जबलपुर। एमपी में सोमवार से राजस्व अधिकारियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश के तमाम तहसीलदार और नायब तहसीलदार 3 दिवसीय अवकाश पर चले गए हैं. इसके चलते जबलपुर-ग्वालियर में भी तमाम तहसीलदारों ने अपने-अपने सरकारी वाहन जमा कर कलेक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. सभी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार प्रमोशन लिस्ट नहीं आने से नाराज हैं. जिसके चलते जिले के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार सरकारी वॉट्सएप ग्रुप से लेफ्ट हो गए और सोमवार 20 मार्च से 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर चले गए.
इसलिए हड़ताल पर अफसर: प्रदेश में तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और नायब तहसीलदारों को तहसीलदार बनाने का मुद्दा फरवरी से ही गरमाया हुआ है. वे चाहते हैं कि कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार को लेकर आदेश सामान्य प्रशासन विभाग ही निकाले, ताकि जिलों में उन्हें पदोन्नति उसी तहसील पर मिले, जो की गई है. इससे प्रभार के संबंध में दुविधा या दुरुपयोग नहीं होगा और अफसरों के सम्मान को ठेस भी नहीं पहुंचेगी. हालांकि, अब तक प्रमोशन लिस्ट जारी नहीं हुई है. नायब तहसीलदारों को राजपत्रित घोषित करने और राजस्व अधिकारियों की ग्रेड-पे एवं वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांगें हैं. इसलिए उन्होंने सामूहिक अवकाश पर जाने का मन बनाया है.
बड़ी हड़ताल की चेतावनी: मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि मांगों को लेकर लंबे समय से मांग कर रहे हैं. बावजूद अब तक ये पूरी नहीं की गई है. इसलिए 15 मार्च को हुई कार्यकारिणी की मीटिंग में सामूहिक अवकाश पर जाने का मन बनाया है. गुरुवार और शुक्रवार को उन्होंने काली पट्टी बांधकर काम किया, जबकि शनिवार को कोई काम नहीं किया और सोमवार से 3 दिवसीय अवकाश पर चले गए हैं. इस दौरान उन्होंने अपनी सरकारी गाड़ियां सीनियर अफसरों के समक्ष जमा कराते हुए खड़ी कर दी और अपना डिजिटल साइन का डोंगल भी जमा करा दिया. तहसीलदारों का कहना है कि वह अपनी मांगों को लेकर पिछले कई सालों से सरकार से बातचीत कर रहे हैं लेकिन कोई हल नहीं निकाला गया. ऐसे में मजबूरन वो 3 दिनों के अवकाश पर जा रहे हैं अगर इसके बाद भी बात नहीं बनी तो आगे चलकर हड़ताल पर भी जा सकते हैं.
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सर्वे का काम प्रभावित: ग्वालियर में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की संख्या लगभग 28 है. ऐसे में ओलावृष्टि होने के कारण किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. उसके सर्वे का काम शुरू होना है लेकिन इन सभी राजस्व अधिकारियों के सामने अवकाश के बाद सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा. इन सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता है तब तक वह लगातार संघ के द्वारा दिए जा रहे निर्णय का पालन करेंगे. साथियों ने कहा है कि आगामी समय में विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा को तैयार करने के लिए मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ ने बैठक बुलाई है और इस बैठक में निर्णय होगा आगामी दिनों में अपनी मांगों को मंगवाने के लिए किस तरह विरोध दर्ज किया जाए.