदी, तालाब में गणेश और दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन पर लगी रोक के बाद जिला प्रशासन भटोली कुंड में ही प्रतिमाओं को विसर्जन कराते हैं. गणेश उत्सव पर्व के लिए अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं, कुंड में हर साल छोटी-बड़ी करीब 10 हजार गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है. इस बार कोरोना संक्रमण के चलते बड़ी प्रतिमाओं की स्थापना नहीं होगी, लेकिन घरों पर विराजे गणपति को कुंड में विसर्जित जरूर किया जाएगा.

Narmada immersion pool
नर्मदा विसर्जन कुंड

स्मार्ट सिटी के तहत विसर्जन कुंड को बनाने की योजना

  • कुंड के चारों तरफ धौलपुरी और कोटा के पत्थरों से फर्श और सीढ़ियां बनाई जा रही हैं.
  • सीढ़ियों में रैलिंग लगाई जा रही हैं, जिससे कोई दुर्घटना ना हो.
  • कुंड के चारों तरफ कंक्रीट और रिटेनिंग वॉल भी बनाई जा रही है.

अभी इतना काम है बाकी

  • सीढ़ियां और फर्श का काम अभी बाकी है.
  • विसर्जन कुंड के चारों तरफ लगाए जा रहे पत्थरों का भी काम बाकी है.
  • गार्डन में फिनिशिंग का काम भी अभी बाकी है.
  • गार्डनिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन और मंच का काम अभी अधूरा पड़ा हुआ है.

ऐसा होगा ओपन थिएटर

  • ओपन एयर थिएटर में करीब 25 दर्शकों की क्षमता होगी.
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए यहां मंच भी बनेगा.
  • गार्डन में रंग बिरंगी लाइटिंग होगी.

कितना हुआ काम

  • ओपन थिएटर में लगभग 40% काम हो चुका है.

जबलपुर। निगम नर्मदा नदी से लगे विसर्जन कुंड को नया रूप देने की तैयारी में जुटा हुआ है. स्मार्ट सिटी इस विसर्जन कुंड में ओपन थिएटर बना रहा है, जिसके लिए करीब 12 करोड़ रुपए नगर निगम खर्च करेगा. इस विसर्जन कुंड को धौलपुरी वाले लाल पत्थरों से सजाया जा रहा है. जिसमें करोड़ों रुपए की लागत से कीमती पौधे इस कुंड के आस पास लगाए जा रहे हैं. वहीं यहां पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए खुला क्षेत्र भी विकसित किया जाएगा, लेकिन इस ओपन थिएटर में गंदगी और सुरक्षा के लिए कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं, नतीजन स्मार्ट सिटी के 12 करोड़ रुपए पूरी तरह से पानी में मिलने को तैयार हैं. अब इसे धांधली कहे या लापरवाही, लेकिन पैसों की बर्बादी जरुर हो रही है.

स्मार्ट सिटी नर्मदा विसर्जन कुंड को दे रहा नया रुप

नर्मदा विसर्जन कुंड में 12 करोड़ रुपए का खर्च

जबलपुर स्मार्ट सिटी जिस मकसद को ध्यान में रखकर नर्मदा विसर्जन कुंड के बहाने 12 करोड़ रुपए खर्च करने जा रहा है, उसका उद्देश्य कामयाब होता नहीं दिखाई दे रहा है. करोड़ों रुपए की लागत से बनाए जा रहे इस पार्क में आम जनों के लिए पहुंचने और सुकून का समय बिताने जैसा वातावरण नहीं है. पार्क के चारों तरफ अवैध बस्ती बसी हुई है, इतना ही नहीं यहां पर अतिक्रमण का जाल इतना फैला हुआ है कि पार्क में आने-जाने वाले पर्यटक अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हुए यहां रुक पाएंगे ये कहना मुश्किल है.

Construction of park
पार्क का निर्माण कार्य

पार्क में सुरक्षा का नहीं है इंतजाम

पार्क के पास बनी बस्ती की गंदगी पार्क में समा रही है, अगर इसी प्रकार से पार्क में आगे भी गंदगी होती रही तो उस गंदगी के कारण पर्यटक पार्क में ठहर नहीं पाएंगे. यही वजह है कि स्मार्ट सिटी का 12 करोड़ रुपए पूरी तरह से बर्बाद होने की कगार पर है. स्थानीय लोगों का कहना है कि स्मार्ट सिटी के अधिकारी बिना किसी तैयारी के विसर्जन कुंड में 12 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं. इस पार्क के आसपास अवैध बस्ती है, जहां पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. स्थानीय लोगों ने कहा कि रात होते ही ये विसर्जन कुंड शराब पीने वालों का ओपर बार बन जाता है. जिसके चलते पर्यटक हमेशा यहां पर अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं.

Working laborers
काम करने वाले मजदूर

ओपन एयर थिएटर के आस पास गंदगी का जमावड़ा

नर्मदा ओपन एयर थिएटर में वह आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं, जिन्हें देखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पर्यटक भटोली कुंड और यहां के पार्क में पहुंचकर मनोरंजन कर सकेंगे. वहीं यहां छोटे-मोटे कार्यक्रम भी होते रहेंगे, लेकिन इस पार्क में ऐसा कुछ नहीं देखा जा रहा है, यहां सीधे मोटे पाइप के जरिए बस्ती की गंदगी पहुंच रही है, उससे लोग अपना कार्यक्रम कर पाएंगे या फिर दुर्गंध के बीच में पार्क में समय व्यतीत कर पाएंगे ये कहना काफी मुश्किल है.

Construction work of Opar Air Theater
ओपर एयर थिएटर का कंस्ट्रक्शन का काम

नर्मदा किनारे स्थित भटोली कुंड के निर्माण पर शहरवासियों की नजरें टिकी हैं, क्योंकि नदी, तालाब में गणेश और दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन पर लगी रोक के बाद जिला प्रशासन भटोली कुंड में ही प्रतिमाओं को विसर्जन कराते हैं. गणेश उत्सव पर्व के लिए अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं, कुंड में हर साल छोटी-बड़ी करीब 10 हजार गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है. इस बार कोरोना संक्रमण के चलते बड़ी प्रतिमाओं की स्थापना नहीं होगी, लेकिन घरों पर विराजे गणपति को कुंड में विसर्जित जरूर किया जाएगा.

Narmada immersion pool
नर्मदा विसर्जन कुंड

स्मार्ट सिटी के तहत विसर्जन कुंड को बनाने की योजना

  • कुंड के चारों तरफ धौलपुरी और कोटा के पत्थरों से फर्श और सीढ़ियां बनाई जा रही हैं.
  • सीढ़ियों में रैलिंग लगाई जा रही हैं, जिससे कोई दुर्घटना ना हो.
  • कुंड के चारों तरफ कंक्रीट और रिटेनिंग वॉल भी बनाई जा रही है.

अभी इतना काम है बाकी

  • सीढ़ियां और फर्श का काम अभी बाकी है.
  • विसर्जन कुंड के चारों तरफ लगाए जा रहे पत्थरों का भी काम बाकी है.
  • गार्डन में फिनिशिंग का काम भी अभी बाकी है.
  • गार्डनिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन और मंच का काम अभी अधूरा पड़ा हुआ है.

ऐसा होगा ओपन थिएटर

  • ओपन एयर थिएटर में करीब 25 दर्शकों की क्षमता होगी.
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए यहां मंच भी बनेगा.
  • गार्डन में रंग बिरंगी लाइटिंग होगी.

कितना हुआ काम

  • ओपन थिएटर में लगभग 40% काम हो चुका है.
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