भोपाल: मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने वाले किसानों को बड़ी राहत देने का फैसला किया है. राज्य सरकार ने फैसला किया है कि समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले गेहूं पर 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दिया जाएगा. समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए प्रदेश में पंजीयन 20 जनवरी से शुरू हो गया. किसान गेहूं बेचने के लिए 31 मार्च तक रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. किसानों को किसान ऐप के जरिए भी घर बैठे पंजीयन कराए जाने की सुविधा दी गई है.
इस साल कम गेहूं खरीदेगी सरकार
राज्य सरकार ने गेहूं उपार्जन की तैयारियां शुरू कर दी हैं. हालांकि इस साल सरकार ने गेहूं खरीदी का लक्ष्य घटा दिया है. सरकार ने तय किया है कि इस साल 20 लाख टन कम गेहूं का उपार्जन किया जाएगा. राज्य सरकार ने पिछले साल की स्थिति को देखकर यह फैसला लिया है. विगत वर्ष 100 लाख टन गेहूं उपार्जन कर लक्ष्य रखा गया था. और इसके हिसाब से वारदाना, धागा और आरबीआई से लिमिट तय की गई थी.
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लेकिन इसके मुकाबले समर्थन मूल्य पर सिर्फ 48 लाख टन गेहूं ही खरीदा जा सका. इसके देखते हुए अब राज्य सरकार ने 80 लाख टन के हिसाब से ही गेहूं खरीदी की तैयारी की है, जो पिछले साल से 20 लाख टन कम है.
पिछले साल 16 हजार किसानों से खरीदा गया था अनाज
पिछले साल राज्य सरकार ने प्रदेश के 16 हजार किसानों से 48 लाख 38 हजार टन गेहूं खरीदा था. समर्थन मूल्य पर कम गेहूं बेचे जाने की एक वजह ओपन मार्केट में गेहूं के दाम ज्यादा होना भी था. इसकी वजह से पिछले साल बड़ी संख्या में किसानों ने बाजार में गेहूं बेच दिया या फिर रोककर रख लिया. हालांकि सरकार को उम्मीद है पिछले साल के मुकाबले इस बार ज्यादा गेहूं उपज केन्द्रों पर पहुंचेगा. इसके लिए 4 हजार उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं.