ETV Bharat / state

मुलाकात में भी नहीं बनी बात, सरकार और जूडा अपनी-अपनी जिद पर अड़े

जूनियर डॉक्टर और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बीच हुई मुलाकात फिर बेनतीजा रही. सरकार ने कहा कि जूडा कोर्ट के आदेश का सम्मान करें, तो वहीं जूनियर डॉक्टर्स ने लिखित आश्वासन नहीं मिलने तक काम पर लौटने से इनकार कर दिया है.

थोड़ी देर में मंत्री सारंग से मिलने पहुंचेंगे जूनियर डॉक्टर
थोड़ी देर में मंत्री सारंग से मिलने पहुंचेंगे जूनियर डॉक्टर
author img

By

Published : Jun 6, 2021, 3:30 PM IST

Updated : Jun 6, 2021, 6:00 PM IST

भोपाल/जबलपुर। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और जूनियर डॉक्टर के प्रतिनिधिमंडल के बीच मंत्री के बंगले पर हुई मुलाकात फिर से बेनतीजा रही. सरकार और जूनियर डॉक्टर अपनी-अपनी जिद पर अड़े रहे. मंत्री ने कहा कि जूनियर डॉक्टर कोर्ट के फैसला का सम्मान करें और काम पर लौट आएं, जबकि जूनियर डॉक्टर्स ने लिखित आश्वासन नहीं मिलने तक काम पर लौटने से इनकार कर दिया है. इधर जबलपुर में जूनियर डॉक्टर्स के काम पर नहीं लौटने पर हाई कोर्ट में अवमानना याचिका भी दायर की गई है.

मंत्री से मुलाकात करने गए थे जूनियर डॉक्टर

सरकार और जूनियर डॉक्टर के बीच लंबे समय से चली आ रही खींचतान रविवार को नर्म पड़ती हुई नजर आई थी. पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने बयान दिया कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है, जूनियर डॉक्टर ही बात नहीं कर रहे. शाम होते-होते जूनियर डॉक्टर मंत्री से मुलाकात करने घर जा पहुंचे. लेकिन इतनी कवायद के बाद भी मुलाकात बेनतीजा रही. बताया जा रहा है कि मंत्री ने जूनियर डॉक्टर्स को कोर्ट का सम्मान करते हुए काम पर लौटने की नसीहत दी. तो वहीं जूनियर डॉक्टर मांगों को मानने का लिखित आश्वासन नहीं मिलने तक काम पर नहीं लौटने की बात पर अड़े रहे.

JUDA से बातचीत के लिए राजी सरकार, हड़ताली बना रहे दबाव: मंत्री

हाई कोर्ट में अवमानना याचिका

इधर जबलपुर में जूनियर डॉक्टर के खिलाफ एक अवमानना याचिका दायर की गई है. याचिका दायर करने वाले वैज्ञानिक डॉक्टर एमए खान का कहना है कि जब हाई कोर्ट ने हड़ताल को अवैधानिक घोषित कर दिया है तो जूनियर डॉक्टर को कोर्ट का सम्मान करना चाहिए और काम पर वापस आ जाना चाहिए. याचिकाकर्ता का कहना है कि यह समय काम बंद करने का नहीं है, यदि काम बंद किया गया तो कई लोगों की जान जा सकती है.

मांगों पर बाद में भी हो सकता है विचार

याचिकाकर्ता ने कहा कि जूनियर डॉक्टर की समस्याओं पर बाद में फिर से विचार किया जा सकता है, लेकिन यदि लोगों की जान चली गई तो वह वापस नहीं लाई जा सकेगी. याचिकाकर्ता ने कहा कि जूनियर डॉक्टर के कोर्ट का आदेश नहीं मानने का फैसला गलत है. पूरे समाज में सभी लोग कोर्ट का सम्मान करते हैं, ऐसे में जूनियर डॉक्टर को भी अपने फैसले पर विचार करना चाहिए.

भोपाल/जबलपुर। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और जूनियर डॉक्टर के प्रतिनिधिमंडल के बीच मंत्री के बंगले पर हुई मुलाकात फिर से बेनतीजा रही. सरकार और जूनियर डॉक्टर अपनी-अपनी जिद पर अड़े रहे. मंत्री ने कहा कि जूनियर डॉक्टर कोर्ट के फैसला का सम्मान करें और काम पर लौट आएं, जबकि जूनियर डॉक्टर्स ने लिखित आश्वासन नहीं मिलने तक काम पर लौटने से इनकार कर दिया है. इधर जबलपुर में जूनियर डॉक्टर्स के काम पर नहीं लौटने पर हाई कोर्ट में अवमानना याचिका भी दायर की गई है.

मंत्री से मुलाकात करने गए थे जूनियर डॉक्टर

सरकार और जूनियर डॉक्टर के बीच लंबे समय से चली आ रही खींचतान रविवार को नर्म पड़ती हुई नजर आई थी. पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने बयान दिया कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है, जूनियर डॉक्टर ही बात नहीं कर रहे. शाम होते-होते जूनियर डॉक्टर मंत्री से मुलाकात करने घर जा पहुंचे. लेकिन इतनी कवायद के बाद भी मुलाकात बेनतीजा रही. बताया जा रहा है कि मंत्री ने जूनियर डॉक्टर्स को कोर्ट का सम्मान करते हुए काम पर लौटने की नसीहत दी. तो वहीं जूनियर डॉक्टर मांगों को मानने का लिखित आश्वासन नहीं मिलने तक काम पर नहीं लौटने की बात पर अड़े रहे.

JUDA से बातचीत के लिए राजी सरकार, हड़ताली बना रहे दबाव: मंत्री

हाई कोर्ट में अवमानना याचिका

इधर जबलपुर में जूनियर डॉक्टर के खिलाफ एक अवमानना याचिका दायर की गई है. याचिका दायर करने वाले वैज्ञानिक डॉक्टर एमए खान का कहना है कि जब हाई कोर्ट ने हड़ताल को अवैधानिक घोषित कर दिया है तो जूनियर डॉक्टर को कोर्ट का सम्मान करना चाहिए और काम पर वापस आ जाना चाहिए. याचिकाकर्ता का कहना है कि यह समय काम बंद करने का नहीं है, यदि काम बंद किया गया तो कई लोगों की जान जा सकती है.

मांगों पर बाद में भी हो सकता है विचार

याचिकाकर्ता ने कहा कि जूनियर डॉक्टर की समस्याओं पर बाद में फिर से विचार किया जा सकता है, लेकिन यदि लोगों की जान चली गई तो वह वापस नहीं लाई जा सकेगी. याचिकाकर्ता ने कहा कि जूनियर डॉक्टर के कोर्ट का आदेश नहीं मानने का फैसला गलत है. पूरे समाज में सभी लोग कोर्ट का सम्मान करते हैं, ऐसे में जूनियर डॉक्टर को भी अपने फैसले पर विचार करना चाहिए.

Last Updated : Jun 6, 2021, 6:00 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.