जबलपुर। करोना वायरस से पूरी दुनिया में तनाव का माहोल है. इससे लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इस वायरस पर शोध अभी बहुत कम हुआ है लेकिन रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डीन डॉ. एसएस संधू का कहना है करोना वायरस 56 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचते ही निष्क्रिय हो जाता है.
डॉ. एसएस संधू का कहना है कि करोना वायरस का ज्यादा गर्म वातावरण में प्रोटीन विघटित हो जाता है और यह खत्म हो जाता है इसलिए भारत में इसकी उम्र बहुत ज्यादा नहीं है. अभी तेज गर्मी पड़ेगी तो इसका फैलना रुक जाएगा, केवल जो लोग बेहद ठंडे वातावरण में रह रहे हैं उन्हें ही यह वायरस असर करेगा. बाकी जो लोग सामान्य वातावरण में या लू के मौसम में गर्म जगहों पर रहेंगे उन्हें इस वायरस से डरने की जरूरत नहीं है.
उनका कहना है कि इसके बाद भी यदि किसी को यह वायरस प्रभावित करता है तो उसे हॉट एयर ट्रीटमेंट लेना चाहिए और घरों में ही पाए जाने वाले हेयर ड्रायर से गर्म हवाओं को अपने शरीर पर डालने से खासतौर पर चेहरे के आसपास डालने से वायरस निष्क्रिय हो जाएगा, क्योंकि चेहरे के आसपास ही इस वायरस को पनपने के लिए ठंडी जगह मिलती हैं और यहां से यह शरीर में प्रवेश करता है इसलिए यदि चेहरे पर गर्म हवा डाली जाए तो यह वायरस बिना किसी दवा के ही निष्क्रिय हो जाएगा. लोगों को ठंडक से बचना चाहिए और गर्म स्थान पर रहना चाहिए इससे शरीर में भी गर्मी बनी रहेगी और वायरस शरीर को नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा.