भोपाल: राजधानी में एम्स से करोंद तक करीब 14 किलोमीटर के दायरे में मेट्रो का संचालन होना है. इसके पहले फेज में एम्स से सुभाष नगर तक प्रायोरिटी कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है. सुभाष नगर से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन तक मेट्रो का ट्रायल भी हो चुका है. अब एम्स से सुभाष नगर तक करीब 7 किलोमीटर के कॉरिडोर में मेट्रो को चलाया जाएगा. इसके बाद दूसरे फेज में सुभाष नगर से करोंद तक मेट्रो कॉरिडोर बनाने का काम शुरू हो गया है. इसके लिए अतिक्रमण हटाया जा रहा है. मेट्रो कॉरिडोर के दायरे में आने वाली ऐसी 29 दुकानों पर बुलडोजर चला दिया गया. इसके आसपास बनीं अभी 40 दुकानें और टूटेंगी.
आइस फैक्ट्री की जमीन पर कब्जा कर बनाई 40 दुकानें
सोमवार को जिला प्रशासन ने अल्पना तिराहे से भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 6 तक करीब 29 दुकानों को बुलडोजर से गिरा दिया. इस दौरान कुछ अतिक्रमणकारियों ने कार्रवाई का विरोध भी किया. उनका कहना था कि प्रशासन ने कल हमसे अपना सामान हटाने की बात कही थी लेकिन ऐसा नहीं बताया कि आज बुलडोजर चलेगा. ऐसे में हम लोग अपना सामान भी नहीं हटा पाए.
इधर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि प्लेटफार्म नंबर 6 के सामने जहां 29 दुकानों को तोड़ा गया है, उसके पास ही नर्मदा आइस फैक्ट्री की जमीन है. जिस पर लोगों ने कब्जा कर 40 दुकानें बना ली हैं. अब अगली कार्रवाई इन्हीं दुकानों को हटाने की होगी. इसके बाद ईरानी डेरे के पास से 30 अतिक्रमण हटाए जाएंगे.
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दूसरे फेज में होंगे मेट्रो के ये काम
मेट्रो के अधिकारियों के मुताबिक दूसरे फेज में सुभाष नगर से करोंद तक 8.77 किलोमीटर का ट्रैक होगा. इसमें पुल बोगदा से सिंधी कॉलोनी तक 3.39 किलोमीटर का रूट अंडर ग्राउंड होगा. जबकि बाकी के हिस्से में एलिवेटेड कॉरिडोर बनेगा. 8.77 किलोमीटर के इस ट्रैक में 6 मेट्रो स्टेशन एलिवेटेड और 2 अंडर ग्राउंड होंगे. सुभाष नगर से करोंद तक मेट्रो का ट्रैक बनाने में 890 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
मेट्रो के अधिकारियों ने बताया कि अभी पुल बोगदा के पास आरा मिल भी हटानी है. इसके लिए पहले ही आरा मिल संचालकों को नोटिस भेजा जा चुका है. उन्हें शहर से बाहर जमीनें देने का आश्वासन भी दिया है. यदि आपसी सहमति से आरा मशीनें नहीं हटती तो वहां भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी.