जबलपुर। भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए भक्त उनको भांग और गांजा भी चढ़ाते हैं. वे इन नशीले पदार्थों को प्रसाद के रूप में खुद ग्रहण करते हैं और लोगों को बांटते भी हैं. इस बार ऐसा करने से पहले थोड़ा रुकिए. भोलेनाथ को भांग-गांजा चढ़ाइए लेकिन इनका प्रसाद मत बांटिए. न खाइए, न खिलाइए क्योंकि डॉक्टरों की सलाह है कि भांग और गांजा खाने-पीने से आपकी सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है.
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भोग लगाएं लेकिन खाने-पीने से करें परहेज : ऐसी मान्यता है कि भांग और गांजा भगवान शंकर का प्रसाद है. जबलपुर के डॉ. अमरेंद्र पांडे का कहना है कि भांग का सेवन खतरनाक है. भांग की वजह से शरीर में कई ऐसे रसायन पैदा हो जाते हैं, जिनसे दिमाग संबंधी बीमारियां हो सकती हैं. इससे हार्ट अटैक भी हो सकता है. भांग का नशा सोचने-समझने की शक्ति खत्म कर देता है. इसके कई दुष्प्रभाव हैं. वहीं, गांजा सीधे दिमाग पर असर करता है. लंबे समय तक गांजा पीया जाए तो शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं. लकवा की शिकायत हो सकती है. डॉक्टरों की सलाह मानें तो भगवान के पूजा-पाठ में भले ही भांग-गांजा का इस्तेमाल करें लेकिन इन्हें खाने-पीने की गलती बिलकुल न करें. यह खतरनाक नशीले पदार्थ हैं.
आपात स्थिति में क्या करें : महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर पूजा करने के बाद कई लोग भांग का सेवन करते हैं. यदि ऐसा कोई व्यक्ति आपको आस-पास दिखे, जिसने भांग या गांजा का सेवन किया हो तो उसकी मदद करें. भांग के नशे में लोगों की सोचने-समझने के साथ याददाश्त भी चली जाती है. यदि नशा कम है और वह व्यक्ति बहक रहा है तो उसके घर पहुंचा दें. यदि नशा ज्यादा है तो ऐसे व्यक्ति को इलाज की जरूरत होती है. उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए क्योंकि भांग के नशे की हालत में वह किसी दुर्घटना का शिकार भी हो सकता है. ऐसे में सड़क पर वाहन चलाना भी बहुत खतरनाक है. भांग- गांजे के नशे में व्यक्ति एक्सीडेंट कर किसी निर्दोष की जान ले सकता है.