भोपाल: राजधानी से निकलने वाले कचरे के शत प्रतिशत निस्तारण की दिशा में नगर निगम भोपाल निरंतर काम कर रहा है. इसके साथ ही कचरा ट्रांसफर स्टेशन पर पहुंचने वाले रिसायकिल योग्य कचरे का फिर से उपयोग कर जरुरत के सामान बनाए जा रहे हैं. हाल में ही नगर निगम ने दानापानी कचरा ट्रांसफर स्टेशन में मंदिरों से निकलने वाली निर्माल्य सामग्री, गुड़ और नीबूं से बायो एंजाइम तैयार कर रहा है. वहीं फूलों से अगरबत्ती तैयार की जा रही है. इसके साथ ही नगर निगम द्वारा कोकोनट वेस्ट और पुराने कपड़ों से रस्सियां व अन्य सामग्री बनाने का काम किया जा रहा है.
फूलों से बन रही अगरबत्ती
दानापानी कचरा ट्रांसफर प्लांट में मंदिरों और शादी-समारोह से निकलने वाले फूलों को एकत्रित कर अगरबत्ती बनाई जा रही है. शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित मंदिरों से फूल व अन्य निर्माल्य सामग्री एकत्रित करने के लिए 4 मैजिक वाहन लगाए गए हैं. मुख्यालय से इसकी मानीटरिंग भी की जा रही है.
दिव्य बायो एंजाइम
नगर निगम के कचरा ट्रांसफर स्टेशन में मंदिरों से पहुंचने वाली निर्माल्य सामग्री, गुड़ और नीबूं के इस्तेमान से दिव्य बायो एंजाइम तैयार किए जा रहे हैं. इसे बनाने में 45 से 90 दिन का समय लगता है. इसे छानकर पौधें में खाद-कीटनाशक की तरह, कपड़े-बर्तन धोने, फिनाइल और पानी साफ करने के लिए उपयोग किया जा सकता है.
पुराने कपड़ों से रस्सी
दानापानी कचरा स्टेशन में ही रस्सी बनाने की मशीन लगाई गई है. इसमें कोकोनट वेस्ट और पुराने कपड़ों की मदद से रस्सी बनाई जा रही है. इसमें कचरे में फेंके जाने वाले कपड़े और लोगों द्वारा दिए गए पुराने का कपड़ों का इस्तेमाल होता है.
गोबर से बने गमले
सीएसआर के तहत नगर निगम को तीन मशीनें मिली हैं, जिसमें गोबर से गमले बनाए जा रहे हैं. इनका इस्तेमाल नर्सरियों में किया जाएगा. जिससे की पौधे लगाने के लिए पालीथिन का इस्तेमान नहीं करना पड़े. वहीं गोबर से गमले बनाने में कोकोनट वेस्ट का इसतेमाल भी किया जा रहा है.
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थर्माकोल की होगी रिसाइकलिंग
नगर निगम द्वारा अगले चरण में थर्माकोल रिसाइकलिंग प्लांट भी लगाया जा रहा है. यह भी सीएसआर फंड की मदद से लगाया जाएगा. इसके लिए निगम को 10 लाख रुपये मिले हैं. यहां कचरे में आने वाले थर्माकोल को रिसायकल कर पुनः उपयोग किया जाएगा.