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जबलपुर की मटर की विदेशों में क्यों नहीं हो पा रही सप्लाई? यह वजह आई सामने - विदेशों में नहीं हो रही जबलपुर की मटर की सप्लाई

जबलपुर की मटर की विदेशों में सप्लाई नहीं हो पा रही है, आइए जानते हैं क्या है इसके पीछे की वजह-

Jabalpur peas are not being supplied abroad
विदेशों में नहीं हो रही जबलपुर की मटर की सप्लाई
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 9, 2023, 9:19 PM IST

Updated : Dec 9, 2023, 9:38 PM IST

विदेशों में नहीं हो पा रही जबलपुर की मटर की सप्लाई, जानें क्यों

जबलपुर। दुनिया भर में मशहूर जबलपुरी मटर भले ही खूब शोहरत पा रहा है, लेकिन इस मटर के उत्पादक किसान आंसू बहा रहे हैं. अब इस बार आबू धाबी में जबलपुरी मटर की डिमांड हो रही है और किसान संगठन इसके लिए शासन प्रशासन से बातचीत कर रहे हैं. दूसरी तरफ मंडियों में किसानों की अपनी उपज की उचित कीमत नहीं मिल रही है, किसानों की मानें तो मटर की फसल में प्रति एकड़ 30 से 35 हजार रुपए की लागत आती है. लेकिन मंडियों में यह महज 15 से 20 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से बिक रहा है, जिससे किसानों को लागत भी पूरी नहीं मिल पा रही है.

विदेशों में नहीं हो रही जबलपुर की मटर की सप्लाई: किसानों के उत्थान के लिए बनाये गए एफपीओ यानी फार्मर्स प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन के निदेशक राघवेंद्र पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि "जबलपुर में करीब 40 हजार हेक्टेयर में मटर का उत्पादन होता है, जिसे देश के कई राज्यों में भेजा जाता है. इसके अलावा दुनिया के अन्य देशों में भी इस मटर को काफी पसंद किया जाता है, यही वजह है कि एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत जबलपुर के मटर को जबलपुर की पहचान और प्रमुख उत्पाद के रूप में टैग दिया गया है. इस बार उन्होंने आबू धाबी के एक सप्लायर से बात की है, जहां मटर पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन चुनौती यह है कि इस मटर को वहां पहुंचने में 5 से 7 दिन लग सकते हैं. ऐसे में मटर को सिर्फ एसी कंटेनर में ही ले जाया जा सकता है, उनके द्वारा प्रशासन से चर्चा की गई है और मटर को सुरक्षित आबूधाबी तक पहुंचाने के लिए मदद मांगी है."

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सप्लाई चेन बनी तो किसानों को होगा फायदा: बहरहाल जिले के किसान प्रतिवर्ष लगभग 400 करोड़ रुपए का मटर बेचते हैं, यदि विदेशों में सप्लाई चेन बनती है तो यह आमदनी कई गुना बढ़ सकती है, जिसका सीधा सीधा लाभ किसान को मिल सकता है.

विदेशों में नहीं हो पा रही जबलपुर की मटर की सप्लाई, जानें क्यों

जबलपुर। दुनिया भर में मशहूर जबलपुरी मटर भले ही खूब शोहरत पा रहा है, लेकिन इस मटर के उत्पादक किसान आंसू बहा रहे हैं. अब इस बार आबू धाबी में जबलपुरी मटर की डिमांड हो रही है और किसान संगठन इसके लिए शासन प्रशासन से बातचीत कर रहे हैं. दूसरी तरफ मंडियों में किसानों की अपनी उपज की उचित कीमत नहीं मिल रही है, किसानों की मानें तो मटर की फसल में प्रति एकड़ 30 से 35 हजार रुपए की लागत आती है. लेकिन मंडियों में यह महज 15 से 20 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से बिक रहा है, जिससे किसानों को लागत भी पूरी नहीं मिल पा रही है.

विदेशों में नहीं हो रही जबलपुर की मटर की सप्लाई: किसानों के उत्थान के लिए बनाये गए एफपीओ यानी फार्मर्स प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन के निदेशक राघवेंद्र पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि "जबलपुर में करीब 40 हजार हेक्टेयर में मटर का उत्पादन होता है, जिसे देश के कई राज्यों में भेजा जाता है. इसके अलावा दुनिया के अन्य देशों में भी इस मटर को काफी पसंद किया जाता है, यही वजह है कि एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत जबलपुर के मटर को जबलपुर की पहचान और प्रमुख उत्पाद के रूप में टैग दिया गया है. इस बार उन्होंने आबू धाबी के एक सप्लायर से बात की है, जहां मटर पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन चुनौती यह है कि इस मटर को वहां पहुंचने में 5 से 7 दिन लग सकते हैं. ऐसे में मटर को सिर्फ एसी कंटेनर में ही ले जाया जा सकता है, उनके द्वारा प्रशासन से चर्चा की गई है और मटर को सुरक्षित आबूधाबी तक पहुंचाने के लिए मदद मांगी है."

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सप्लाई चेन बनी तो किसानों को होगा फायदा: बहरहाल जिले के किसान प्रतिवर्ष लगभग 400 करोड़ रुपए का मटर बेचते हैं, यदि विदेशों में सप्लाई चेन बनती है तो यह आमदनी कई गुना बढ़ सकती है, जिसका सीधा सीधा लाभ किसान को मिल सकता है.

Last Updated : Dec 9, 2023, 9:38 PM IST
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