जबलपुर। भोपाल में एक युवक के गले में पट्टा डालकर घुमाने और उसे कुत्ते जैसा भोंकने के लिए मजबूर करने के आरोपियों को अदालत ने जमानत का लाभ देने से इनकार कर दिया है. पुलिस द्वारा गिरफ्तार 6 आरोपियों में से दो ने जमानत के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की शरण ली थी. याचिका की सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा है कि क्या अपराधियों का उद्देश्य देश में दंगे भड़काने का था ? इस दलील के साथ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने आरोपी बिलाल और सलाउद्दीन की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया है.
कुत्ते की भांति भोंकने पर किया मजबूर : दरअसल, जून माह में भोपाल के टीला जमालपुर थाना इलाके में एक हिंदू युवक के साथ दूसरे धर्म के 6 युवकों ने न केवल जमकर मारपीट कर दी थी बल्कि उसके गले में पट्टा डालकर कुत्ते जैसा घुमाया था और उसे भोंकने के लिए मजबूर भी कर दिया था. इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया के जरिए सामने आने के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया. प्रदेश सरकार ने आनन फानन में आरोपियों की न केवल गिरफ्तारी की बल्कि उनके घरों को भी बुलडोजर के जरिये तोड़ दिया था.
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आरोपी जेल में : इस मामले में गिरफ्तार 6 आरोपियों में से दो आरोपी बिलाल और सलाउद्दीन ने जमानत के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की शरण ली. जिस पर सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा है कि आरोपियों के विरुद्ध गंभीर अपराध हैं. लिहाजा ऐसे में उन्हें जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता. ये जानकारी अधिवक्ता अक्षय नामदेव ने दी, छह आरोपियों में से दो आरोपियों की जमानत याचिका को रद्द कर दिया गया है, जहां सभी आरोपी फिलहाल जेल में बंद हैं.