जबलपुर। एमपी विधानसभा चुनाव 2023 राजनीतिक मुद्दों की बजाए धार्मिक आयोजनों के आधार पर होता नजर आ रहा है. इसीलिए चुनाव जीतने के लिए कहीं राम कथा हो रही है. कहीं शिव कथा हो रही है तो कहीं भागवत कथा हो रही है. अब जबलपुर में इन सब से आगे बढ़कर नेताओं ने अपनी विधानसभा के लोगों को धार्मिक यात्राएं करवाना शुरू कर दिया है. जबलपुर कैंट विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक अशोक रोहाणी ने सैकड़ों लोगों को रेलगाड़ी से महाकाल यात्रा करवाई.
विधानसभा चुनाव या बड़ा धार्मिक आयोजन: 2023 का विधानसभा चुनाव चुनाव कम धार्मिक आयोजन ज्यादा नजर आ रहा है. इसलिए राजनीतिक वक्ताओं को सुनने की बजाय धार्मिक नेताओं को ज्यादा सुना जा रहा है. चुनाव की तैयारी कर रहे नेता भी राजनीतिक कार्यक्रम करने की जगह धार्मिक आयोजनों में लगे हुए हैं. जबलपुर में अब तक अलग-अलग किस्म के धार्मिक आयोजन हो चुके हैं. इनमें एक नेता ने कावड़ यात्रा निकाली और उसमें हजारों लोग शामिल हुए कैंट विधानसभा में ही शिव कथा का आयोजन किया गया और इसमें शामिल होने खुद शिवराज सिंह पहुंच गए. भारतीय जनता पार्टी के संभागीय कार्यालय में सुंदरकांड का आयोजन हुआ. ऐसा नहीं है कि केवल भारतीय जनता पार्टी ही धार्मिक आयोजन करवा रही है. कांग्रेसी भी बड़े-बड़े धार्मिक आयोजन करवा रहे हैं. पूर्व विधानसभा में इस समय एक बड़े धार्मिक कथा की जा रही है और नेता भी अपनी धार्मिक छवि चमकाने के लिए राजनीतिक कार्यक्रम में पहुंचे या ना पहुंचे लेकिन धार्मिक आयोजनों में कभी पीछे नजर नहीं आते.
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ऐसा नहीं है कि जबलपुर में केवल अशोक रोहाणी ने ही धार्मिक यात्राएं करवाई है, बल्कि जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू कांग्रेस में रहते हुए भी कई सालों से वैष्णों देवी यात्रा समिति से जुड़े हुए हैं और हर साल यह समिति लोगों को वैष्णों देवी यात्रा करवाती है. इसमें यात्रा करने वाले लोग भी टिकट खरीदते हैं लेकिन समिति को भी अपनी जेब से पैसे खर्च करने पड़ते हैं. यात्रा समिति का कहना है कि "उनका कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है लेकिन यदि राजनीतिक आदमी किसी काम में शामिल है तो हम इसे उसका धार्मिक एजेंडा तो नहीं मान सकते."