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कंगाल होते-होते बची मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, जानें क्या है मामला - Madhya Pradesh East Region power distribution

जबलपुर स्थित कमर्शियल कोर्ट के एक अहम आदेश ने मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को कंगाल होने से बचा लिया है. कोर्ट ने कंपनी पर 1 हजार करोड़ रुपए की अदायगी का फैसला रद्द कर दिया है.

कंगाल होते-होते बचा मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण
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Published : Oct 30, 2019, 11:35 PM IST

जबलपुर। कमर्शियल कोर्ट के एक अहम आदेश से मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कंगाल होते-होते बच गई है. कोर्ट ने पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर एक हजार करोड़ रुपए की अदायगी का फैसला रद्द कर दिया है. दरअसल मामला उस दौरान का है, जब मध्यप्रदेश विद्युत मंडल प्रदेश में बिजली विभाग की कमान संभालता था, लेकिन विद्युत मंडल के बंद होने पर उसकी फाइनेंसियल लायबिलिटी, मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर आ गई.

विद्युत मंडल ने प्रदेश में लगे तमाम बिजली के खंभों पर विज्ञापन लगाने का टेंडर 20 लाख रु सालाना में इंदौर की शुभम एजेंसी को दे दिया था. बिना टेंडर बुलाए हुए इस ठेके को बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर रद्द कर दिया गया, लेकिन एजेंसी ने क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए आर्बिट्रेशन कोर्ट की शरण ले ली थी. आर्बिट्रेटर ने साल 2010 में अपना फैसला सुनाते हुए पूर्व विद्युत वितरण कंपनी को यह आदेश दिया था कि, वह शुभम एजेंसी को 4 सौ करोड़ रूपए की राशि चुकाए. जो राशि 2019 में ब्याज मिलाकर करीब 1 हजार करोड़ रुपये हो गई.

इतनी बड़ी राशि चुकाने में नाकाम वितरण कंपनी ने जबलपुर में स्थित कमर्शियल कोर्ट की शरण ली थी. कमर्शियल कोर्ट ने आर्बिट्रेटर द्वारा सुनाए गए इस फैसले को अवैध और जनहित के खिलाफ माना है. कमर्शियल कोर्ट ने आर्बिट्रेटर का आदेश रद्द कर दिया है, जिससे अब पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को कोई भी राशि नहीं चुकानी होगी.

जबलपुर। कमर्शियल कोर्ट के एक अहम आदेश से मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कंगाल होते-होते बच गई है. कोर्ट ने पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर एक हजार करोड़ रुपए की अदायगी का फैसला रद्द कर दिया है. दरअसल मामला उस दौरान का है, जब मध्यप्रदेश विद्युत मंडल प्रदेश में बिजली विभाग की कमान संभालता था, लेकिन विद्युत मंडल के बंद होने पर उसकी फाइनेंसियल लायबिलिटी, मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर आ गई.

विद्युत मंडल ने प्रदेश में लगे तमाम बिजली के खंभों पर विज्ञापन लगाने का टेंडर 20 लाख रु सालाना में इंदौर की शुभम एजेंसी को दे दिया था. बिना टेंडर बुलाए हुए इस ठेके को बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर रद्द कर दिया गया, लेकिन एजेंसी ने क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए आर्बिट्रेशन कोर्ट की शरण ले ली थी. आर्बिट्रेटर ने साल 2010 में अपना फैसला सुनाते हुए पूर्व विद्युत वितरण कंपनी को यह आदेश दिया था कि, वह शुभम एजेंसी को 4 सौ करोड़ रूपए की राशि चुकाए. जो राशि 2019 में ब्याज मिलाकर करीब 1 हजार करोड़ रुपये हो गई.

इतनी बड़ी राशि चुकाने में नाकाम वितरण कंपनी ने जबलपुर में स्थित कमर्शियल कोर्ट की शरण ली थी. कमर्शियल कोर्ट ने आर्बिट्रेटर द्वारा सुनाए गए इस फैसले को अवैध और जनहित के खिलाफ माना है. कमर्शियल कोर्ट ने आर्बिट्रेटर का आदेश रद्द कर दिया है, जिससे अब पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को कोई भी राशि नहीं चुकानी होगी.

Intro:जबलपुर
जबलपुर में स्थित कमर्शियल कोर्ट के एक अहम आदेश से मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कंगाल होते-होते बच गई है। कमर्शियल कोर्ट ने पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर 1000 करोड़ रुपए की अदायगी का फैसला रद्द कर दिया है।


Body:दरअसल मामला उस दौरान का है जब मध्यप्रदेश विद्युत मंडल प्रदेश में बिजली विभाग की कमान संभालता था लेकिन विद्युत मंडल के बंद होने पर उसकी फाइनेंसियल लायबिलिटी, मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर आ गई। विद्युत मंडल ने प्रदेश में लगे तमाम बिजली के खंभों पर विज्ञापन लगाने का टेंडर 20 लाख रु सालाना में इंदौर की शुभम एजेंसी को दे दिया था।बिना टेंडर बुलाए हुए इस ठेके को बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर रद्द कर दिया गया लेकिन एजेंसी ने क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए आर्बिट्रेशन कोर्ट की शरण ले ली थी। आर्बिट्रेटर ने साल 2010 में अपना फैसला सुनाते हुए पूर्व विद्युत वितरण कंपनी को यह आदेश दिया था कि वह शुभम एजेंसी को 400 करोड़ रूपए की राशि चुकाए जो राशि 2019 में ब्याज मिलाकर करीब 1000 करोड़ रुपये हो गई थी।


Conclusion:इतनी बड़ी राशि चुकाने में नाकाम वितरण कंपनी ने जबलपुर में स्थित कमर्शियल कोर्ट की शरण ली थी।कमर्शियल कोर्ट ने आर्बिट्रेटर द्वारा सुनाए गए इस फैसले को अवैध और जनहित के खिलाफ माना है। कमर्शियल कोर्ट ने आर्बिट्रेटर का आदेश रद्द कर दिया है जिससे अब पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को कोई भी राशि नहीं चुकानी होगी।
बाइट.1-नमन नागरथ...... अधिवक्ता
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