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पुलिस के पहरे में की गई भगवान शिव की आराधना, जानिए पूरा मामला

जबलपुर के रामपुर इलाके में बने एक शिव मंदिर में पूजा-अर्चना कराने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. मंदिर एक ईसाई परिवार की निजी संपत्ती में बना हैं. हालांकि ईसाई परिवार आम नागरिकों को मंदिर में पूजा करने के लिए कभी मना नहीं करता. लेकिन कुछ राजनीतिक लोग इस मामले को सियासी तूल देना चाहते है.

पुलिस के पहरे में निकली कांवड़ यात्रा।
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Published : Aug 13, 2019, 10:02 PM IST

जबलपुर। शहर के रामपुर इलाके में एक काफी पुराना शिव मंदिर है, यह ईसाई परिवार की संपत्ति है. यही कारण है कि मंदिर इस समय विवादित बना हुआ है. दरअसल कुछ हिंदुवादी नेताओं का कहना है कि ईसाई परिवार ने मंदिर पर अतिक्रमण कर रखा है. उन्होंने मंदिर को ईसाई परिवार से मंदिर को मुक्त कराने की मांग की है.

पुलिस के पहरे में निकली कांवड़ यात्रा।

लोग इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते है, सावन माह में श्रद्धालुओं की संख्या और भी बढ़ जाती है. ईसाई परिवार को भी आम लोगों के पूजा-अर्चना करने से कोई समस्या नहीं है, लेकिन जबलपुर के एक हिंदूवादी नेता और एक बीजेपी की नेत्री ने बीते दिनों मंदिर के आसपास अतिक्रमण हटाने और इसे ईसाई परिवार से मुक्त करवाने की मांग की थी. जिस पर ईसाई परिवार ने हाईकोर्ट से मदद की गुहार लगाई थी.

हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि जो लोग विवाद कर रहे हैं वे मंदिर में ना जाएं. तो बीजेपी नेत्री ने एक सैकड़ा महिलाओं के साथ ग्वारीघाट से शिव मंदिर तक कावड़ यात्रा का आयोजन किया. मामला हाईकोर्ट में होने से पुलिस ने कावड़ यात्रा के लिए लगभग 100 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई और विवादित नेता और नेत्री को मंदिर के बाहर ही रोक दिया.

जबलपुर। शहर के रामपुर इलाके में एक काफी पुराना शिव मंदिर है, यह ईसाई परिवार की संपत्ति है. यही कारण है कि मंदिर इस समय विवादित बना हुआ है. दरअसल कुछ हिंदुवादी नेताओं का कहना है कि ईसाई परिवार ने मंदिर पर अतिक्रमण कर रखा है. उन्होंने मंदिर को ईसाई परिवार से मंदिर को मुक्त कराने की मांग की है.

पुलिस के पहरे में निकली कांवड़ यात्रा।

लोग इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते है, सावन माह में श्रद्धालुओं की संख्या और भी बढ़ जाती है. ईसाई परिवार को भी आम लोगों के पूजा-अर्चना करने से कोई समस्या नहीं है, लेकिन जबलपुर के एक हिंदूवादी नेता और एक बीजेपी की नेत्री ने बीते दिनों मंदिर के आसपास अतिक्रमण हटाने और इसे ईसाई परिवार से मुक्त करवाने की मांग की थी. जिस पर ईसाई परिवार ने हाईकोर्ट से मदद की गुहार लगाई थी.

हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि जो लोग विवाद कर रहे हैं वे मंदिर में ना जाएं. तो बीजेपी नेत्री ने एक सैकड़ा महिलाओं के साथ ग्वारीघाट से शिव मंदिर तक कावड़ यात्रा का आयोजन किया. मामला हाईकोर्ट में होने से पुलिस ने कावड़ यात्रा के लिए लगभग 100 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई और विवादित नेता और नेत्री को मंदिर के बाहर ही रोक दिया.

Intro:विवादित नेताओं को बाहर रोककर प्रशासन ने ईसाई परिवार के शिव मंदिर में पूरी करवाई कावड़ यात्रा हाईकोर्ट के आदेश पर विवादित नेताओं को नहीं जाने दिया गया शिव मंदिर में


Body:जबलपुर के रामपुर इलाके में एक शिव मंदिर है जो काफी पुराना है लेकिन अब यह एक ईसाई परिवार की संपत्ति है मंदिर में भगवान शंकर की स्थापना है और लोक पूजन अर्चन करने यहां आते हैं ईसाई परिवार को भी आम लोगों के पूजन अर्चन से कोई समस्या नहीं है लेकिन जबलपुर के एक हिंदूवादी नेता और एक भारतीय जनता पार्टी की नेत्री ने बीते दिनों मंदिर के आसपास अतिक्रमण हटाने और इसे ईसाई परिवार से मुक्त करवाने की मांग की ईसाई परिवार ने हाई कोर्ट से मदद मांगी हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा कि जो लोग विवाद कर रहे हैं वे मंदिर में ना जाएं तो भाजपा नेत्री ने आज एक सैकड़ा महिलाओं को इकट्ठा किया और ग्वारीघाट से शिव मंदिर तक के लिए एक कावड़ यात्रा का आयोजन किया क्योंकि मामला हाईकोर्ट में था इसलिए पुलिस और प्रशासन के लिए समस्या खड़ी हो गई और सौ लोगों की कावड़ यात्रा के लिए लगभग 100 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई और विवाद करने वाले नेता और नेत्री को मंदिर के बाहर ही रोक दिया गया


Conclusion:राष्ट्रीय राजनीति में धार्मिक मुद्दे उठने के बाद अब छोटे-छोटे धार्मिक मुद्दों को हवा देना राजनीति का शगल बन गया है और राम मंदिर से लेकर छोटे-छोटे मंदिर और मस्जिद इन दिनों राजनीति के मुद्दे बन गए हैं नेता खुद को स्थापित करने के लिए सामाजिक समरसता बिगाड़ने पर तुले हुए हैं
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