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'बलिराम' का दिल भोपाल तो लीवर इंदौर में, ग्रीन कॉरिडोर ऑर्गन प्लेन देगा जिंदगी - BALIRAM KUSHWAHA OGRAN DONATION

सागर के बलिराम कुशवाहा सड़क हादसे के बाद ब्रेन डेड हो गए. अब उनका दिल भोपाल में धड़केगा. वहीं लीवर इंदौर में डोनेट किया.

BALIRAM KUSHWAHA OGRAN DONATION
अंग भेजने जबलपुर में बना ग्रीन कॉरिडोर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 23, 2025, 12:16 PM IST

जबलपुर (विश्वजीत सिंह राजपूत): मध्य प्रदेश के जबलपुर में पहली बार हृदय और लिवर ट्रांसप्लांट करने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. सागर के बुजुर्ग बलिराम कुशवाहा के अंगों को हेलीकॉप्टर और विमान से इंदौर और भोपाल भेजा गया. दरअसल ब्रेन डेड के बाद परिजन ने शरीर के अंग दान करने का फैसला किया है.

सड़क हादसे में घायल हुए बलिराम, जबलपुर में इलाज
दरअसल, सागर के रहने वाले 61 साल के बुजुर्ग बलिराम का बीते दिनों एक्सीडेंट हो गया था. इस दुर्घटना में उनके सर पर चोट आई थी. इस चोट की वजह से उन्हें पहले सागर में इलाज के लिए लाया गया. इसके बाद बलिराम कुशवाहा को जबलपुर सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था. यहां डॉक्टरों ने लंबे इलाज के बाद उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया.

SAGAR BRAIN DEAD BALIRAM KUSHWAHA
सड़क हादसे में ब्रेन डेड हो गए बलिराम कुशवाहा (ETV Bharat)

परिजन ने किया अंग दान करने का फैसला
जबलपुर स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक संजय मिश्रा ने बताया कि, ''बलिराम कुशवाहा के परिवार के सदस्यों ने यह तय किया कि चूंकि बलिराम कुशवाहा ब्रेन डेड हो चुके हैं और उनके दोबारा स्वस्थ होने की कोई संभावना नहीं है. इसलिए परिवार ने उनके अंगों को दान करने की सहमति दी.'' डॉ. संजय मिश्रा का कहना है कि 22 जनवरी को दोपहर में जैसे ही बलिराम कुशवाहा के परिवार के लोगों ने यह सहमति दी, डॉक्टर ने तुरंत बलिराम कुशवाहा के शरीर के स्वस्थ अंगों की जांच शुरू की.

''डॉक्टर ने पाया कि बलिराम कुशवाहा का हृदय और लीवर पूरी तरह स्वस्थ हैं और उसे किसी दूसरे मरीज को दान दिया जा सकता है.'' डॉक्टर संजय मिश्रा ने बताया कि, ''जैसे ही परिवार के लोगों ने सहमति दी, उन्होंने तुरंत इस जानकारी को पोर्टल पर शेयर किया और आपस में बातचीत शुरू की तो पता लगा कि भोपाल एम्स में एक मरीज भर्ती है, जिनका हृदय ट्रांसप्लांट किया जा सकता है और लिवर इंदौर के लिए भेजा जा रहा है.''

GREEN CORRIDOR BUILT IN JABALPUR
जबलपुर में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भेजे गए ऑर्गन (ETV Bharat)

अंगों को भेजने जबलपुर में बने दो ग्रीन कॉरीडोर
हृदय को भोपाल एम्स ले जाने के लिए जबलपुर के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से लेकर कोकिला रिसोर्ट तक एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है. सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से एक विशेष हेलीकॉप्टर से हृदय भोपाल भेजा जाएगा. जहां बरकतुल्लाह मेडिकल कॉलेज से इसे एम्स तक पहुंचाया जाएगा. डॉ संजय मिश्रा का कहना है कि, ''हृदय को ट्रांसप्लांट करने के लिए केवल चार घंटे का समय रहता है इसलिए यह व्यवस्था हेलीकॉप्टर से की गई है.''

वहीं, दूसरी तरफ लिवर को इंदौर भेजा जा रहा है. इंदौर भेजने के लिए जबलपुर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से डुमना विमानतल तक के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है.'' डॉ संजय मिश्रा का कहना है कि, ''बलिराम कुशवाहा के परिवार के लोगों ने जो निर्णय लिया है इस तरह के फैसला यदि लोग करते हैं तो कई गंभीर लोगों को अंगदान के माध्यम से बचाया जा सकता है.''

नगर निगम ने की तमाम सुरक्षा व्यवस्थाएं
नगर निगम के मुख्य स्वच्छता निरीक्षक प्रीतेश मासोड़कर ने ईटीवी भारत को बताया, ''इस ग्रीन कॉरिडोर के लिए पीडब्ल्यूडी ने हेलीपैडबनाया था. वहीं, नगर निगम कमिश्नर प्रीति यादव के निर्देश पर नगर निगम द्वारा तमाम सुरक्षा व्यवस्थाएं की गईं. इस दौरान फायर ब्रिगेड से लेकर नगर निगम द्वारा समस्त सुरक्षा व्यवस्था व जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए गए, जिसमें कार्यपालन यंत्री जीएस मरावी, स्वास्थ्य अधिकारी संदीप जैसवाल व निगम कर्मचारियों की अहम भूमिका रही.''

जबलपुर (विश्वजीत सिंह राजपूत): मध्य प्रदेश के जबलपुर में पहली बार हृदय और लिवर ट्रांसप्लांट करने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. सागर के बुजुर्ग बलिराम कुशवाहा के अंगों को हेलीकॉप्टर और विमान से इंदौर और भोपाल भेजा गया. दरअसल ब्रेन डेड के बाद परिजन ने शरीर के अंग दान करने का फैसला किया है.

सड़क हादसे में घायल हुए बलिराम, जबलपुर में इलाज
दरअसल, सागर के रहने वाले 61 साल के बुजुर्ग बलिराम का बीते दिनों एक्सीडेंट हो गया था. इस दुर्घटना में उनके सर पर चोट आई थी. इस चोट की वजह से उन्हें पहले सागर में इलाज के लिए लाया गया. इसके बाद बलिराम कुशवाहा को जबलपुर सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था. यहां डॉक्टरों ने लंबे इलाज के बाद उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया.

SAGAR BRAIN DEAD BALIRAM KUSHWAHA
सड़क हादसे में ब्रेन डेड हो गए बलिराम कुशवाहा (ETV Bharat)

परिजन ने किया अंग दान करने का फैसला
जबलपुर स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक संजय मिश्रा ने बताया कि, ''बलिराम कुशवाहा के परिवार के सदस्यों ने यह तय किया कि चूंकि बलिराम कुशवाहा ब्रेन डेड हो चुके हैं और उनके दोबारा स्वस्थ होने की कोई संभावना नहीं है. इसलिए परिवार ने उनके अंगों को दान करने की सहमति दी.'' डॉ. संजय मिश्रा का कहना है कि 22 जनवरी को दोपहर में जैसे ही बलिराम कुशवाहा के परिवार के लोगों ने यह सहमति दी, डॉक्टर ने तुरंत बलिराम कुशवाहा के शरीर के स्वस्थ अंगों की जांच शुरू की.

''डॉक्टर ने पाया कि बलिराम कुशवाहा का हृदय और लीवर पूरी तरह स्वस्थ हैं और उसे किसी दूसरे मरीज को दान दिया जा सकता है.'' डॉक्टर संजय मिश्रा ने बताया कि, ''जैसे ही परिवार के लोगों ने सहमति दी, उन्होंने तुरंत इस जानकारी को पोर्टल पर शेयर किया और आपस में बातचीत शुरू की तो पता लगा कि भोपाल एम्स में एक मरीज भर्ती है, जिनका हृदय ट्रांसप्लांट किया जा सकता है और लिवर इंदौर के लिए भेजा जा रहा है.''

GREEN CORRIDOR BUILT IN JABALPUR
जबलपुर में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भेजे गए ऑर्गन (ETV Bharat)

अंगों को भेजने जबलपुर में बने दो ग्रीन कॉरीडोर
हृदय को भोपाल एम्स ले जाने के लिए जबलपुर के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से लेकर कोकिला रिसोर्ट तक एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है. सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से एक विशेष हेलीकॉप्टर से हृदय भोपाल भेजा जाएगा. जहां बरकतुल्लाह मेडिकल कॉलेज से इसे एम्स तक पहुंचाया जाएगा. डॉ संजय मिश्रा का कहना है कि, ''हृदय को ट्रांसप्लांट करने के लिए केवल चार घंटे का समय रहता है इसलिए यह व्यवस्था हेलीकॉप्टर से की गई है.''

वहीं, दूसरी तरफ लिवर को इंदौर भेजा जा रहा है. इंदौर भेजने के लिए जबलपुर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से डुमना विमानतल तक के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है.'' डॉ संजय मिश्रा का कहना है कि, ''बलिराम कुशवाहा के परिवार के लोगों ने जो निर्णय लिया है इस तरह के फैसला यदि लोग करते हैं तो कई गंभीर लोगों को अंगदान के माध्यम से बचाया जा सकता है.''

नगर निगम ने की तमाम सुरक्षा व्यवस्थाएं
नगर निगम के मुख्य स्वच्छता निरीक्षक प्रीतेश मासोड़कर ने ईटीवी भारत को बताया, ''इस ग्रीन कॉरिडोर के लिए पीडब्ल्यूडी ने हेलीपैडबनाया था. वहीं, नगर निगम कमिश्नर प्रीति यादव के निर्देश पर नगर निगम द्वारा तमाम सुरक्षा व्यवस्थाएं की गईं. इस दौरान फायर ब्रिगेड से लेकर नगर निगम द्वारा समस्त सुरक्षा व्यवस्था व जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए गए, जिसमें कार्यपालन यंत्री जीएस मरावी, स्वास्थ्य अधिकारी संदीप जैसवाल व निगम कर्मचारियों की अहम भूमिका रही.''

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