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मैराथन दौड़ में 'शूटर दादी' की दिखेगी सादगी, मिलावट के खिलाफ लगाएंगी दौड़

फिल्म 'सांड की आंख' जिस 84 साल की महिला को लेकर बनी है वो महिला यानी प्रकाशी तोमर उर्फ 'शूटर दादी' मिलावट के खिलाफ होने जा रही मैराथन दौड़ में शामिल होने जबलपुर पहुंची. 'शूटर दादी' शामिल होंगी मिलावट के खिलाफ मैराथन दौड़ में

shooter dadi
'शूटर दादी'
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Published : Dec 27, 2019, 7:48 PM IST

जबलपुर। जिले में कल से होने जा रही मैराथन दौड़ में 'शूटर दादी' उर्फ प्रकाशी तोमर शामिल होने पहुंची. ये मैराथन दौड़ मिलावट के खिलाफ की जा रही है.

अपनी बेटी को देखकर 60 साल की उम्र में शूटिंग की शुरुआत करने वाली प्रकाशी तोमर उर्फ " शूटर दादी" ने अपनी यादों को साझा किया. शूटर दादी ने 84 साल की उम्र में भी दुरुस्त रहने का राज बताते हुए कहा कि मिलावट मुक्त खाना ही उनकी सेहत का राज है. उन्होंने कहा कि हरी सब्जियां स्वस्थ रखती हैं.

शूटर बनने को लेकर प्रकाशी तोमर ने बताया कि पानी से भरे जग को कई घंटों तक हाथों में उठा कर उसका बैलेंस बनाकर रखा, तब भरोसा आया कि वो भी अपनी बेटियों की तरह शूटिंग कर सकती हैं. स्टेट और प्री नेशनल में जीत दर्ज करने के बात जब 1 साल बाद नेशनल प्रतियोगिता में उनकी कैटेगरी में उत्तर प्रदेश पुलिस में पदस्थ उनका सामना डीआईजी अनिल कुमार से हुआ तो 32 बोर पिस्टल में शूटर दादी ने डीआईजी को मात देते हुए गोल्ड मेडल जीता.

खेल में महिलाओं को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की नाफरमानी पर उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने महिलाओं को खेल में कुछ भी फैसिलिटी नहीं दी है. वहीं अन्य राज्य सरकार से भी उन्होंने महिलाओं को खेल में फैसिलिटी देने की मांग की है.

जबलपुर। जिले में कल से होने जा रही मैराथन दौड़ में 'शूटर दादी' उर्फ प्रकाशी तोमर शामिल होने पहुंची. ये मैराथन दौड़ मिलावट के खिलाफ की जा रही है.

अपनी बेटी को देखकर 60 साल की उम्र में शूटिंग की शुरुआत करने वाली प्रकाशी तोमर उर्फ " शूटर दादी" ने अपनी यादों को साझा किया. शूटर दादी ने 84 साल की उम्र में भी दुरुस्त रहने का राज बताते हुए कहा कि मिलावट मुक्त खाना ही उनकी सेहत का राज है. उन्होंने कहा कि हरी सब्जियां स्वस्थ रखती हैं.

शूटर बनने को लेकर प्रकाशी तोमर ने बताया कि पानी से भरे जग को कई घंटों तक हाथों में उठा कर उसका बैलेंस बनाकर रखा, तब भरोसा आया कि वो भी अपनी बेटियों की तरह शूटिंग कर सकती हैं. स्टेट और प्री नेशनल में जीत दर्ज करने के बात जब 1 साल बाद नेशनल प्रतियोगिता में उनकी कैटेगरी में उत्तर प्रदेश पुलिस में पदस्थ उनका सामना डीआईजी अनिल कुमार से हुआ तो 32 बोर पिस्टल में शूटर दादी ने डीआईजी को मात देते हुए गोल्ड मेडल जीता.

खेल में महिलाओं को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की नाफरमानी पर उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने महिलाओं को खेल में कुछ भी फैसिलिटी नहीं दी है. वहीं अन्य राज्य सरकार से भी उन्होंने महिलाओं को खेल में फैसिलिटी देने की मांग की है.

Intro:जबलपुर
" फिल्म सांड की आंख "जिस 84 साल की महिला को लेकर बनी थी आज वह महिला प्रकाशी तोमर थी जबलपुर में। मौका है मिलावट के विरोध में कल होने वाली मैराथन दौड़ का जिसमें कि वह शामिल होंगी।


Body:अपनी बेटी को देखकर 60 साल की उम्र में शूटिंग की शुरुआत करने वाली प्रकाशी तोमर उर्फ " शूटर दादी"ने आज अपने जीवन की कई यादों को साझा किया।शूटर दादी ने 84 साल की उम्र में भी दुरुस्त रहने का राज बताते हुए कहा कि मिलावट मुक्त खाना ही उनकी सेहत का राज है।हरी सब्जियां खूब खाओ और स्वस्थ रहो का नारा शूटर दादी ने दिया। वही 60 साल की उम्र में शूटर बनने को लेकर प्रकाशी तोमर ने बताया कि पानी से भरे जग को कई घंटों तक हाथों में उठा कर उसका बैलेंस बनाकर रखा तब भरोसा आया कि वह भी अपनी बेटियों की तरह शूटिंग कर सकती है।स्टेट ,प्री नेशनल में जीत दर्ज करने के उपरांत जब 1 साल बाद नेशनल प्रतियोगिता में उनकी कैटेगरी में उत्तर प्रदेश पुलिस में पदस्थ उनका सामना डीआईजी अनिल कुमार से हुआ तो 32 बोर पिस्टल में शूटर दादी ने डीआईजी को मात देते हुए गोल्ड मेडल जीता। तब से उनका नाम प्रकाशी तोमर के साथ एक और जुड़ गया "शूटर दादी"।


Conclusion:खेल में महिलाओं को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की नाफरमानी पर भी प्रकाशी तोमर उर्फ शूटर दादी जमकर भड़की।उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने महिलाओं को खेल में कुछ भी फैसिलिटी नहीं दी है।वहीं अन्य राज्य सरकार से भी शूटर दादी ने मांग की है कि वह महिलाओं के खेल को तहज्जुद दे।
बाईट.1-प्रकाशी तोमर.....शूटर दादी
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