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Rajya Sabha Election Master Stroke: भाजपा की राज्यसभा की उम्मीदवारी से 'डबल सियासी स्ट्रोक'

एमपी में राज्यसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने मास्टर स्ट्रोक मारा है. पार्टी ने 2 सीटों के लिए 2 महिला कैंडिडेट को उतारकर संदेश देने की कोशिश की है कि वो महिलाओं के साथ ही OBC, SC-ST कैटेगरी को लोगों की सच्ची हितैषी है. पार्टी की ये दोनों ही कैंडिडेट बेदह सामान्य परिवेश से निकली हैं और लो प्रोफाइल भी हैं. साथ ही जहां कविता पाटीदार ओबीसी वर्ग का नेतृत्व करती हैं वहीं सुमित्रा वाल्मीकि महाकौशल क्षेत्र से SC कैटेगरी में अच्छी पकड़ रखती है. राज्य की राजनीति को करीब से देखने वाले कह रहे हैं कि यह संभवत: पहली बार है जब किसी राजनीतिक दल ने 2 सीटों के लिए एक साथ 2 महिला उम्मीदवारों को मौका दिया है. (Rajya Sabha Election Master Stroke) (Rajya Sabha election OBC SC ST card) (BJP nominate women for 2 Rajya Sabha seats in MP)

Rajya Sabha election OBC SC ST card
भाजपा की राज्यसभा की उम्मीदवारी
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Published : May 31, 2022, 2:13 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में राज्यसभा की उम्मीदवारी को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने डबल सियासी स्ट्रोक चला है. (Rajya Sabha Election Master Stroke) पार्टी ने जहां महिला उम्मीदवारों को मौका दिया है, तो वहीं पिछड़े वर्ग और दलित वर्ग के हितैषी होने का सन्देश भी दिया है. मध्य प्रदेश की राजनीति में संभवत: पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी राजनीतिक दल ने राज्यसभा की दो सीटों के लिए एक साथ महिला उम्मीदवारों को मौका दिया हो. राज्य में इन दिनों पिछड़ा वर्ग राजनीति की धुरी बने हुए हैं और दोनों ही दलों के लिए इस वर्ग का दिल जीतना चुनौती है. पिछड़े वर्ग की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है और यह चुनावी दिशा तय करने में भी सक्षम है. वहीं अनुसूचित जाति वर्ग की आबादी 15 फीसदी से ज्यादा है. Rajya Sabha election OBC SC ST card)

मुझे उम्मीद नहीं थी कि पार्टी मुझे राज्यसभा भेज देगी, महिलाओं की समस्या सदन में उठाऊंगी

बीजेपी का जातीय समीकरण: भाजपा ने जातीय गणित के साथ आधी आबादी को साधने के लिए राज्यसभा की उम्मीदवारी के जरिए बड़ा दांव चला है. ओबीसी वर्ग से नाता रखने वाली और प्रदेश संगठन की महामंत्री कविता पाटीदार के अलावा दलित वर्ग की सुमित्रा वाल्मीकि को राज्यसभा के लिए नामांकित किया है. यह दोनों नाम सियासी गलियारे पर नजर रखने वालों के लिए भी चौंकाने वाले रहे हैं. यह दोनों महिला नेत्री संगठन में तो सक्रिय रही है मगर किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि वे राज्यसभा के उम्मीदवार भी बनाई जा सकती हैं.

भाजपा ने राज्यसभा की दोनों सीटों पर उतारा महिला उम्मीदवार, पार्टी ने ओबीसी के बाद चला दलित कार्ड, आज नामांकन

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स: राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो भाजपा अपने फैसलों के लिए न केवल पहचानी जाती है बल्कि लोगों को चौंकाने का भी काम करती है. ऐसा ही इस बार मध्य प्रदेश से राज्यसभा के उम्मीदवारों को लेकर हुआ है. कई बड़े दिग्गज राज्यसभा की उम्मीदवारी के लिए कतार में लगे हुए थे, मगर संगठन ने ऐसे लोगों पर दांव लगाना बेहतर समझा जो किसी गुट से नहीं आते। साथ ही यह संदेश गया है कि आम कार्यकर्ता भी बड़े पद पर पा सकता है. राज्यसभा की उम्मीदवारी का लाभ भाजपा पंचायत और नगरीय चुनाव में उठाने से भी नहीं चूकेगी.

बीजेपी का पॉलिटिकल सरप्राइज, MP से राज्यसभा के लिए सुमित्रा वाल्मीकि को घोषित किया कैंडिडेट

कांग्रेस में खुसफुसाहट: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने सुमित्रा वाल्मीकि को राज्य से राज्यसभा सदस्य का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सुमित्रा वाल्मीकि को बधाई दी है. कांग्रेस भी भाजपा के राज्यसभा के उम्मीदवारों के चयन पर हैरान है. एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, भाजपा इसी तरह बाजी मार ले जाती है. कांग्रेस में कौन नेता किस गुट और किसका समर्थक है, यह योग्यता है, जबकि भाजपा जमीनी कार्यकर्ता पर दाव लगाती है. इसका लाभ पार्टी को मिलता है। भाजपा ने पिछड़ा और दलित वर्ग की महिलाओं को उम्मीदवार बनाकर इन दोनों वर्गों को संदेष दे दिया है, अब कांग्रेस के सामने समस्या है कि वह जबाव दे तो कैसे और किस आधार पर। कांग्रेस को भाजपा के सियासी कौषल से सीख लेना चाहिए. (BJP nominate women for 2 Rajya Sabha seats in MP)

भोपाल। मध्य प्रदेश में राज्यसभा की उम्मीदवारी को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने डबल सियासी स्ट्रोक चला है. (Rajya Sabha Election Master Stroke) पार्टी ने जहां महिला उम्मीदवारों को मौका दिया है, तो वहीं पिछड़े वर्ग और दलित वर्ग के हितैषी होने का सन्देश भी दिया है. मध्य प्रदेश की राजनीति में संभवत: पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी राजनीतिक दल ने राज्यसभा की दो सीटों के लिए एक साथ महिला उम्मीदवारों को मौका दिया हो. राज्य में इन दिनों पिछड़ा वर्ग राजनीति की धुरी बने हुए हैं और दोनों ही दलों के लिए इस वर्ग का दिल जीतना चुनौती है. पिछड़े वर्ग की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है और यह चुनावी दिशा तय करने में भी सक्षम है. वहीं अनुसूचित जाति वर्ग की आबादी 15 फीसदी से ज्यादा है. Rajya Sabha election OBC SC ST card)

मुझे उम्मीद नहीं थी कि पार्टी मुझे राज्यसभा भेज देगी, महिलाओं की समस्या सदन में उठाऊंगी

बीजेपी का जातीय समीकरण: भाजपा ने जातीय गणित के साथ आधी आबादी को साधने के लिए राज्यसभा की उम्मीदवारी के जरिए बड़ा दांव चला है. ओबीसी वर्ग से नाता रखने वाली और प्रदेश संगठन की महामंत्री कविता पाटीदार के अलावा दलित वर्ग की सुमित्रा वाल्मीकि को राज्यसभा के लिए नामांकित किया है. यह दोनों नाम सियासी गलियारे पर नजर रखने वालों के लिए भी चौंकाने वाले रहे हैं. यह दोनों महिला नेत्री संगठन में तो सक्रिय रही है मगर किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि वे राज्यसभा के उम्मीदवार भी बनाई जा सकती हैं.

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स: राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो भाजपा अपने फैसलों के लिए न केवल पहचानी जाती है बल्कि लोगों को चौंकाने का भी काम करती है. ऐसा ही इस बार मध्य प्रदेश से राज्यसभा के उम्मीदवारों को लेकर हुआ है. कई बड़े दिग्गज राज्यसभा की उम्मीदवारी के लिए कतार में लगे हुए थे, मगर संगठन ने ऐसे लोगों पर दांव लगाना बेहतर समझा जो किसी गुट से नहीं आते। साथ ही यह संदेश गया है कि आम कार्यकर्ता भी बड़े पद पर पा सकता है. राज्यसभा की उम्मीदवारी का लाभ भाजपा पंचायत और नगरीय चुनाव में उठाने से भी नहीं चूकेगी.

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कांग्रेस में खुसफुसाहट: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने सुमित्रा वाल्मीकि को राज्य से राज्यसभा सदस्य का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सुमित्रा वाल्मीकि को बधाई दी है. कांग्रेस भी भाजपा के राज्यसभा के उम्मीदवारों के चयन पर हैरान है. एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, भाजपा इसी तरह बाजी मार ले जाती है. कांग्रेस में कौन नेता किस गुट और किसका समर्थक है, यह योग्यता है, जबकि भाजपा जमीनी कार्यकर्ता पर दाव लगाती है. इसका लाभ पार्टी को मिलता है। भाजपा ने पिछड़ा और दलित वर्ग की महिलाओं को उम्मीदवार बनाकर इन दोनों वर्गों को संदेष दे दिया है, अब कांग्रेस के सामने समस्या है कि वह जबाव दे तो कैसे और किस आधार पर। कांग्रेस को भाजपा के सियासी कौषल से सीख लेना चाहिए. (BJP nominate women for 2 Rajya Sabha seats in MP)

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