जबलपुर। भारत की सबसे चर्चित ट्रेन वंदे भारत को लेकर मध्य प्रदेश के लोग बड़ी उम्मीद लगाए बैठे हैं. यह चर्चा बहुत गर्म है कि मध्य प्रदेश की पहली वंदे भारत ट्रेन जबलपुर से भोपाल होते हुए इंदौर के लिए चलाई जाएगी, लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ना तो रेलवे बोर्ड में अभी ऐसा कोई निर्णय लिया है और ना कोई गाइडलाइन जारी की गई है. पश्चिम मध्य रेलवे के सूत्रों के अनुसार फिलहाल आधिकारिक तौर पर वंदे भारत ट्रेन मध्यप्रदेश में चलाने की कोई योजना की घोषणा नहीं हुई है.
ट्रैक की स्पीड क्षमता पर भी संशय : वंदे भारत ट्रेन अपनी स्पीड को लेकर भी चर्चा में है. यह रेलगाड़ी 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है. इस हिसाब से लोगों का अनुमान है कि जबलपुर से इंदौर की दूरी मात्र 7 घंटे में पूरी की जा सकती है. लेकिन इसमें एक बड़ा सवाल है कि अभी इस ट्रैक पर जितनी भी मौजूदा रेलगाड़ियां चल रही हैं, उनकी अधिकतम स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटे की है. ये ट्रैक अभी तक इससे ज्यादा तेज चलने वाली रेलगाड़ियों के लिए परखा नहीं गया है. ऐसे में वंदे भारत ट्रेन इस ट्रैक पर कैसे दौड़ेगी, इस पर विचार करना होगा.
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वंदे भारत पर कोरी बयानबाजी : वंदे भारत ट्रेन को लेकर राजनीतिक बयानबाजी बड़ी तेज है और जबलपुर सांसद से लेकर इंदौर सांसद तक इसको दौड़ाने की बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन हकीकत ये है कि अभी यह सपना जल्दी ही सच नहीं होगा. क्योंकि 3 साल में 400 वंदे भारत एक्सप्रेस भारत में चलानी हैं और अभी इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई है. कुछ निजी कंपनियों को इसके निर्माण का काम दिया जा रहा है. फिलहाल जिन सरकारी कारखानों में इसे बनाया जा रहा था, उनकी क्षमता बहुत ज्यादा नहीं है और वह लोहे से बने कोच बनाने के लिए तैयार किए गए हैं. वंदे भारत ट्रेन में एलुमिनियम के बने हुए कोच लगाए जाते हैं.