जबलपुर। मप्र लोक सेवा आयोग-2019 की प्रारंभिक परीक्षा परिणाम कटघरे में है. हाईकोर्ट ने चयन प्रकिया को याचिकाओं के निर्णय के अधीन रखे जाने के अंतरिम आदेश दिये हैं. चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सिविल सेवा परीक्षा नियम को भूतलक्षी प्रभाव से लागू किये जाने के बारे में पीएससी को जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं. साथ ही ग्वालियर और इंदौर में दायर संबंधित याचिकाओं की सुनवाई भी इस याचिका के साथ 4 फरवरी को किये जाने के निर्देश दिये हैं. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि आरक्षित अभ्यर्थियों के मेरिट में अंक अधिक होने के बावजूद उन्हें अपनी ही केटीगिरी में समाहित किया गया है. जबकि नियमानुसार अधिक अंक प्राप्त करने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को अनारक्षित में ट्रांसफर करने का प्रावधान है.
पीएससी 2019 की चयन प्रकिया निर्णय के अधीन
मध्यप्रदेश पीएससी की 2019 की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम पर दायर याचिका पर अब हाईकोर्ट 4 फरवरी को सुनवाई करेगी. इसी दिन ग्वालियर और इंदौर में दायर संबंधित याचिकाओं की सुनवाई भी हाईकोर्ट करेगा.
जबलपुर। मप्र लोक सेवा आयोग-2019 की प्रारंभिक परीक्षा परिणाम कटघरे में है. हाईकोर्ट ने चयन प्रकिया को याचिकाओं के निर्णय के अधीन रखे जाने के अंतरिम आदेश दिये हैं. चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सिविल सेवा परीक्षा नियम को भूतलक्षी प्रभाव से लागू किये जाने के बारे में पीएससी को जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं. साथ ही ग्वालियर और इंदौर में दायर संबंधित याचिकाओं की सुनवाई भी इस याचिका के साथ 4 फरवरी को किये जाने के निर्देश दिये हैं. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि आरक्षित अभ्यर्थियों के मेरिट में अंक अधिक होने के बावजूद उन्हें अपनी ही केटीगिरी में समाहित किया गया है. जबकि नियमानुसार अधिक अंक प्राप्त करने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को अनारक्षित में ट्रांसफर करने का प्रावधान है.
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