जबलपुर। मध्य प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से सीएम राइज़ स्कूल खुलने जा रहे हैं. सीएम राइज़ स्कूल तैयार होने के साथ-साथ प्राचार्य के चयन की प्रक्रिया भी लगातार जारी है. लेकिन प्राचार्यों के चयन विवादों में उलझ गया है. पूरे प्रदेश में पहले फेज में करीब 276 सीएम राइज स्कूल खोले जा रहे हैं.चयन प्रक्रिया को लेकर प्राचार्यों में रोष है, दरअसल कहीं प्राचार्यो का इंटरव्यू लेने के बाद भी विभाग उनका चयन नहीं कर सका तो वहीं शिक्षकों की परीक्षा लेने के बाद होने वाली इंटरव्यू को भी कैंसल कर दिया गया.
क्या है सीएम राइज स्कूल और इस की विशेषता ?
मध्य प्रदेश में सीएम राइज स्कूलों को खोलने के पीछे का उद्देश्य ये है कि सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राएं भी निजी स्कूलों का माहौल मिले और शिक्षा के स्तर में सुधार आए. मध्य प्रदेश सरकार ने सीएम राइज स्कूलों के लिए शुरूआती दौर में करीब 350 करोड़ रु का बजट पास किया है.
131 प्राचार्यों की लिस्ट में से 69 को ट्रेनिंग
276 सीएम राइज स्कूल के लिए प्राचार्यो की चयन प्रक्रिया के लिए विज्ञापन 26 अक्टूबर को लोक शिक्षण संचालनालय से जारी किया गया था, इसमें पात्र 238 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए संभागवार 25,26 और 27 नवंबर को बुलाया गया. जिसके बाद 131 चयनित प्राचार्यो की सूची बनाई गई थी. जिन्हें अपनी विशेष शिक्षा जैसे एमएड का प्रमाण पत्र जमा करने को कहा गया. लेकिन 69 प्राचार्यों के नाम ट्रेनिंग के लिए चुने गए, जिसपर आपत्ति हो रही है.
बगैर मेरिट लिस्ट के नाम हुए जारी
प्राचार्य फोरम ने सीएम राइज स्कूलों के लिए चयनित किए गए प्राचार्यो की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं. फोरम का कहना है कि अंको के आधार पर परिणाम जारी नहीं हुए, चयन प्रक्रिया को लेकर मेरिट लिस्ट जारी किए बगैर 69 प्राचार्यों को 9 दिसंबर को ट्रनिंग के लिए बुलाया गया. प्राचार्य फोरम का कहना है कि131 प्राचार्यो की सूची में 69 नाम की सूची जिसमें बिना सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर इंटरनेट मीडिया में जारी हुई. इस चयनीत सूची में 32 प्राचार्य एमएड, 28 प्राचार्य बिना एमएड तथा 09 प्राचार्य ऐसे थे जिनका नाम 131 की चयनित सूची में नहीं था.
जबलपुर जिले से सिर्फ 3 प्राचार्यो का चयन (only 3 principals from Jabalpur district)
नवंबर 2021 में सीएम राइज स्कूल के लिए प्राचार्यो का साक्षात्कार हुआ. जबलपुर से 17 प्राचार्यो के नाम थे, पर इंटरव्यू में 13 उपस्थित हुए थे और आनन-फानन में सिर्फ 3 प्रत्याशियों का चयन किया गया. प्राचार्य फोरम के उपाध्यक्ष का आरोप है कि ना मेरिट सूची जारी की और ना ही प्रतीक्षा सूची और तीन प्राचार्य को 9 दिसंबर 2021 को प्रशिक्षण के लिए भोपाल भेज दिया गया. इस चयन प्रक्रिया को लेकर प्राचार्य फोरम ने पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं. फोरम ने कहा है कि बिना पारदर्शिता के जिले में चयन प्रक्रिया आयोजित की गई है. इधर प्राचार्य फोरम की आपत्ति को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी का कहना है कि सीएम राइज स्कूलों की चयन प्रक्रिया प्रदेश स्तर से आयोजित की जा रही है, पूरी प्रक्रिया अभी संचालित है जिसे कि जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा.
पांच साल के लिए होगी नियुक्ति
प्राचार्यों की नियुक्ति को लेकर सवाल उठ रहे हैं. वहीं सीट के मुकाबले कम आवेदन आए हैं. माना जा रहा है कि प्राचार्यों की अरुचि की वजह से ऐसा हो रहा है.बता दें कि सीएम राइज स्कूलों में प्राचार्य की नियुक्ति पांच साल के लिए की जाएगी. इसके बाद सीएम राइज स्कूल के परिणामों के मूल्यांकन आधार पर अवधि बढ़ाई जाएगी या उन्हें मुक्त किया जाएगा.
नियुक्ति प्रक्रिया में प्राचार्य को ऐसे मिलेंगे अंक
- प्राचार्यों का चयन होगा- 50 अंकों का
- दसवीं बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट- 3 साल के
- औसत के 30 प्रतिशत पर- 30 अंक
- इंटरव्यू के लिए- 10 अंक
- एमएड के लिए- 05 अंक
- पुरस्कार के लिए- 10 अंक
चयन प्रक्रिया में इन कारणों से उठे सवाल
- प्राचार्यो की मेरिट सूची जारी नहीं की गई
- अंकों के निर्धारण के बाद प्रदर्शित नहीं किया जाना
- पात्रता के बाद भी शेष प्राचार्यो पर निर्णय नहीं
- शिक्षकों की परीक्षा के बाद साक्षात्कार स्थगित
जबलपुर से सीएम राइज स्कूल के लिए ये विद्यालय हुए चयनित
- शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, करौंदी
- शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मेडिकल कॉलेज
- शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, अधारताल
- शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बरेला
- शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सिंगोद
- शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चरगवां
- शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, मझौली
- शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, विष्णुदत्त सिहोरा
- शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मॉडल कुंडम
- शासकीय उत्तर माध्यमिक विद्यालय, पाटन