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MP High Court जबलपुर अस्पताल अग्निकांड में दोषियों के खिलाफ 4 सप्ताह के अंदर कार्रवाई करे राज्य सरकार

जबलपुर के न्यू लाइफ अस्पताल अग्निकांड में हुई आठ व्यक्तियो की मौत को लेकर राज्य सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी तथा पुलिस जांच की सील कवर रिपोर्ट सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में पेश की गयी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए रिपोर्ट के अनुसार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा अनियमितताओं को खत्म करने के निर्देश दिए. युगलपीठ ने इसके लिए राज्य सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है. Fire Jabalpur Hospital, High court strict fire case, New Life Hospital fire, State government take action, Action against culprits 4 weeks

MP High Court
जबलपुर अस्पताल अग्निकांड कार्रवाई करे राज्य सरकार
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Published : Sep 9, 2022, 5:19 PM IST

Updated : Sep 9, 2022, 7:05 PM IST

जबलपुर। लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट विशाल बघेल की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि जबलपुर में नियम विरुद्ध प्राइवेट अस्पताल को संचालन की अनुमत्ति प्रदान की गई. कोरोना काल में विगत तीन साल में 65 निजी अस्पतालों को संचालन की अनुमति दी गयी है. जिन अस्पतालों को अनुमति दी गयी है, उनमें नेशनल बिल्डिंग कोड, फायर सिक्योरिटी के नियमों का पालन नहीं किया गया है. जमीन के उपयोग का उद्देश्य दूसरा होने के बावजूद अस्पताल संचालन की अनुमति दी है.

अस्पताल का भौतिक सत्यापन नहीं किया : बिल्डिंग का कार्य पूर्ण होने का प्रमाण-पत्र नहीं होने के बावजूद अस्पताल संचालन की अनुमति प्रदान की गयी है. याचिका में कहा गया कि भौतिक सत्यापन किये बिना अस्पताल संचालन की अनुमति दी गयी है. अस्पतालों के मेडिकल व पैरामेडिकल सहित अन्य स्टाफ की जांच तक नहीं की गयी. बता दें कि पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान न्यू लाइफ हॉस्पिटल के मामले में सरकार की तरफ से रिपोर्ट पेश की गयी थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि अस्पताल संचालन के लायसेंस के लिए निरिक्षण करने वाली तीन सदस्यीय डॉक्टरों की कमेटी के सदस्यों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई.

तीन डॉक्टरों को सस्पेंड किया है : याचिकाकर्ता की तरफ से आपत्ति व्यक्त करते हुए बताया गया था कि उक्त अस्पताल का निरीक्षण डॉ. एलएन पटेल, डॉ. निषेश चौधरी तथा डॉ. कमलेश वर्मा द्वारा किया गया था. उनकी निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल संचालन का लायसेंस जारी किया गया था. शहर के सभी निजी अस्पतालों की जांच के लिए 41 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम में इन तीनों डॉक्टर को शामिल किया गया है, जिन्हें निलंबित किये जाने का उल्लेख रिपोर्ट में किया गया है. युगलपीठ ने निलंबन आदेश पेश करने के निर्देश जारी किये थे.

सरकार ने शपथ पत्र पेश किया : सरकार ने शपथ पत्र पेश करते हुए बताया था कि चिकित्सक एलएन पटेल, डॉ. निषेश चौधरी को निलंबित कर दिया गया है. नर्सिंग होम शाखा की जिम्मेदारी संभाल रहे डॉ. कमलेश वर्मा को नोटिस जारी कर जबाब मांगा गया है. हाईकोर्ट ने कार्रवाई पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पूरे घटनाक्रम की सिलेवार जांच करते हुए रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिये थे. हाईकोर्ट के आदेश का परिपालन करते हुए पिछली सुनवाई के दौरान घटना की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा संभागायुक्त जबलपुर के नेतृत्व में गठित चार सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट सील बंद लिफाफें में पेश की गयी थी.

MP: जबलपुर के न्यू लाइफ अस्पताल में लगी भीषण आग, 8 मरीजों की मौत , कई गंभीर रूप से झुलसे

रिपोर्ट देखने के बाद हाई कोर्ट ने दिया आदेश : इसके अलावा पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट भी सीलबंद लिफाफे में पेश की. रिपोर्ट का अवलोकर करने के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये. याचिकाकर्ता ने रिपोर्ट की प्रति प्रदान करने का आग्रह किया. इसके अलावा निलंबन के खिलाफ डॉ. एलएन पटेल तथा डॉ. निषेश चौधरी ने याचिका दायर की थी. युगलपीठ ने याचिकाकर्ता के आग्रह को अस्वीकार करते हुए दोनों डॉक्टरों की याचिकाओं पर फिलहाल सुनवाई से इंकार कर दिया. याचिका पर अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आलोक वागरेचा ने पैरवी की.

जबलपुर। लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट विशाल बघेल की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि जबलपुर में नियम विरुद्ध प्राइवेट अस्पताल को संचालन की अनुमत्ति प्रदान की गई. कोरोना काल में विगत तीन साल में 65 निजी अस्पतालों को संचालन की अनुमति दी गयी है. जिन अस्पतालों को अनुमति दी गयी है, उनमें नेशनल बिल्डिंग कोड, फायर सिक्योरिटी के नियमों का पालन नहीं किया गया है. जमीन के उपयोग का उद्देश्य दूसरा होने के बावजूद अस्पताल संचालन की अनुमति दी है.

अस्पताल का भौतिक सत्यापन नहीं किया : बिल्डिंग का कार्य पूर्ण होने का प्रमाण-पत्र नहीं होने के बावजूद अस्पताल संचालन की अनुमति प्रदान की गयी है. याचिका में कहा गया कि भौतिक सत्यापन किये बिना अस्पताल संचालन की अनुमति दी गयी है. अस्पतालों के मेडिकल व पैरामेडिकल सहित अन्य स्टाफ की जांच तक नहीं की गयी. बता दें कि पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान न्यू लाइफ हॉस्पिटल के मामले में सरकार की तरफ से रिपोर्ट पेश की गयी थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि अस्पताल संचालन के लायसेंस के लिए निरिक्षण करने वाली तीन सदस्यीय डॉक्टरों की कमेटी के सदस्यों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई.

तीन डॉक्टरों को सस्पेंड किया है : याचिकाकर्ता की तरफ से आपत्ति व्यक्त करते हुए बताया गया था कि उक्त अस्पताल का निरीक्षण डॉ. एलएन पटेल, डॉ. निषेश चौधरी तथा डॉ. कमलेश वर्मा द्वारा किया गया था. उनकी निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल संचालन का लायसेंस जारी किया गया था. शहर के सभी निजी अस्पतालों की जांच के लिए 41 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम में इन तीनों डॉक्टर को शामिल किया गया है, जिन्हें निलंबित किये जाने का उल्लेख रिपोर्ट में किया गया है. युगलपीठ ने निलंबन आदेश पेश करने के निर्देश जारी किये थे.

सरकार ने शपथ पत्र पेश किया : सरकार ने शपथ पत्र पेश करते हुए बताया था कि चिकित्सक एलएन पटेल, डॉ. निषेश चौधरी को निलंबित कर दिया गया है. नर्सिंग होम शाखा की जिम्मेदारी संभाल रहे डॉ. कमलेश वर्मा को नोटिस जारी कर जबाब मांगा गया है. हाईकोर्ट ने कार्रवाई पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पूरे घटनाक्रम की सिलेवार जांच करते हुए रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिये थे. हाईकोर्ट के आदेश का परिपालन करते हुए पिछली सुनवाई के दौरान घटना की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा संभागायुक्त जबलपुर के नेतृत्व में गठित चार सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट सील बंद लिफाफें में पेश की गयी थी.

MP: जबलपुर के न्यू लाइफ अस्पताल में लगी भीषण आग, 8 मरीजों की मौत , कई गंभीर रूप से झुलसे

रिपोर्ट देखने के बाद हाई कोर्ट ने दिया आदेश : इसके अलावा पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट भी सीलबंद लिफाफे में पेश की. रिपोर्ट का अवलोकर करने के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये. याचिकाकर्ता ने रिपोर्ट की प्रति प्रदान करने का आग्रह किया. इसके अलावा निलंबन के खिलाफ डॉ. एलएन पटेल तथा डॉ. निषेश चौधरी ने याचिका दायर की थी. युगलपीठ ने याचिकाकर्ता के आग्रह को अस्वीकार करते हुए दोनों डॉक्टरों की याचिकाओं पर फिलहाल सुनवाई से इंकार कर दिया. याचिका पर अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आलोक वागरेचा ने पैरवी की.

Last Updated : Sep 9, 2022, 7:05 PM IST
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