जबलपुर। मध्यप्रदेश में शराबबंदी को लेकर एक बार फिर सियासत शुरू हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के शराबबंदी अभियान के साथ ही अब बीजेपी के वरिष्ठ विधायक अजय विश्नोई ने भी गांव-गांव बिक रही शराब पर रोक लगाने की मांग की है. बीजेपी विधायक की सरकार को सलाह है कि अगर गांव-गांव में बिक रही शराब को बंद कर दिया जाए तो 2023 की राह बीजेपी के लिए आसान हो जाएगी. बीजेपी को हर बूथ पर कम से कम 100 वोट अतिरिक्त मिल जाएंगे क्योंकि जनता भी अवैध शराब बिक्री से परेशान है.
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भाजपा विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा: शराब के मुद्दे को लेकर बीजेपी के कद्दावर नेता और जबलपुर से विधायक अजय विश्नोई ने फिर अपनी ही सरकार को घेरा है. अजय विश्नोई ने मध्यप्रदेश में गांव-गांव बिक रही शराब पर सवाल उठाए हैं. विश्नोई ने कहा कि गांव गांव शराब की बिक्री अब सामाजिक बुराई से कहीं बढ़कर अभिशाप बन गई है. उन्होंने मामले में सीएम शिवराज को पत्र लिखा है और उनसे शराब माफिया पर तत्काल एक्शन लेने की मांग की है. अजय विश्नोई ने अपनी ही सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जब हम यूपी की योगी सरकार का अनुसरण कर ही रहे हैं तो यूपी की तरह यहां भी गांव गांव शराब की बिक्री रोकी जानी चाहिए.
कांग्रेस का तंज-बीजेपी के संरक्षण में शराब माफिया फल फूल रहे: इधर कांग्रेस ने शराब के मुद्दे पर बीजेपी पर पलटवार किया है. कांग्रेस का कहना है की बीजेपी सरकार ही घर-घर शराब बेच रही है और एक तरफ बयान बाजी कर खुद को पाक साफ बताने का ढोंग कर रही है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी के संरक्षण में ही अवैध शराब माफिया प्रदेश में फल-फूल रहे हैं, यहां केवल दिखावा किया जा रहा है. कुल मिलाकर कहा जाए कि मध्यप्रदेश में शराबबंदी हो या ना हो लेकिन राजनीति जमकर हो रही है. 2023 का विधानसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में हर एक नेता अपनी-अपनी राजनीतिक रोटियां सैकने में लगा हुए हैं, फिर चाहे वह कांग्रेस के हो या फिर बीजेपी.
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