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MP High Court: नाबालिग अवस्था में किए अपराध के कारण नौकरी से वंचित क्यों किया, 30 दिन में लें निर्णय

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Published : Apr 17, 2023, 7:24 PM IST

नाबालिग रहते हुए अपराध के कारण नौकरी से वंचित किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी. हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने एडीजी चयन तथा एसपी पुलिस अधीक्षक को निर्देश जारी किये हैं कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित सिद्धांत के आधार पर चयन के संबंध 30 दिनों में निर्णय लें.

MP High Court
नाबालिग अवस्था में किए अपराध के कारण नौकरी से वंचित क्यों किया

जबलपुर। छिंदवाड़ा निवासी अमित वर्मा की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि उसने पुलिस भर्ती 2020 के लिए आवेदन किया था. आवेदन फॉर्म में उसने नाबालिग अवस्था में किये गये अपराध का उल्लेख किया था. अपराध में उसे 800 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया था. चयन के बाद दस्तावेज वेरीफिकेशन के दौरान पुलिस अधीक्षक बालाघाट ने नाबालिग उम्र में किये गये अपराध के कारण उसे अयोग्य करार कर दिया.

याचिका में ये तर्क दिया : याचिका में कहा गया था कि जूविनाइल जस्टिस केयर एवं प्रोटक्शन आफ चिल्ड्रन एक्ट 2015 की धारा 3 में स्पष्ट रूप से प्रावधान किया गया है कि 18 वर्ष की आयु के पूर्व किसी भी प्रकार के अपराध पर वयस्कता प्राप्त करने पर यह माना जाएगा कि उसने पूर्व में कोई अपराध नहीं किया है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने पैरवी की.

अवमानना मामले में नोटिस जारी : जबलपुर के केंटोमेंट बोर्ड द्वारा कटंगा चौराहे के समीप दुकानों का निर्माण, आवंटन व अतिक्रमण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई या विशेष एजेंसी से जांच करवाने के आदेश जारी किए गए थे. आदेश का पालन नहीं किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गयी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए रक्षा विभाग के मुख्य सतर्कता अधिकारी, सेन्ट्रल कमान लखनउ के कमानडेंट, कैंट बोर्ड के अध्यक्ष के ब्रिगेडियर राहुल ए गोहद तथा कार्यपालन अधिकारी अभिमन्यु सिंह को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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वकीलों की समस्याओं पर चर्चा : पुराने चिह्नित 25 प्रकरणों एवं उक्त संबंध में अधिवक्ताओं को जारी हुए अवमानना नोटिस की समस्या का जल्द निराकरण होगा. इस बारे में शनिवार को विस्तार से चर्चा की गई. परिषद के पदाधिकारियों ने बताया कि शीघ्र ही उक्त विषयों में मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय से मुकालत करेंगे. बैठक में उपस्थित अधिवक्ता प्रेम सिंह भदौरिया, उपाध्यक्ष व जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आरके सिंह सैनी एवं परिषद के कोषाध्यक्ष मनीष तिवारी, मानद सचिव राधेलाल गुप्ता, मनीष दत्त, विवेक सिंह, सदस्य जय हार्डिया, अखंड प्रताप सिंह, जय प्रकाश मिश्रा, राजेश शुक्ला, अनिल खरे अध्यक्ष एडवोकेट्स बार एसोशिएशन जबलपुर, संजय वर्मा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जबलपुर, संजय शर्मा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इंदौर, एमपीएस रघुवंशी आदि मौजूद रहे.

जबलपुर। छिंदवाड़ा निवासी अमित वर्मा की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि उसने पुलिस भर्ती 2020 के लिए आवेदन किया था. आवेदन फॉर्म में उसने नाबालिग अवस्था में किये गये अपराध का उल्लेख किया था. अपराध में उसे 800 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया था. चयन के बाद दस्तावेज वेरीफिकेशन के दौरान पुलिस अधीक्षक बालाघाट ने नाबालिग उम्र में किये गये अपराध के कारण उसे अयोग्य करार कर दिया.

याचिका में ये तर्क दिया : याचिका में कहा गया था कि जूविनाइल जस्टिस केयर एवं प्रोटक्शन आफ चिल्ड्रन एक्ट 2015 की धारा 3 में स्पष्ट रूप से प्रावधान किया गया है कि 18 वर्ष की आयु के पूर्व किसी भी प्रकार के अपराध पर वयस्कता प्राप्त करने पर यह माना जाएगा कि उसने पूर्व में कोई अपराध नहीं किया है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने पैरवी की.

अवमानना मामले में नोटिस जारी : जबलपुर के केंटोमेंट बोर्ड द्वारा कटंगा चौराहे के समीप दुकानों का निर्माण, आवंटन व अतिक्रमण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई या विशेष एजेंसी से जांच करवाने के आदेश जारी किए गए थे. आदेश का पालन नहीं किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गयी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए रक्षा विभाग के मुख्य सतर्कता अधिकारी, सेन्ट्रल कमान लखनउ के कमानडेंट, कैंट बोर्ड के अध्यक्ष के ब्रिगेडियर राहुल ए गोहद तथा कार्यपालन अधिकारी अभिमन्यु सिंह को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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